पटना: जन सुराज पार्टी के संस्थापक व चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर को गिरफ्तारी के कुछ घंटे बाद ही जमानत मिल गई है. सोमवार की सुबह करीब 4 बजे उनको पटना पुलिस ने गांधी मैदान से उस वक्त गिरफ्तार किया गया था, जब वह आमरण अनशन पर बैठे थे. पीके पिछले 5 दिनों से बीपीएससी अभ्यर्थियों के साथ अनशन कर रहे थे. वहीं पीके के अधिवक्ता शिवानंद गिरी ने कहा कि उन्हें कंडीशनल बेल मिली है.
'जेल जाना मंजूर है'- PK: प्रशांत किशोर ने सशर्त बेल लेने से इनकार कर दिया है. साथ ही ऐलान किया है कि जेल में भी उनका आमरण अनशन जारी रहेगा. वहीं प्रशांत किशोर ने अपनी टीम के साथियों से कहा है कि युवाओं के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ अगर आवाज उठाना गुनाह है तो जेल जाना मंजूर है.
"जेल में भी मेरा आमरण अनशन जारी रहेगा. युवाओं के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ अगर आवाज उठाना गुनाह है तो जेल जाना मंजूर है."- प्रशांत किशोर, संस्थापक, जन सुराज पार्टी
पीके को कंडीशनल बेल स्वीकार नहीं: प्रशांत किशोर के एडवोकेट शिवानंद गिरी ने कहा जज मैडम ने प्रशांत किशोर को 25000 रुपए के निजी मुचलके पर कंडीशनल बेल दिया है. उन्होंने कहा कि कंडीशन है कि पीके प्रतिबंधित क्षेत्र में आगे से इस प्रकार धरना प्रदर्शन नहीं करेंगे. पीके को कंडीशन स्वीकार नहीं है और वह पीआर बॉन्ड भरने को तैयार नहीं है.
"पीके का कहना है लोकतंत्र में धरना प्रदर्शन उनका अधिकार है. प्रशांत किशोर को बॉन्ड भरने के लिए सीनियर एडवोकेट वाईवी गिरी समझा रहे हैं. जज का कहना है कि वह अपने जजमेंट का कंडीशन नहीं चेंज करेंगी. शिवानंद गिरी ने कहा कि अगर प्रशांत किशोर पीआर बॉन्ड नहीं भरते हैं तो उन्हें जेल जाना होगा."- शिवानंद गिरी, पीके के एडवोकेट
दोबारा अनशन पर बैठ सकते हैं पीके?: बता दें कि प्रशांत किशोर को सशर्त बेल मिल गई है. पटना सिविल कोर्ट ने 25 हजार के निजी मुचलके पर उनको बेल दी है. हालांकि प्रशांत किशोर को सशर्त बेल मिली है और पीके को शर्त स्वीकार नहीं है. प्रशांत किशोर नॉन कंडीशनल जमानत चाहते हैं. खबर यह भी है कि रिहाई के बाद वह दोबारा से अनशन पर बैठ सकते हैं.
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