2020 में दुनिया भर में आई कोरोना महामारी के बाद चीन एक और खतरनाक वायरस की चपेट में आ गया है. ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) तेजी से फैल रहा है. परिणामस्वरूप, चीन में अस्पतालों में भीड़भाड़ है और कब्रिस्तानों में जगह की कमी हो रही है. एचएमपीवी वायरस अब एक देश से दूसरे देश तक फैलना शुरू हो गया है. ये वायरस कितना खतरनाक है इस पर रिसर्च जारी है. हालांकि, यह दुनिया के लिए बड़ा खतरा बन सकता है. इसके चलते भारत समेत कई देश अलर्ट मोड पर आ गए हैं.
भारत में मिले 3 मरीज
भारत में 3 लोग एचएमपीवी वायरस से संक्रमित पाए गए हैं. दरअसल, बेंगलुरु में आठ महीने के एक लड़के और तीन महीने की एक लड़की में एचएमपीवी के लिए सकारात्मक परीक्षण किया गया. स्वास्थ्य अधिकारियों ने पुष्टि की है कि दोनों बच्चों का कोई अंतरराष्ट्रीय यात्रा का इतिहास नहीं है. वहीं, अहमदाबाद में दो महीने के बच्चे में एचएमपीवी वायरस का पता चला है, जो राजस्थान के डुंगरपुर का रहने वाला है. फिलहाल एक निजी अस्पताल में इलाज करा रहे बच्चे की हालत स्थिर बताई जा रही है. स्वास्थ्य अधिकारी स्थिति पर नजर रख रहे हैं क्योंकि एचएमपीवी का वैश्विक स्तर पर प्रसार जारी है.
स्वास्थ्य मंत्रालय से बयान जारी
भारत में 3 शिशुओं में एचपीएमवी वायरस का पता चलने के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान जारी किया है और यह भी स्पष्ट किया है कि मरीजों का अंतरराष्ट्रीय यात्रा का इतिहास नहीं है. बयान में कहा गया है कि इस बात पर जोर दिया जाता है कि एचएमपीवी पहले से ही भारत सहित दुनिया भर में प्रचलन में है, और एचएमपीवी से जुड़ी श्वसन संबंधी बीमारियों के मामले कई देशों में रिपोर्ट किए गए हैं.
इसके अलावा, आईसीएमआर और एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी) नेटवर्क के मौजूदा डेटा के आधार पर, देश में इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (आईएलआई) या गंभीर तीव्र श्वसन बीमारी (एसएआरआई) के मामलों में कोई असामान्य वृद्धि नहीं हुई है. यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि प्रभावित रोगियों में से किसी का भी अंतरराष्ट्रीय यात्रा का कोई इतिहास नहीं है.
लगातार की जा रही स्थिति की निगरानी
बयान में आगे कहा गया है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय सभी उपलब्ध निगरानी चैनलों के माध्यम से स्थिति की निगरानी कर रहा है. आईसीएमआर पूरे साल एचएमपीवी परिसंचरण के रुझानों पर नजर रखना जारी रखेगा. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) पहले से ही चीन में स्थिति के बारे में समय पर अपडेट दे रहा है ताकि चल रहे उपायों के बारे में और जानकारी मिल सके. देश भर में हाल ही में किए गए तैयारी अभ्यास से पता चला है कि भारत श्वसन संबंधी बीमारियों में किसी भी संभावित वृद्धि को संभालने के लिए अच्छी तरह से सुसज्जित है और जरूरत पड़ने पर सार्वजनिक स्वास्थ्य हस्तक्षेप तुरंत लागू किया जा सकता है.
एचएमपीवी वायरस क्या है?
एचएमपीवी की खोज सबसे पहले 2001 में हुई थी और यह मुख्य रूप से ऊपरी और निचले श्वसन पथ को प्रभावित करने के लिए जाना जाता है. हालांकि यह वायरस सभी उम्र के लोगों को संक्रमित कर सकता है, लेकिन छोटे बच्चों और बुजुर्गों को इसका ज्यादा खतरा है. इसके लक्षणों में खांसी, बुखार, नाक बंद होना और सांस लेने में तकलीफ शामिल है, गंभीर मामलों में ब्रोंकाइटिस या निमोनिया जैसी कॉम्प्लिकेशन हो सकती हैं. लक्षण आमतौर पर संपर्क के तीन से छह दिनों के भीतर दिखाई देते हैं.
चीन के बाद इस देश में मिला पहला कोरोना मरीज!
चीन के वुहान में कोरोना के मामले सामने आने के बाद थाईलैंड पहला देश था जहां कोरोना का पहला मरीज पाया गया था. इसके बाद ये कोरोना वायरस दूसरे देशों तक पहुंच गया. यदि एचएमपीवी वायरस इसी तरह फैलता है, तो दक्षिण कोरिया, जापान, रूस और संयुक्त राज्य अमेरिका सबसे बड़े खतरे में हो सकते हैं. क्योंकि इन प्रमुख देशों के नागरिक बड़ी संख्या में चीन जा रहे हैं. ये भारत के लिए भी बड़ा खतरा हो सकता है. चूंकि चीन पड़ोसी देश है इसलिए भारत से भी बड़ी संख्या में लोग चीन जाते हैं.
कोरोना बीमारी जैसे दिखते हैं लक्षण-
एचएमपीवी संक्रमण से सर्दी और कोरोना जैसे लक्षण होते हैं. खांसी, बुखार, सर्दी. ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) मेटान्यूमोवायरस जीन का एक आरएनए वायरस है. इसका विकार सबसे अधिक बच्चों और बुजुर्गों को प्रभावित करता है. इन बीमारियों के कारण चीनी अधिकारियों ने लोगों से भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचने, मास्क पहनने और अपने हाथों को साफ करने के लिए कहा है. एचएमपीवी वायरस से होने वाले संक्रमण को ठीक करने के लिए वर्तमान में कोई टीका उपलब्ध नहीं है.
HMPV वायरस से बचने के लिए रहें सावधान:
- खांसते या छींकते समय अपने मुंह और नाक को रुमाल या टिशू पेपर से ढकें.
- अपने हाथों को बार-बार साबुन और पानी या अल्कोहल-आधारित सैनिटाइज़र से धोएं.
- बुखार, खांसी और छींक आने पर सार्वजनिक स्थानों से दूर रहें.
- खूब पानी पिएं और पौष्टिक भोजन करें.
- सुनिश्चित करें कि संक्रमण को कम करने के लिए सभी क्षेत्रों में पर्याप्त वेंटिलेशन हो.
क्या नहीं करें.
- हाथ मिलाना
- टिशू पेपर और नैपकिन को रीसायकल करें
- बीमार लोगों के साथ निकट संपर्क
- आंख, नाक और मुंह को बार-बार छूना
(एजेंसी से इनपुट)