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'लालू-तेजस्वी के अथक प्रयासों और संघर्षों ने कर्पूरी ठाकुर को दिलाया भारत रत्न', RJD कार्यालय के बाहर लगा पोस्टर - पटना राजद कार्यालय

Poster Outside Patna RJD Office: कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने को लेकर पटना राजद कार्यालय के बाहर पोस्टर लगा है. पोस्टर में साफ और सपष्ट शब्दों में लिखा है कि जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न मिलना लालू यादव और तेजस्वी यादव के संघर्षों का परिणाम है. पढ़ें पूरी खबर.

पटना राजद कार्यालय के बाहर लगा पोस्टर
पटना राजद कार्यालय के बाहर लगा पोस्टर

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jan 25, 2024, 5:38 PM IST

पटना राजद कार्यालय के बाहर लगा पोस्टर

पटना:पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिए जाने की घोषणा की गई है. जिसके बाद से बिहार में सभी पार्टियों इसका श्रेय लेने में लग गई हैं. पहले ही लालू यादव ने एक्स पर पोस्ट कर इसका सारा क्रेडिट अपने और बिहार सरकार के नाम कर लिया था. एक बार फिर से राजद कार्यालय के बाहर इसी संदर्भ में पोस्टर लगाकर राजद सुप्रीमो और प्रदेश के उपमुख्यमंत्री को इसका श्रेय दिया गया है.

राजद कार्यालय के बाहर लगा पोस्टर: दरअसल राजद कार्यालय के बाहर लगे पोस्टर में यह दावा किया गया कि सबसे पहले राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने ही जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने की मांग की थी. जिस तरह से बिहार में जातीय गणना कराई गई और यह साफ हो गया कि अति पिछड़ा की संख्या बिहार में सबसे ज्यादा है. जिसके बाद केंद्र सरकार ने कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिया है.

पोस्टर पर लिखे शब्द: राजद कार्यालय के बाहर लगे पोस्टर में लिखा गया है कि'राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के अथक प्रयासों और संघर्षों का परिणाम जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न मिलना है. संप्रदायवाद, अधिनायकवाद और पूंजीवाद पर जीत के लिए बिहार वासियों को बधाई. जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न मिलना तो एक झांकी है, डॉ राम मनोहर लोहिया और काशी राम बाकी है.'

राजद के प्रदेश महासचिव ने लगवाया पोस्टर: बता दें कि इस पोस्टर को राजद के प्रदेश महासचिव भाई अरुण की ओर से लगवाया गया है. इस दौरान उन्होंने कहा की भाजपा के लोग कुछ भी कहें, जननायक कर्पूरी ठाकुर की विचारधारा को लालू यादव ने अपनाया और उनके सिद्धांत को आगे बढ़ाते रहे. उन्होनें कहा कि यही कारण रहा कि बिहार में जातीय गणना कराने को लेकर लालू और तेजस्वी ने लगातार प्रयास किया. जातीय जनगणना की वजह से ही जननायक को उनका सम्मान मिला.

"जातीय गणना में अति पिछड़ों का आंकड़ा सामने आया तो बीजेपी के होश उड़ गये. बीजेपी के लोग समझने लगे कि सिर्फ राम मंदिर बनाने से काम नहीं चलने वाला है. अतिपिछड़ा समाज के लिए कुछ ना कुछ करना पड़ेगा. जो मांग लालू जी ने शुरू से की थी. मजबूरन केंद्र सरकार को माननी पड़ी. इसका मतलब साफ है कि इसका श्रेय लालू यादव को जाता है."- भाई अरुण, प्रदेश महासचिव, राजद

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