शिमला:चौधरी सरवण कुमार एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी पालमपुर की 112 हेक्टेयर लैंड को पर्यटन विभाग को हस्तांतरित करने के मामले में हिमाचल सरकार को हाईकोर्ट से झटका लगा है. हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने ये भूमि पर्यटन विभाग को हस्तांतरित करने पर रोक लगा दी है.
इस मामले में हिमाचल प्रदेश एग्रीकल्चर टीचर्स एसोसिएशन ने अदालत में याचिका दाखिल की थी. हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति विवेक सिंह ठाकुर व न्यायमूर्ति रंजन शर्मा की खंडपीठ ने याचिका की प्रारंभिक सुनवाई के बाद भूमि हस्तांतरण पर रोक लगा दी है साथ ही राज्य सरकार के मुख्य सचिव, पर्यटन व कृषि विभाग के आला अफसरों सहित अन्यों को नोटिस जारी कर जवाब भी मांगा गया है,
हिमाचल प्रदेश एग्रीकल्चर टीचर्स एसोसिएशन ने याचिका में कहा है कि यूनिवर्सिटी की भूमि पर पर्यटन गांव बनाने के लिए जमीन का हस्तांतरण करना कानूनी तौर पर गलत है. एसोसिएशन ने अपनी याचिका में तर्क दिया कि इस कार्य के लिए सरकार के पास अन्य विकल्प मौजूद हैं.
प्रार्थी संस्था के अनुसार, पालमपुर स्थित चौधरी सरवण कुमार एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी एक ऐतिहासिक संस्थान है. यह सबसे पहले 1950 के दशक में पंजाब कृषि विश्वविद्यालय लुधियाना के रीजनल सेंटर के रूप में कांगड़ा में आया था. उस समय कांगड़ा संयुक्त पंजाब का हिस्सा था.
संयुक्त पंजाब के पहाड़ी क्षेत्रों को हिमाचल में मिलाने के बाद राज्य सरकार ने इसे पूर्ण विकसित विश्वविद्यालय बनाया. पालमपुर में इस यूनिवर्सिटी के पास आरंभ में करीब 400 हेक्टेयर जमीन थी. समय के साथ विश्वविद्यालय की 125 हेक्टेयर जमीन विभिन्न सरकारी विभागों को आवंटित कर दी गई.
ऐसे में यूनिवर्सिटी के पास अब करीब 275 हेक्टेयर जमीन ही है. इसमें से भी यदि 112 हेक्टेयर जमीन पर्यटन विलेज परियोजना के लिए इस्तेमाल की जाती है तो यूनिवर्सिटी के विस्तार के लिए ज्यादा गुंजाइश नहीं बचेगी.
प्रार्थी संस्था के अनुसार, कृषि शोध के लिए निर्धारित जमीन का इस्तेमाल पर्यटन गांव बनाने के लिए नहीं किया जाना चाहिए. पालमपुर में यूनिवर्सिटी के बीओजी यानी बोर्ड ऑफ गवर्नर्स ने प्रस्तावित पर्यटन गांव बनाने के लिए अपनी 112 हेक्टेयर जमीन पर्यटन विभाग को हस्तांतरित करने के लिए अपनी सहमति पहले ही दे दी है. वहीं, यूनिवर्सिटी के कर्मचारी संगठन और पालमपुर के कई अन्य संगठन कृषि विश्वविद्यालय की जमीन पर पर्यटन गांव बनाने का विरोध कर रहे हैं और इसके खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं.
सरकार कृषि विश्वविद्यालय से ली गई जमीन पर पर्यटन गांव बनाने का प्रस्ताव कर रही है. हाईकोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार के मुख्य सचिव, कृषि विभाग व पर्यटन विभाग के प्रधान सचिव सहित अन्य संबंधितों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.
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