गया:बिहार के गया में 15 देश से पहुंचेविदेशियों ने पिंंडदान कियाहै. यह विदेशी अमेरिका, रूस समेत विभिन्न 15 देश से आए हैं. ये विदेशी शनिवार को पहुंचे थे. शनिवार की संध्या को ही यह विश्व प्रसिद्ध विष्णु पर मंदिर को पहुंचे और वहां भ्रमण किया था. इसके बाद रविवार को उनके द्वारा पिंडदान किया गया. पिंडदान कर उन्होंने अपने पूर्वजों के मोक्ष की कामना की. 60 विदेशियों में काफी संख्या में विदेशी महिलाएं भी शामिल हैं.
60 विदेशी ने किया पिंडदान:60 विदेशी विष्णुपद मंदिर परिसर, फल्गु तट पर और अक्षयवट में पिंडदान का कर्मकांड पूरा किया. यह सभी अपने पूर्वजों -पितरों के मोक्ष की कामना के लिए पिंडदान किया. इनमें कई विदेशी परिवार ऐसे थे, जो विभिन्न बाधाओं से पीड़ित है. कहा जाता है कि पितृ दोष के कारण इस तरह की बाधाएं आती है. अपने पितरों-पूर्वजों को प्रसन्न करने के लिए साठ की संख्या में विदेशी गया जी को पहुंचे और पिंडदान का कर्मकांड किया.
एकदिवसीय श्राद्ध पिंडदान:वही इस संबंध में पिंडदान करने वाले विजय लाल विट्ठल ने बताया कि कई देशों से विदेशी विष्णुपद को पहुंचे. विष्णुपद पहुंचकर इन्होंने पिंंडदान का कर्मकांड किया है. अपने पूर्वजों के निमित इन्होंने पिंडदान का कर्मकांड किया. गयापाल पंडा विजय लाल विट्ठल ने बताया कि 15 देश से विदेशी पहुंचे हैं. इनकी संख्या 60 के करीब है. इसमें कुछ अमेरिका से हैं, तो कुछ रूस से, इसके अलावा अन्य देशो से हैं.
"15 देश के विदेशी गया जी पहुंचे हैं और पिंडदान का कर्मकांड किया है. गया जी से ये काफी प्रभावित है. गया जी की महता और पूर्वजों के मोक्ष की कामना को लेकर काफी प्रभावित हैं और यहां आकर पूर्वजों के मोक्ष की कामना को लेकर पिंडदान किया है."- विजय लाल विट्ठल, गया पंडा
विदेशों से आने वाले पिंडदानियां की बढ़ी संख्या:वहीं, विदेशों से आने वाले पिंडदानियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. पहली बार ऐसा है, कि विदेशियों का जत्था दर जत्था गया जी को पहुंच रहा है और पूर्वजों पितरों के मोक्ष की कामना को लेकर पिंडदान का कर्मकांड कर रहा है. पिछले महीने ही 60 से अधिक की संख्या में रूस समेत दर्जन भर देशों से पिंडदानी गया जी को पहुंचे थे.
दोष बाधा से मुक्ति मिली है:मोक्ष धाम गया जी का क्रेज विदेशियों के बीच लगातार बढ़ता जा रहा है और विदेशी गया जी धाम को आ रहे हैं. विदेशियों का कहना है, कि यहां के बारे में सुना है कि गया जी में पिंडदान से पितरों पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति होती है. घर में सुख शांति आती है. कई ऐसे हैं, जिन्हें इस पिंडदान करने से कई तरह के दोष बाधा से मुक्ति मिली है. हमें गयाजी धाम यानि विष्णुपद के प्रति काफी आस्था है और अपने पूर्वजों के मोक्ष की कामना को लेकर गया जी आए हैं.