कानपुर:शहर की सीमा से सटे जिले अकबपुर (कानपुर देहात) में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने राजेश द्विवेदी को अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है. खुद राजेश द्विवेदी ने इसकी पुष्टि की और कहा कि सालों बाद बसपा सुप्रीमो का आशीर्वाद मिला और उन्होंने खुद कहा कि अब चुनाव लड़ाने का नहीं लड़ने का समय आ गया है. वहीं, इससे पहले भाजपा ने जहां मौजूदा सांसद देवेंद्र सिंह भोले को ही दोबारा टिकट दी है तो वहीं समाजवादी पार्टी से राजाराम पाल को टिकट दिया गया है.
अब, बसपा के ब्राह्मण कार्ड चलने से कानपुर देहात के सियासी गलियारों में यह चर्चा जोरों पर है कि, लोकसभा 2024 का चुनाव बेहद रोचक होगा. सियासी जानकारों का कहना था, कि कानपुर देहात में बसपा हमेशा दूसरे नंबर पर लड़ाई लड़ती रही है. ऐसे में अब, ब्राह्मण प्रत्याशी होने से चुनाव काफी हद तक प्रभावित होने की उम्मीद है.
कभी कानपुर देहात की सीट पर बसपा से ही बनते थे सांसद: कानपुर देहात में लोकसभा चुनाव के इतिहास को देखेंगे, तो एक दौर ऐसा था जब यहां की सीट पर बसपा से ही प्रत्याशी सांसद बने. मगर साल 2019 के चुनाव में भाजपा के प्रत्याशी देवेंद्र सिंह भोले ने अच्छे-खासे मतों से बसपा की प्रत्याशी रहीं निशा सचान को हराया था. अब, साल 2024 के चुनाव में बसपा ने ब्राह्मण चेहरे पर अपना दांव लगाया है.
मैं संगठन का कार्यकर्ता, देहात में रही अधिक सक्रियता: ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान बसपा के प्रत्याशी राजेश द्विवेदी ने कहा, कि मैं पिछले लगभग 20 सालों से बसपा में ही एक कार्यकर्ता के तौर पर काम करता रहा हूं. नगर से अधिक सक्रियता देहात क्षेत्र में रही. मैंने संगठन के कई पदाधिकारियों को चुनाव लड़ाया, इसी वजह से बसपा सुप्रीमो मायावती ने इस चुनाव में प्रत्याशी बना दिया.
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