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कनाडाई नागरिक के बाद भारत ने 16 बांग्लादेशियों को वापस भेजा, 36 को जल्द किया जाएगा निर्वासित - 16 BANGLADESHIS DEPORTED

जुलाई 2024 से अब तक गुजरात में लगभग 52 संदिग्ध बांग्लादेशियों को हिरासत में लिया गया है. इनमें 16 लोगों को निर्वासित किया गया है.

Bangladeshis deported
भारत ने 16 बांग्लादेशियों को वापस भेजा (IANS)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 12, 2025, 7:15 PM IST

अहमदाबाद: असम में पर्यटक वीजा पर रह रहे एक कनाडाई नागरिक को निर्वासित करने के बाद गुजरात की अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने 16 बांग्लादेशी प्रवासियों को निर्वासित कर दिया है.इतना ही नहीं मार्च के अंत तक 36 और लोगों को निर्वासित करने की प्रक्रिया चल रही है. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी.

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक जुलाई 2024 से अब तक गुजरात में दो नाबालिगों समेत कम से कम 52 संदिग्ध बांग्लादेशी नागरिकों को हिरासत में लिया गया है. स्पेशल ब्रांच ने उनके निर्वासन के लिए विदेश मंत्रालय और बांग्लादेश हाई कमीशन के साथ मिलकर काम किया.

16 लोगों किया निर्वासित
इस संबंध में क्राइम ब्रांच के असिस्टेंट पुलिस कमिशनर (ACP) भरत पटेल ने कहा, "जैसे ही उनकी बांग्लादेशी नागरिकता की पुष्टि हुई अधिकारियों ने निर्वासन की कार्यवाही शुरू कर दी और एक नाबालिग सहित 16 बांग्लादेशियों को 1 फरवरी को बांग्लादेश भेज दिया गया."

पटेल ने बताया कि बाकी 36 बंदियों को वर्तमान में सरदार नगर के एक डिटेंशन सेंटर में रखा गया है और मार्च तक उन्हें निर्वासित किए जाने की उम्मीद है. उन्होंने बताया कि जिन लोगों को निर्वासित किया जाना है, उनमें एक नाबालिग भी शामिल है.

नकली दस्तावेज बरामद
रिपोर्ट के अनुसार इन अप्रवासियों के पास नकली भारतीय दस्तावेज पाए गए हैं, जिनमें नकली आधार कार्ड भी शामिल हैं. इसके अलावा अधिकारियों ने एक मानव तस्करी गिरोह का भी पर्दाफाश किया है जो बांग्लादेशी महिलाओं और नाबालिग लड़कियों को वेश्यावृत्ति के लिए तस्करी करके भारत में लाता है.

एक अधिकारी ने बताया, "कुछ लोग मानव तस्करी और जबरन मजदूरी में लिप्त थे और एजेंटों द्वारा उनका शोषण किया जाता था. इन गतिविधियों से अर्जित धन को व्यापार की आड़ में बांग्लादेश भेजा जाता था. कई अवैध अप्रवासी कबाड़ के कारोबार और खाद्य पदार्थों की बिक्री में भी शामिल थे."

फिलहाल अधिकारी तस्करी नेटवर्क और उससे जुड़े वित्तीय लेन-देन की जांच कर रहे हैं. पटेल ने बताया, "केंद्रीय एजेंसियां ​​अवैध गतिविधियों से जुड़े वित्तीय लेन-देन की जांच कर रही हैं, ताकि फंड की आवाजाही पर नजर रखी जा सके."

कनाडाई नागरिक को किया था निर्वासित
हाल ही में असम में पर्यटक वीजा पर रह रहे एक कनाडाई नागरिक को कथित तौर पर धर्मांतरण के आरोप के बाद उसे उसके देश वापस भेज गया था. जानकारी के मुताबिक ब्रैंडन जोएल डेवेल्ट नाम के शख्स को असम के जोरहाट जिले में हिरासत में लिया गया था.

इस संबंध में जोरहाट के पुलिस अधीक्षक (SP) श्वेतांक मिश्रा ने कहा, "ब्रैंडन ने वीजा रेनयुअल के लिए आवेदन किया था, लेकिन पुलिस को अवैध धर्मांतरण गतिविधियों में उसके कथित संलिप्तता के बारे में शिकायत मिली थी.

यह भी पढ़ें- अमेरिका के बाद भारत का एक्शन! कनाडा के नागरिक को वापस भेजा

अहमदाबाद: असम में पर्यटक वीजा पर रह रहे एक कनाडाई नागरिक को निर्वासित करने के बाद गुजरात की अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने 16 बांग्लादेशी प्रवासियों को निर्वासित कर दिया है.इतना ही नहीं मार्च के अंत तक 36 और लोगों को निर्वासित करने की प्रक्रिया चल रही है. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी.

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक जुलाई 2024 से अब तक गुजरात में दो नाबालिगों समेत कम से कम 52 संदिग्ध बांग्लादेशी नागरिकों को हिरासत में लिया गया है. स्पेशल ब्रांच ने उनके निर्वासन के लिए विदेश मंत्रालय और बांग्लादेश हाई कमीशन के साथ मिलकर काम किया.

16 लोगों किया निर्वासित
इस संबंध में क्राइम ब्रांच के असिस्टेंट पुलिस कमिशनर (ACP) भरत पटेल ने कहा, "जैसे ही उनकी बांग्लादेशी नागरिकता की पुष्टि हुई अधिकारियों ने निर्वासन की कार्यवाही शुरू कर दी और एक नाबालिग सहित 16 बांग्लादेशियों को 1 फरवरी को बांग्लादेश भेज दिया गया."

पटेल ने बताया कि बाकी 36 बंदियों को वर्तमान में सरदार नगर के एक डिटेंशन सेंटर में रखा गया है और मार्च तक उन्हें निर्वासित किए जाने की उम्मीद है. उन्होंने बताया कि जिन लोगों को निर्वासित किया जाना है, उनमें एक नाबालिग भी शामिल है.

नकली दस्तावेज बरामद
रिपोर्ट के अनुसार इन अप्रवासियों के पास नकली भारतीय दस्तावेज पाए गए हैं, जिनमें नकली आधार कार्ड भी शामिल हैं. इसके अलावा अधिकारियों ने एक मानव तस्करी गिरोह का भी पर्दाफाश किया है जो बांग्लादेशी महिलाओं और नाबालिग लड़कियों को वेश्यावृत्ति के लिए तस्करी करके भारत में लाता है.

एक अधिकारी ने बताया, "कुछ लोग मानव तस्करी और जबरन मजदूरी में लिप्त थे और एजेंटों द्वारा उनका शोषण किया जाता था. इन गतिविधियों से अर्जित धन को व्यापार की आड़ में बांग्लादेश भेजा जाता था. कई अवैध अप्रवासी कबाड़ के कारोबार और खाद्य पदार्थों की बिक्री में भी शामिल थे."

फिलहाल अधिकारी तस्करी नेटवर्क और उससे जुड़े वित्तीय लेन-देन की जांच कर रहे हैं. पटेल ने बताया, "केंद्रीय एजेंसियां ​​अवैध गतिविधियों से जुड़े वित्तीय लेन-देन की जांच कर रही हैं, ताकि फंड की आवाजाही पर नजर रखी जा सके."

कनाडाई नागरिक को किया था निर्वासित
हाल ही में असम में पर्यटक वीजा पर रह रहे एक कनाडाई नागरिक को कथित तौर पर धर्मांतरण के आरोप के बाद उसे उसके देश वापस भेज गया था. जानकारी के मुताबिक ब्रैंडन जोएल डेवेल्ट नाम के शख्स को असम के जोरहाट जिले में हिरासत में लिया गया था.

इस संबंध में जोरहाट के पुलिस अधीक्षक (SP) श्वेतांक मिश्रा ने कहा, "ब्रैंडन ने वीजा रेनयुअल के लिए आवेदन किया था, लेकिन पुलिस को अवैध धर्मांतरण गतिविधियों में उसके कथित संलिप्तता के बारे में शिकायत मिली थी.

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