जम्मू: जम्मू-कश्मीर में उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक परियोजना से पहाड़ी क्षेत्र में समावेशी विकास को बढ़ावा मिलेगा, जिससे पर्यटन क्षेत्र के लिए अपार अवसर पैदा होंगे. जानकारों का कहना है कि इस क्षेत्र में भारत के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर के पर्यटकों को आकर्षित करने की क्षमता है, रेल सेवा शुरू होने के बाद यह यात्रियों को कश्मीर से कन्याकुमारी तक पहुंचने के लिए बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेगा.
इंडियन एसोसिएशन ऑफ टूर ऑपरेटर्स के सदस्य दीपक कुमार भटनागर ने ईटीवी भारत को बताया, "अच्छी कनेक्टिविटी हमेशा पर्यटन स्थलों को बेहतर बनाने में मदद करती है. अगर किसी पर्यटक को किसी स्थान के लिए सीधा रेल संपर्क मिलता है, तो वह हमेशा वहां जाना पसंद करता है. सड़क परिवहन के जरिये जम्मू से कश्मीर जाना बहुत बोझिल काम है. एक बार इस खंड में रेल सेवा शुरू हो जाने पर यात्रियों को राहत महसूस होगी, खासकर खराब मौसम के दौरान."
इसी प्रकार, पर्यटन विशेषज्ञ दीपक उपाध्याय ने ईटीवी भारत को बताया, "इसमें कोई संदेह नहीं है कि बेहतर कनेक्टिविटी से क्षेत्र में पर्यटकों को आकर्षित करने में मदद मिलेगी. मौजूदा समय में, मध्यम वर्ग के लोग सड़क यात्रा में बहुत समय लगने और उच्च लागत के कारण हवाई मार्ग से जाने से बचता है."
क्षेत्र में पर्यटन की संभावनाओं के बारे में बताते हुए चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (जम्मू) के अध्यक्ष अरुण गुप्ता ने ईटीवी भारत से कहा, "यहां ट्रेन सेवा शुरू होने के बाद यह एक बेहतर पर्यटन स्थल बन जाएगा क्योंकि यह कश्मीर तक पहुंचने के लिए परिवहन का सस्ता साधन प्रदान करेगी."
गुप्ता ने कहा, "अभी तक, पर्यटकों को हवाई यात्रा से कश्मीर पहुंचने या यहां आने के लिए भारी किराया देना पड़ता है. यह नई रेल लाइन विभिन्न गांवों को आसानी से वहां जाने के लिए जोड़ेगी."
इसी तरह, चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (जम्मू) के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अनिल गुप्ता ने ईटीवी भारत से कहा, "उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लाइन क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देगी और इससे अधिक व्यवसाय के साथ-साथ रोजगार भी पैदा होगा, जिससे अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा. व्यावसायिक दृष्टिकोण से, ट्रेन सेवा क्षेत्र के गांव के लोगों और छोटे व्यापारियों के लिए वरदान होगी क्योंकि पर्यटकों की भारी आवाजाही से यहां सभी प्रकार की व्यावसायिक गतिविधियों को बढ़ाने में मदद मिलेगी."
गुप्ता ने कहा, "जम्मू क्षेत्र में बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं और तीर्थ स्थानों पर जाते हैं, लेकिन वे रेलवे संपर्क की कमी के कारण कई अन्य तीर्थ स्थलों तक नहीं पहुंच पाते हैं. अब यह नई रेलवे लाइन उन्हें इन तीर्थ क्षेत्रों के साथ बेहतर संपर्क प्रदान करेगी."
जम्मू-कश्मीर को सभी मौसम में परिवहन प्रणाली प्रदान करने के लिए केंद्र सरकार ने यूएसबीआरएल परियोजना के जरिये कश्मीर घाटी को इंडियन रेलवे नेटवर्क से जोड़ने की योजना बनाई है. यह परियोजना दुर्गम क्षेत्रों में 205 किलोमीटर की पहुंच सड़कों से पर्यटन के अवसर प्रदान करेगी और 73 गांवों को पर्यटकों के लिए संभावित क्षेत्रों के रूप में खोजा जाएगा.
जम्मू के त्रिकुटा नगर ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अभिनव आनंद ने ईटीवी भारत को बताया, "यह नया रेलवे लिंक पर्यटन क्षेत्र में अधिक रोजगार पैदा करने में मदद करेगा क्योंकि इस क्षेत्र में पर्यटकों की आवक स्थानीय लोगों को स्टे होम्स बनाने, बजट होटल, स्थानीय परिवहन और रेस्तरां शुरू करने के लिए प्रोत्साहित करेगी."
जम्मू रेलवे स्टेशन पर सोमवार को आयोजित कार्यक्रम में, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि यह नया रेलवे डिवीजन और रेल लिंक क्षेत्र की अर्थव्यवस्था और पर्यटन को बढ़ावा देगा.
पर्यटन उद्योग के विशेषज्ञ राकेश रॉय ने ईटीवी भारत को बताया, "इस रेल लिंक का पर्यटन क्षेत्र पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. बड़ी संख्या में पर्यटक महंगा हवाई किराया वहन नहीं कर सकते हैं, लेकिन अब उन्हें बहुत सस्ती कीमत पर यात्रा करने का विकल्प मिलेगा."
यूएसबीआरएल परियोजना क्या है
केंद्र सरकार ने उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक परियोजना के तहत कश्मीर घाटी को भारतीय रेल नेटवर्क से जोड़ने के लिए उधमपुर से बारामूला तक 272 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन की योजना बनाई है, ताकि जम्मू-कश्मीर को विश्वसनीय परिवहन प्रणाली प्रदान की जा सके. उधमपुर-कटरा (25 किमी), बनिहाल-काजीगुंड (18 किमी), काजीगुंड-बारामूला (118 किमी), कटरा-बनिहाल (111 किमी), बनिहाल-संगलदान (48 किमी), रियासी-संगलदान (46 किमी), और कटरा-रियासी (17 किमी).
परियोजना में 38 सुरंगें शामिल: इस परियोजना में 38 सुरंगें शामिल हैं जिनकी कुल लंबाई 119 किमी है.
कटरा-बनिहाल पर ब्रिज: कटरा-बनिहाल खंड पर 37 पुल (26 बड़े और 11 छोटे) हैं. इस खंड में चार मेगा ब्रिज, चिनाब ब्रिज, अंजी ब्रिज, ब्रिज-39 और ब्रिज-43 शामिल हैं.
चिनाब ब्रिज: जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में चिनाब नदी पर बना आर्च ब्रिज दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे ब्रिज है. ब्रिज की कुल लंबाई 1,315 मीटर है और इसका डिजाइन लाइफ 120 साल है.
अंजी ब्रिज: अंजी खड्ड ब्रिज जम्मू-कश्मीर में कटरा और रियासी को जोड़ने वाला इंडियन रेलवे का देश का 'पहला केबल-स्टेड ब्रिज' है. यह ब्रिज USBRL परियोजना की राष्ट्रीय परियोजना का एक हिस्सा है. ब्रिज की कुल लंबाई 725.5 मीटर है.
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