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डोमिसाइल बनेगा बिहार का नया सियासी हथियार, RJD का सत्ता में आने गंभीरतापूर्वक विचार का वादा, NDA ने बनायी दूरी - DOMICILE POLICY IN BIHAR

DOMICILE POLICY: जिस सरकार में आरजेडी शामिल था, उसी सरकार ने शिक्षक भर्ती परीक्षा के दौरान डोमिसाइल नीति खत्म करते हुए दूसरे राज्यों के युवाओं को भी बिहार में सरकारी शिक्षक बनने का मौका दिया, लेकिन अब वही आरजेडी फिर से डोमिसाइल नीति लागू करने की बात करने लगा है. NDA इसके खिलाफ है. ऐसे में आनेवाले दिनों में आरक्षण और जातीय जनगणना के साथ-साथ डोमिसाइल भी बिहार की सियासत का बड़ा मुद्दा बनता दिख रहा है..

डोमिसाइल बनेगा बिहार का नया सियासी हथियार
डोमिसाइल बनेगा बिहार का नया सियासी हथियार (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Sep 3, 2024, 8:10 PM IST

बिहार नया सियासी हथियार-डोमिसाइल (ETV BHARAT)

पटनाःकहा जाता है कि सियासत में पक्ष बदलते ही नीतियां और मुद्दे भी बदल जाते हैं. तभी तो वो आरजेडी बिहार में फिर से डोमिसाइल नीति की बात करने लगा है जिसने सरकार में साझीदार रहते हुए भारी विरोध के बावजूद 2023 में डोमिसाइल नीति को खत्म करने में अपनी सहमति प्रदान की थी. यानी डोमिसाइल हटाने का समर्थक रहा आरजेडी अब डोमिसाइल नीति को 2025 के विधानसभा चुनाव में NDA के खिलाफ बड़ा सियासी हथियार बनाने जा रहा है.

'आरजेडी की सरकार बनी तो डॉमिसाइल नीति': आरजेडी के मुख्य प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव का कहना है कि डोमिसाइल नीति बिहार के युवाओं की मांग है और उस मांग पर हमारी पार्टी ने गंभीरता पूर्वक विचार किया है. 2020 के चुनाव में भी हम लोगों ने लोगों को भरोसा दिलाया था कि अगर हमारी सरकार बनती है तो हम इस पर विचार करेंगे.आज भी हम इस बात के लिए प्रतिबद्ध हैं.

"हमारी सरकार स्वतंत्र रूप से अभी तक नहीं बनी है. बीच में सत्ता में हम साझादीर हुए और तेजस्वीजी ने अपने कई निर्णयों को स्थापित किया. हमारे कोटे में जो विभाग था उस पर हमने काम किया.डोमिसाइल को लेकर हमारे नेता तेजस्वी जी लगातार मुख्यमंत्री पर दबाव बनाते रहे, लेकिन काफी मशक्कत के बाद गठबंधन सरकार के कारण लागू नहीं करवा पाए. डोमिसाइल बिहार के युवाओं की मांग है. हमारी पार्टी सत्ता में आएगी तो इस पर गंभीरता पूर्वक विचार करेगी."-शक्ति सिंह यादव, मुख्य प्रवक्ता, आरजेडी

आरजेडी का डोमिसाइल राग (ETV BHARAT GFX)

बीजेपी की दो टूकः संभव नहींःवहीं आरजेडी की डोमिसाइल नीति को बीजेपी ने साफ शब्दों में खारिज कर दिया है. बीजेपी प्रवक्ता राकेश कुमार सिंह का कहना है कि ये बिल्कुल असंभव सी चीज है. डोमिसाइल का मतलब भी समझ में आता है इनको. बिहार के अधिकांश लड़के बाहर में नौकरी करते हैं, क्या होगा उनका ? क्यों उनके भविष्य को चौपट करने में लगे हुए हैं. ?

"15 वर्षों तक माता और पिताजी की सरकार थी तो राज्य के लड़कों के भविष्य को चौपट करने का काम किया. जब भी ये सरकार में आते हैं या आने की इच्छा रखते हैं तो उनके मन में इसी तरह की बातें होती हैं. इसीलिए तो बिहार की जनता इनको सत्ता में आने नहीं देना चाहती है. जिसके मन में ऐसी खुराफात है उसे बिहार की जनता कभी भी सत्ता में नहीं आने देगी."-राकेश कुमार सिंह, प्रवक्ता, बीजेपी

'संविधान ने हर जगह नौकरी करने का अधिकार दिया':इस मुद्दे पर जेडीयू भी बीजेपी के साथ है. जेडीयू के प्रवक्ता अरविंद निषाद का कहना है कि भारत का संविधान भारत के प्रत्येक नागरिक को भारत के किसी भी भूभाग में जाकर रोजी-रोजगार, नौकरी करने काअधिकार प्रदान करता है.

आरजेडी की नीति को NDA ने किया खारिज (ETV BHARAT)

"हम भारतीय लोग भारत के संविधान से बंधे हुए हैं और बिहार सरकार भारत के संविधान के प्रति आस्थावान है. भारतीय संविधान और भारतीय लोगों के रक्षा के लिए हम कुछ भी कर सकते हैं.माननीय नीतीश कुमार जी भारतीय संविधान के हर अधिकार को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए जाने जाते हैं. अब आरजेडी की जिस स्तर पर पहचान है वही उसका वक्तव्य है."-अरविंद निषाद, प्रवक्ता, जेडीयू

शिक्षक नियुक्ति के समय डोमिसाइल नीति पर हुआ था विवादःमहागठबंधन की सरकार के समय में बिहार में शिक्षक नियुक्ति को लेकर बड़ी वैकेंसी निकली थीं. तब बिहार सरकार ने शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया में डोमिसाइल के नियम को समाप्त कर दिया था. इसके विरोध में बिहार के छात्र आंदोलन पर उतर आए थे.उनकी मांग थी कि बिहार के लड़कों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए, लेकिन तत्कालीन सरकार ने इस नीति को समाप्त कर दिया.

सरकार ने क्या दिया था तर्क ?:तब बिहार के तत्कालीन मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि देश के संविधान में किए गए प्रविधानों के अनुसार किसी भी नागरिक को उसके जन्म स्थान, निवास के आधार पर अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता है.

क्या है डोमिसाइल ?:डोमिसाइल का मतलब होता है निवास या घर.डोमिसाइल नीति के तहत सिर्फ उसी राज्य के निवासी आवेदन कर सकते हैं और इसकी शर्त्तों को पूरा करने के लिए उस राज्य का वोटर होना जरूरी. वहीं नाबालिग होने पर माता-पिता को उस राज्य का निवासी होना जरूरी है जबकि विवाहित महिलाओं के लिए पति का उस राज्य का निवासी होना जरूरी है. डोमिसाइल के लिए उस राज्य में जमीन, घर या संपत्ति होनी चाहिए और कम से कम 3 साल से उस राज्य में रहने का प्रमाण हो.

2023 में खत्म की गयी थी डोमिसाइल नीति (ETV BHARAT)

2025 के चुनाव में बनेगा बड़ा मुद्दाःबिहार विधानसभा के चुनाव में अब करीब एक साल का समय बचा है. जाहिर है सियासी दल अभी से चुनावी तैयारियों में जुटे हैं. जातीय जनगणना और आरक्षण को लेकर तलवारें तो पहले से खिंच ही चुकी हैं, डोमिसाइल का मुद्दा भी बिहार के सियासी रणक्षेत्र में बड़ा सियासी मिसाइल बनने जा रहा है.

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