नई दिल्ली: अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने कहा है कि भारत एक 'अहम' क्षेत्रीय और आर्थिक शक्ति है. तालिबान की यह टिप्पणी विदेश सचिव विक्रम मिसरी और अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी के बीच दुबई में बुधवार 8 जनवरी को हुई बातचीत के बाद आई है.
मिसरी और मुत्तकी ने अगस्त 2021 में तालिबान के अफगानिस्तान में सत्ता पर काबिज होने के बाद दोनों देशों के बीच आयोजित पहली सार्वजनिक उच्च-स्तरीय बैठक में विभिन्न मुद्दों पर बातचीत की.
अफगानिस्तान के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि मुत्तकी ने 'मानवीय सहायता के लिए भारत का आभार जताया और कहा कि अपनी संतुलित एवं अर्थव्यवस्था-केंद्रित विदेश नीति के तहत हम भारत के साथ राजनीतिक और आर्थिक संबंधों को मजबूत करना चाहते हैं.'
Foreign Secy @VikramMisri met Acting Foreign Minister of Afghanistan Mawlawi Amir Khan Muttaqi in Dubai today.
— Randhir Jaiswal (@MEAIndia) January 8, 2025
Both sides discussed 🇮🇳's ongoing humanitarian assistance to Afghanistan, bilateral issues and security situation in the region. India reiterated its commitment to… pic.twitter.com/a3UyuIqkAG
मंत्रालय ने कहा, "विदेश मंत्री ने भारतीय पक्ष को भरोसा दिलाया कि उसे अफगानिस्तान से कोई खतरा नहीं है. उन्होंने राजनयिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए भारत से अपने व्यापारियों, मरीजों और छात्रों को वीजा सुविधा मिलने की आशा भी व्यक्त की."
बयान में कहा गया कि बैठक में अफगानिस्तान के वाणिज्य और परिवहन मंत्रालय के प्रतिनिधियों ने भी हिस्सा लिया और दोनों देशों के बीच राजनीतिक, आर्थिक तथा लोगों के बीच संबंधों को बढ़ावा देने के उपायों पर व्यापक चर्चा हुई.
विकास परियोजनाओं में शामिल होने पर विचार करेगा भारत
भारत के विदेश मंत्रालय के अनुसार, बैठक में भारतीय पक्ष ने कहा कि नई दिल्ली अफगानिस्तान में विकास परियोजनाओं में शामिल होने और स्वास्थ्य क्षेत्र में देश को अतिरिक्त सामग्री सहायता प्रदान करने पर विचार करेगा.
चाबहार बंदरगाह के इस्तेमाल को बढ़ावा देने पर सहमति
मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि अफगान पक्ष के अनुरोध के जवाब में, भारत सबसे पहले स्वास्थ्य क्षेत्र और शरणार्थियों के पुनर्वास के लिए अतिरिक्त सामग्री सहायता प्रदान करेगा. मंत्रालय ने कहा कि अफगानिस्तान के लिए मानवीय सहायता के उद्देश्य सहित व्यापार और वाणिज्यिक गतिविधियों के समर्थन के लिए चाबहार बंदरगाह के इस्तेमाल को बढ़ावा देने पर भी सहमति बनी.
अफगानिस्तान ने कहा कि भारतीय पक्ष ने बताया कि वह चाबहार बंदरगाह के माध्यम से व्यापार को बढ़ावा देने को इच्छुक है.
मिसरी और मुत्तकी के बीच वार्ता भारत के अफगानिस्तान में पाकिस्तानी हवाई हमलों की खुली निंदा करने के दो दिन बाद हुई. इन हमलों में दर्जनों लोग मारे गए थे.
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