नवादा: बिहार के नवादा में सड़क हादसा हुआ है. जहां अज्ञात तेज रफ्तार वाहन की चपेट में एक चौकीदार आ गया, जिससे वह बुरी तरह जख्मी हो गया. इलाज के लिए उसे सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां इलाज के क्रम में उसकी मौत हो गई. परिजनों ने आरोप लगाया कि सदर अस्पताल में बेहतर इलाज की व्यवस्था नहीं रहने के कारण जान चली गई. अगर डॉक्टर की लिखी दवाई वहां मिल जाती तो शायद उसकी जान बच जाती.
वाहन से कुचलकर चौकीदार की मौत: दरअसल, नवादा जिले के रोह प्रखंड के रूपौ गांव के रहने वाले 55 वर्षीय चौकीदार बनवारी पासवान रात को ड्यूटी पर जा रहे थे. उसी दौरान एक ज्ञात वाहन ने उन्हें कुचल दिया. गंभीर स्थिति में बनवारी को पहले रोह अस्पताल और फिर नवादा रेफर किया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.
अस्पताल की व्यवस्था पर भड़का परिजन: मृतक के साले विनय पासवान ने आरोप लगाया है कि नवादा अस्पताल में डॉक्टर द्वारा लिखी गई दवा रात में कहीं भी उपलब्ध नहीं थी, जिसके कारण उनके जीजा की जान चली गई. उसने ये भी कहा कि नवादा में रात में दवा मिलना बहुत मुश्किल है, क्योंकि रात में अधिकांश मेडिकल स्टोर बंद रहते हैं. इस समस्या के कारण कई बार लोगों की जान चली जाती है.
"रात को मेरे जीजा बनवारी पासवान जब ड्यूटी पर जा रहे थे, तभी किसी तेज रफ्तार गाड़ी ने उनको कुचल दिया. सूचना मिलने के बाद हमलोगों ने उनको सदर अस्पताल में भर्ती कराया. जहां डॉक्टर ने एक दवा लिखकर लाने बोला लेकिन आसपास कोई भी मेडिकल दुकान खुली नहीं थी. सरकारी अस्पताल में भी दवा नहीं थी. जिस वजह से उनकी मौत हो गई."- विनय पासवान, मृतक के परिजन
क्या बोले थानाध्यक्ष?: वहीं सड़क हादसे में चौकीदार की मौत के बाद के मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और मामले की जांच शुरू कर दी है. थानाध्यक्ष बसंत राय ने कहा कि जिस वाहन से एक्सीडेंट हुआ है, उसकी पहचान की कोशिश की जा रही है. आरोपी ड्राइवर को जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा.
"चौकीदार को ड्यूटी पर जाने के क्रम में अज्ञात वाहन ने कुचल दिया था. इलाज के क्रम में सदर अस्पताल नवादा में उसकी मौत हो गई. शव को पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया गया. किस वाहन से दुर्घटना हुई है, पता नहीं चल सका है. पुलिस अग्रेतर कार्रवाई कर रही है."- बसंत राय, थानाध्यक्ष, रोह थाना
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