पटना: नियोजित शिक्षकों को राज्य कर्मी बनने के लिए सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण होना है. सक्षमता परीक्षा के आयोजन की पूरी जिम्मेदारी बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को दी गई है. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने इस परीक्षा को ऑनलाइन मोड में आयोजित करने का निर्णय लिया है. जिसका तमाम शिक्षक संगठन विरोध कर रहे हैं. इसी बीच बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ मूल के प्रदेश अध्यक्ष प्रमोद कुमार यादव ने सक्षमता परीक्षा के खिलाफ विशिष्ट शिक्षक नियमावली 2023 को चैलेंज करते हुए पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर की है.
शिक्षक संघ की पांच प्रमुख मांग: प्रमोद कुमार यादव ने कहा है कि पांच प्रमुख बिंदुओं पर इस केस को फाइल किया गया है. जिसमें ऐच्छिक स्थानांतरण का लाभ मिले. सेवा निरंतरता के साथ प्रोन्नति MACP का लाभ हो. विशिष्ट शिक्षक परीक्षा स्वैच्छिक हो. यानी जो परीक्षा नहीं देना चाहते हो या परीक्षा में फेल हो, वह अपने पद पर बने रहें. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा ली जाने वाली एग्जाम ऑफलाइन यानी मैन्युअल हो. विशिष्ट शिक्षक के लिए होने वाले एग्जाम विद्यालय आधारित पाठ्यक्रम पर हो न कि बीपीएससी आधारित पाठ्यक्रम पर लिया जाए.
विशिष्ट शिक्षक नियमावली को चैलेंज: प्रमोद कुमार यादव ने बताया कि विशिष्ट शिक्षक नियमावली 2023 और बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा निर्गत परीक्षा मार्गदर्शिका को मुख्य रूप से चैलेंज किया गया है. विशिष्ट शिक्षकों के नियमावली को चैलेंज करने के लिए पटना हाई कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता और शिक्षा मामलों के जानकार वाईवी गिरी का परामर्श लिया गया है. यह कोर्ट में शिक्षकों के मुद्दे पर बहस कर बिहार के सभी शिक्षक भाई एवं शिक्षिका बहनों के पक्ष को मजबूती से उच्च न्यायालय पटना में रखेंगे.
"शिक्षकों के मुद्दे पर हम लगातार लड़ते आए हैं और आगे भी शिक्षक हित में इसी प्रकार लड़ते रहेंगे. शिक्षकों से धैर्य रखने की अपील करते हैं. विशिष्ट शिक्षक नियमावली 2023 को चैलेंज करते हुए याचिका दायर कर दी गई है."-प्रमोद कुमार यादव, शिक्षक संघ के अध्यक्ष