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फूड डिलीवरी पर सवाल, Zomato और Swiggy को टक्‍कर देने के ल‍िए रेस्‍टोरेंट्स ने बनाया प्‍लान! - RESTAURANTS ON ZOMATO SWIGGY

भारतीय राष्ट्रीय रेस्तरां संघ ने निजी लेबलिंग को लेकर जोमैटो और स्विगी की आलोचना की.

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प्रतीकाकत्मक फोटो (Getty Image)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 23, 2025, 4:39 PM IST

नई दिल्ली: भारतीय राष्ट्रीय रेस्तरां संघ (एनआरएआई) ने जोमैटो और स्विगी जैसे फूड डिलीवरी एग्रीगेटर्स पर आरोप लगाया है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार एनआरएआई ने निजी लेबलिंग और डाइनिंग-इन के क्षेत्र में उतरने पर चिंता जताई है और आरोप लगाया है कि वे ग्राहकों को अपने रेस्तरां से दूर कर रहे हैं. नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (NRAI) अब स्विगी और जोमैटो के खिलाफ अपने अभियान को तेज करते हुए फूड डिलीवरी के विकल्प के तौर पर ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ONDC) पर गंभीरता से विचार कर रहा है. NRAI के अधिकारियों ने खरीदार और विक्रेता ऐप के साथ काम करने के अवसरों का पता लगाने के लिए ONDC के प्रतिनिधियों से मुलाकात की है, जिसका उद्देश्य ओपन नेटवर्क पर अपने सदस्यों की मौजूदगी का विस्तार करना है.

ONDC को मिल सकता बढ़ावा
इसका मुख्य उद्देश्य ONDC द्वारा दी जाने वाली कम कमीशन दरों का लाभ उठाते हुए व्यवसाय संचालन को सक्षम बनाना है. वर्तमान में ONDC पर कमीशन शुल्क लगभग 3 फीसदी है, जबकि स्विगी और जोमैटो पर 25 फीसदी लिया जाता है.

बेंगलुरु में ONDC पर सक्रिय रेस्तरां रिपोर्ट करते हैं कि उनके 20 फीसदी ऑर्डर अब नेटवर्क के जरिए आते हैं. NRAI के अध्यक्ष सागर दरयानी ने इस मॉडल को दूसरे शहरों में भी लागू करने की जरूरत पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि हालांकि ONDC पर अभी एक लाख रेस्तरां हैं, लेकिन लक्ष्य इस संख्या को बढ़ाकर पांच लाख करना है - जो कि जोमैटो जैसे फूड एग्रीगेटर द्वारा दावा किए गए आंकड़ों से मेल खाता है.

रेस्‍टोरेंट्स को हो रहा घाटा
रिपोर्ट के अनुसार NRAI के अध्यक्ष और वाओ! मोमोज के सीईओ सागर दरयानी ने कहा कि जोमैटो के बिस्ट्रो और स्विगी के स्नैक जैसे 10 मिनट के भोजन वितरण ऐप रेस्तरां के लिए चुनौती बन रहा हैं. दरयानी ने कहा कि फिलहाल मेरा 44 फीसदी कारोबार डिलीवरी से आता है, लेकिन यह लाभदायक नहीं है. रेस्तरां डिलीवरी से पैसे नहीं कमाते हैं.

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नई दिल्ली: भारतीय राष्ट्रीय रेस्तरां संघ (एनआरएआई) ने जोमैटो और स्विगी जैसे फूड डिलीवरी एग्रीगेटर्स पर आरोप लगाया है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार एनआरएआई ने निजी लेबलिंग और डाइनिंग-इन के क्षेत्र में उतरने पर चिंता जताई है और आरोप लगाया है कि वे ग्राहकों को अपने रेस्तरां से दूर कर रहे हैं. नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (NRAI) अब स्विगी और जोमैटो के खिलाफ अपने अभियान को तेज करते हुए फूड डिलीवरी के विकल्प के तौर पर ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ONDC) पर गंभीरता से विचार कर रहा है. NRAI के अधिकारियों ने खरीदार और विक्रेता ऐप के साथ काम करने के अवसरों का पता लगाने के लिए ONDC के प्रतिनिधियों से मुलाकात की है, जिसका उद्देश्य ओपन नेटवर्क पर अपने सदस्यों की मौजूदगी का विस्तार करना है.

ONDC को मिल सकता बढ़ावा
इसका मुख्य उद्देश्य ONDC द्वारा दी जाने वाली कम कमीशन दरों का लाभ उठाते हुए व्यवसाय संचालन को सक्षम बनाना है. वर्तमान में ONDC पर कमीशन शुल्क लगभग 3 फीसदी है, जबकि स्विगी और जोमैटो पर 25 फीसदी लिया जाता है.

बेंगलुरु में ONDC पर सक्रिय रेस्तरां रिपोर्ट करते हैं कि उनके 20 फीसदी ऑर्डर अब नेटवर्क के जरिए आते हैं. NRAI के अध्यक्ष सागर दरयानी ने इस मॉडल को दूसरे शहरों में भी लागू करने की जरूरत पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि हालांकि ONDC पर अभी एक लाख रेस्तरां हैं, लेकिन लक्ष्य इस संख्या को बढ़ाकर पांच लाख करना है - जो कि जोमैटो जैसे फूड एग्रीगेटर द्वारा दावा किए गए आंकड़ों से मेल खाता है.

रेस्‍टोरेंट्स को हो रहा घाटा
रिपोर्ट के अनुसार NRAI के अध्यक्ष और वाओ! मोमोज के सीईओ सागर दरयानी ने कहा कि जोमैटो के बिस्ट्रो और स्विगी के स्नैक जैसे 10 मिनट के भोजन वितरण ऐप रेस्तरां के लिए चुनौती बन रहा हैं. दरयानी ने कहा कि फिलहाल मेरा 44 फीसदी कारोबार डिलीवरी से आता है, लेकिन यह लाभदायक नहीं है. रेस्तरां डिलीवरी से पैसे नहीं कमाते हैं.

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