हैदराबादः दुर्लभ पृथ्वी खनिजों (Rare Earth Metals) पर वैश्विक प्रतिस्पर्धा तेज हो रही है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को कहा कि अगर यूक्रेन रूस के खिलाफ युद्ध में अमेरिकी मदद चाहता है तो बदले में उसे दुर्लभ मृदा खनिज उपलब्ध कराए. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की अपने देश को अमेरिकी सहायता दिलाने के बदले इन खनिजों पर सौदे के लिए तैयार दिख रहे हैं.
क्यों है महत्वपूर्णः इससे यह साफ है कि भू-राजनीतिक शक्ति संतुलन में इन धातुओं की भूमिका अब पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गई है. अमेरिका, रूस और यूरोपीय संघ जैसे प्रमुख देश इन संसाधनों पर नियंत्रण पाना चाहते हैं, जिससे उनकी तकनीकी और सामरिक ताकत बढ़ सकेयहां, हम समझने का प्रयास करते हैं कि आखिर, इन दुर्लभ पृथ्वी धातुओं में ऐसा क्या खास है कि अमेरिका, रूस और यूरोपीय संघ जैसे प्रमुख देश इसका एक हिस्सा चाहते हैं.
![rare earth minerals](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/12-02-2025/23528141_ap-1.jpg)
दुर्लभ मृदा खनिज क्या है: दुर्लभ खनिज ऐसे खनिज हैं जो किसी देश के आर्थिक विकास और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिये आवश्यक है. दुर्लभ मृदा खनिज 17 रासायनिक रूप से समान तत्वों का एक समूह है जो कई हाई-टेक उत्पादों के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण है. नियोडिमियम, डिस्प्रोसियम और टेरबियम जैसे दुर्लभ मृदा तत्वों का उपयोग स्थायी चुम्बकों में किया जाता है, जिनकी आवश्यकता इलेक्ट्रिक वाहनों, अपतटीय पवन टर्बाइनों और रोबोटिक्स में मोटर चलाने में मदद के लिए होती है.
इसकी मांग अधिक क्यों हैं: अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के अनुसार, दुर्लभ-पृथ्वी खनिज 200 से अधिक उत्पादों के लिए आवश्यक घटक हैं. विशेष रूप से उच्च तकनीक वाले उपभोक्ता उत्पाद, जैसे सेलुलर फोन, कंप्यूटर हार्ड ड्राइव, इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहन, फ्लैट स्क्रीन मॉनिटर और टीवी. महत्वपूर्ण रक्षा अनुप्रयोगों में इलेक्ट्रॉनिक डिस्प्ले, मार्गदर्शन प्रणाली, लेजर और रडार और सोनार सिस्टम शामिल हैं.
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सबसे बड़े भंडार वाले शीर्ष 5 देशों की सूची | |
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देश | भंडार 2024 (मिलियन टन) |
चीन | 44 |
ब्राजील | 22 |
वियतनाम | 21 |
रूस | 10 |
भारत | 7 |
दुर्लभ पृथ्वी खनिजों का बाजारः भविष्य के बाजार मद्देनजर, दुर्लभ पृथ्वी धातु बाजार में मजबूत वृद्धि देखने को मिलेगी. अनुमानित बाजार आकार 2024 में 6.2 बिलियन अमरीकी डालर से बढ़कर 2034 तक 16.1 बिलियन अमरीकी डालर हो जाएगा. अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण 2024 का अनुमान है कि दुनिया भर में दुर्लभ पृथ्वी खनिजों के 110 मिलियन टन भंडार हैं. चीन वैश्विक दुर्लभ पृथ्वी खनन क्षमता का 70% और प्रसंस्करण क्षमता का 90% नियंत्रित करता है.
![Donald Trump.](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/12-02-2025/23528141_ap-4.jpg)
यूक्रेन में दुर्लभ खनिज भंडारः विश्व आर्थिक मंच के अनुसार यूक्रेन लिथियम, बेरिलियम, मैंगनीज, गैलियम, ज़िरकोनियम, ग्रेफाइट, एपेटाइट, फ्लोराइट और निकल का एक प्रमुख संभावित आपूर्तिकर्ता है. राज्य भूवैज्ञानिक सेवा ने कहा कि यूक्रेन के पास यूरोप के सबसे बड़े पुष्टि किए गए भंडारों में से एक है. जिसका अनुमान 500,000 मीट्रिक टन है. लिथियम - बैटरी, सिरेमिक और ग्लास के लिए महत्वपूर्ण है.
यूक्रेन में खनन की चुनौतियां: कीव स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स (केएसई) के विश्लेषण के अनुसार, यूक्रेन के कई दुर्लभ पृथ्वी भंडार ज्यादातर इसके केंद्रीय क्षेत्रों में फैले हुए हैं. अमेरिकन चैंबर ऑफ कॉमर्स के अनुसार, रूस के पास यूक्रेन की 42% धातुएं और 33% दुर्लभ पृथ्वी धातु हैं. साथ ही 63% कोयला भंडार, 11% तेल और 20% प्राकृतिक गैस है. जुलाई 2024 में एक ब्रिटिश खुफिया रिपोर्ट से पता चला है कि मास्को अपनी अर्थव्यवस्था को ईंधन देने के लिए यूक्रेन के कच्चे माल पर नजर गड़ाए हुए है. पहले ही लौह अयस्क और कोयला चुरा चुका है.
![Volodymyr Zelensky](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/12-02-2025/23528141_ap-2.jpg)
डोनाल्ड ट्रम्प यूक्रेन के पीछे क्यों हैं: यूक्रेन की महत्वपूर्ण सामग्रियों में ट्रम्प की रुचि दुर्लभ पृथ्वी तत्वों के बाजार पर चीन के वर्तमान प्रभुत्व में निहित हो सकती है. अमेरिका और यूरोपीय संघ अपनी अधिकांश आपूर्ति चीन से प्राप्त करते हैं. लेकिन दोनों ही अपने स्वयं के उत्पादन को बढ़ाने और बीजिंग पर निर्भरता कम करने के लिए उपयोग की जाने वाली चीजों को बेहतर ढंग से पुनर्चक्रित करने की कोशिश कर रहे हैं.
यूक्रेन को अमेरिकी धनराशि: विश्व अर्थव्यवस्था पर नजर रखने वाले जर्मन कील इंस्टीट्यूट के अनुसार, अमेरिका ने जनवरी 2022 से 31 अक्टूबर 2024 तक यूक्रेन को 88.33 बिलियन यूरो ($92 बिलियन) आवंटित किए थे.
![Vladimir Putin](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/12-02-2025/23528141_ap-3.jpg)
अमेरिका में दुर्लभ मृदा खनिजों का आयात: यूएसजीएस ने अनुमान लगाया है कि 2023 में अमेरिका द्वारा आयातित दुर्लभ मृदा यौगिकों और धातुओं का मूल्य 190 मिलियन डॉलर था. 2024 में, अमेरिका अपनी 80 प्रतिशत दुर्लभ मृदा आवश्यकताओं के लिए चीन, मलेशिया, जापान और एस्टोनिया पर निर्भर था.
खनिजों के निष्कर्षण में कठिनाइयां: इन उच्च मूल्य वाले खनिजों को निकालना कठिन है. धातुओं के खनन के लिए भारी मात्रा में रसायनों का उपयोग करना पड़ता है. परिणामस्वरूप भारी मात्रा में विषाक्त अपशिष्ट उत्पन्न होता है. कई पर्यावरणीय आपदाएं उत्पन्न होती हैं, जिससे कई देश उत्पादन की भारी लागत वहन करने से कतराने लगे हैं. वे अक्सर बहुत कम अयस्क सांद्रता में पाए जाते हैं, जिसका अर्थ है कि परिष्कृत उत्पाद का उत्पादन करने के लिए बड़ी मात्रा में चट्टान को संसाधित करना पड़ता है.
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