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बस बहुत हो गया...हम और बर्दाश्त नहीं करेंगे, बीजापुर नक्सली हमले पर बोले राज्यपाल रमेन डेका - BIJAPUR NAXAL ATTACK

बीजापुर नक्सली हमले पर छत्तीसगढ़ के राज्यपाल रमेन डेका ने कहा कि बस बहुत हो गया और हम इस हिंसा को और बर्दाश्त नहीं करेंगे.

Chhattisgarh Governor Ramen Deka on bijapur naxal attack and Naxalism
छत्तीसगढ़ के राज्यपाल रमेन डेका (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 7, 2025, 10:57 PM IST

हैदराबाद: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सोमवार को हुए नक्सली हमले में डीआरजी के आठ जवान शहीद हो गए. इस हमले के एक दिन बाद छत्तीसगढ़ के राज्यपाल रमेन डेका ने कहा कि 2026 तक नक्सलवाद पूरी तरह से खत्म हो जाएगा. डेका ने मंगलवार को ईटीवी भारत से फोन पर विशेष बातचीत में यह बात कही.

असम से ताल्लुक रखने वाले डेका ने नक्सली हमले पर कहा, "यह कायरता के अलावा और कुछ नहीं है. भारत ने कभी भी आतंकवाद और हिंसा से समझौता नहीं किया है. केंद्र सरकार ने पहले ही घोषणा कर दी है कि देश से नक्सलवाद को पूरी तरह से खत्म कर दिया जाएगा. छत्तीसगढ़ भी इसका अपवाद नहीं होगा."

उन्होंने कहा, "बस बहुत हो गया और हम इस हिंसा को और बर्दाश्त नहीं करेंगे."

छत्तीसगढ़ में इस साल सुरक्षा बलों पर पहला नक्सली हमला 3 जनवरी को हुआ था. इसके बाद 6 जनवरी को दूसरा हमला हुआ.

असम से पूर्व लोकसभा सांसद डेका ने 31 जुलाई 2024 को रायपुर के राजभवन में आयोजित एक समारोह में छत्तीसगढ़ के 10वें राज्यपाल के रूप में शपथ ली थी.

समाज की मुख्यधारा में शामिल होने के लिए तैयार छह नक्सली

उधर, कर्नाटक के चिक्कमगलुरु जिले में छह नक्सली समाज की मुख्यधारा में शामिल करने के लिए तैयार हैं. इन्हें समाज की मुख्यधारा में लाने की प्रक्रिया बुधवार (8 जून) को चिक्कमगलुरु जिला कलेक्टर कार्यालय में होगी. राज्य सरकार के साथ सिविल फोरम फॉर पीस की लंबी बातचीत सफल रही है और बुधवार तक छह नक्सली मुख्यधारा में शामिल हो जाएंगे. इनमें मुंडागरु लता, सुंदरी कुटलुर, वनजाक्षी बालेहोले, मरप्पा अरोली, के वसंता और टीएन जीश शामिल हैं. सिविल फोरम फॉर पीस के प्रमुख नेता केएल अशोक ने यह जानकारी दी.

उन्होंने कहा, राज्य सरकार ने समाज की मुख्यधारा में आने वाले नक्सलियों को बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने का वादा किया है. इस संदर्भ में नक्सलियों के मुख्यधारा में आने की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी. उन्होंने कहा, छह नक्सली आत्मसमर्पण नहीं कर रहे हैं. इसके बजाय वे समाज की मुख्यधारा में आ रहे हैं. अब से उनके संघर्ष की प्रकृति और दिशा बदल जाएगी. उन्होंने स्पष्ट किया कि इतने लंबे समय से भूमिगत रूप से किया जा रहा संघर्ष अब नागरिक समाज के बीच आंदोलन के रूप में सामने आएगा.

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा, हमारी सरकार चाहती है कि कर्नाटक के सभी नक्सली पूरी तरह से आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में आ जाएं. सरकार ने नक्सलियों के मुख्यधारा में आने की स्थिति में आत्मसमर्पण करने की नीति बनाई है. उन्होंने कहा कि इस नीति को सरल बनाया जाएगा और उचित तरीके से लागू किया जाएगा.

यह भी पढ़ें- गढ़चिरौली में विमला उर्फ तारक्का समेत 11 नक्सलियों ने किया CM फडणवीस के सामने सरेंडर

हैदराबाद: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सोमवार को हुए नक्सली हमले में डीआरजी के आठ जवान शहीद हो गए. इस हमले के एक दिन बाद छत्तीसगढ़ के राज्यपाल रमेन डेका ने कहा कि 2026 तक नक्सलवाद पूरी तरह से खत्म हो जाएगा. डेका ने मंगलवार को ईटीवी भारत से फोन पर विशेष बातचीत में यह बात कही.

असम से ताल्लुक रखने वाले डेका ने नक्सली हमले पर कहा, "यह कायरता के अलावा और कुछ नहीं है. भारत ने कभी भी आतंकवाद और हिंसा से समझौता नहीं किया है. केंद्र सरकार ने पहले ही घोषणा कर दी है कि देश से नक्सलवाद को पूरी तरह से खत्म कर दिया जाएगा. छत्तीसगढ़ भी इसका अपवाद नहीं होगा."

उन्होंने कहा, "बस बहुत हो गया और हम इस हिंसा को और बर्दाश्त नहीं करेंगे."

छत्तीसगढ़ में इस साल सुरक्षा बलों पर पहला नक्सली हमला 3 जनवरी को हुआ था. इसके बाद 6 जनवरी को दूसरा हमला हुआ.

असम से पूर्व लोकसभा सांसद डेका ने 31 जुलाई 2024 को रायपुर के राजभवन में आयोजित एक समारोह में छत्तीसगढ़ के 10वें राज्यपाल के रूप में शपथ ली थी.

समाज की मुख्यधारा में शामिल होने के लिए तैयार छह नक्सली

उधर, कर्नाटक के चिक्कमगलुरु जिले में छह नक्सली समाज की मुख्यधारा में शामिल करने के लिए तैयार हैं. इन्हें समाज की मुख्यधारा में लाने की प्रक्रिया बुधवार (8 जून) को चिक्कमगलुरु जिला कलेक्टर कार्यालय में होगी. राज्य सरकार के साथ सिविल फोरम फॉर पीस की लंबी बातचीत सफल रही है और बुधवार तक छह नक्सली मुख्यधारा में शामिल हो जाएंगे. इनमें मुंडागरु लता, सुंदरी कुटलुर, वनजाक्षी बालेहोले, मरप्पा अरोली, के वसंता और टीएन जीश शामिल हैं. सिविल फोरम फॉर पीस के प्रमुख नेता केएल अशोक ने यह जानकारी दी.

उन्होंने कहा, राज्य सरकार ने समाज की मुख्यधारा में आने वाले नक्सलियों को बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने का वादा किया है. इस संदर्भ में नक्सलियों के मुख्यधारा में आने की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी. उन्होंने कहा, छह नक्सली आत्मसमर्पण नहीं कर रहे हैं. इसके बजाय वे समाज की मुख्यधारा में आ रहे हैं. अब से उनके संघर्ष की प्रकृति और दिशा बदल जाएगी. उन्होंने स्पष्ट किया कि इतने लंबे समय से भूमिगत रूप से किया जा रहा संघर्ष अब नागरिक समाज के बीच आंदोलन के रूप में सामने आएगा.

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा, हमारी सरकार चाहती है कि कर्नाटक के सभी नक्सली पूरी तरह से आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में आ जाएं. सरकार ने नक्सलियों के मुख्यधारा में आने की स्थिति में आत्मसमर्पण करने की नीति बनाई है. उन्होंने कहा कि इस नीति को सरल बनाया जाएगा और उचित तरीके से लागू किया जाएगा.

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