पटना : प्रशांत किशोर को पटना सिविल कोर्ट ने 25 हजार के निजी मुचलके पर बेल तो दे दिया, लेकिन पीके ने सशर्त जमानत लेने से मना कर दिया है. इसके बाद जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. बावजूद इसके, उन्होंने बेल लेने से मना करते हुए अपना आमरण अनशन जारी रखने का निर्णय लिया है.
'युवाओं के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ संघर्ष' : प्रशांत किशोर ने कहा, अगर युवाओं के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ आवाज उठाना गुनाह है, तो मैं जेल जाने के लिए तैयार हूं. वहीं पीके ने अपनी टीम के साथियों से कहा है कि युवाओं के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ आवाज उठाना अगर गुनाह है तो मुझे जेल जाना मंजूर है.
"जेल में रहकर भी मेरा आमरण अनशन जारी रहेगा. मैं अपनी प्रतिबद्धताओं से पीछे नहीं हटूंगा. जब तक न्याय नहीं मिलता, आंदोलन जारी रहेगा."- प्रशांत किशोर, संस्थापक, जन सुराज
पीके के वकील ने क्या कहा: एडवोकेट वाईवी गिरी ने बयान दिया है कि प्रशांत किशोर को जेल भेजे जाने की प्रक्रिया तय हो गई है, लेकिन अभी तक इस संबंध में कोर्ट का आदेश नहीं आया है कि उन्हें कितने दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में भेजा जाएगा. उन्होंने बताया कि आदेश आने के बाद ही यह साफ हो पाएगा कि प्रशांत किशोर को कितने दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में रखा जाएगा.
"अगले एक-दो दिनों में आदेश आने की संभावना है. इस आदेश को हाई कोर्ट में जाकर चैलेंज किया जाएगा. सामान्यत: न्यायिक हिरासत 14 दिनों की होती है, लेकिन फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि प्रशांत किशोर को कितने दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में भेजा जाएगा. आदेश की कॉपी मिलने के बाद इस मामले में और अपडेट्स दिए जाएंगे."- वाईवी गिरी, प्रशांत किशोर के वकील
"प्रशांत किशोर कई दिनों से गांधी मैदान के अंदर गांधी मूर्ति के नीचे अनशन पर बैठे थे जिन्हें आज सोमवार को लगभग 4:00 बजे सुबह जिला प्रशासन के द्वारा हिरासत में लिया गया. साथ-साथ अन्य 43 लोगों को हिरासत में लिया गया है. वहीं लगभग 15 चार पहिया वाहन भी जब्त किए गए हैं.''- चंद्रशेखर सिंह, जिलाधिकारी, पटना
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