नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में पहली बार खो-खो का वर्ल्ड कप होने जा रहा है. इसके लिए काउंट डाउन शुरू हो गया है. खास बात यह है कि इस खेल को देखने के लिए मुफ्त टिकट की व्यवस्था होगी. लेकिन, इसे ऑनलाइन बुक करना पड़ेगा. इस खेल के प्रेमी अपनी मनचाही सीट बुक कर सकेंगे.
आईटीओ स्थित इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में आयोजित होने वाले इस खेल में छह महाद्वीपों के 24 देश शिरकत करेंगे. 21 पुरुष टीम और 20 महिला टीम इस विश्वकप में भाग ले रही हैं. खो-खो खेल के इस महाकुंभ का आयोजन 13 जनवरी से 19 जनवरी तक होगा. एशिया की टीमों में भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश की टीमें प्रमुख रूप से शामिल हो रही हैं.
मनोरंजन के लिए एक विशेष कार्यक्रम: इस इवेंट में उपस्थित लोगों के मनोरंजन के लिए एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन होगा. कॉमनवेल्थ गेम की तरह दिल्ली में भी खो-खो फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष सुधांशु मित्तल ने बताया कि खिलाड़ियों के ठहरने के लिए खेल गांव बसाने की भी योजना है, ताकि देश-विदेश में इस खेल की चर्चा हो सके. विश्व कप में दो शानदार ट्रॉफी होंगी. पुरुषों की चैंपियनशिप के लिए चमकदार नीली ट्रॉफी तैयार की गई है, और महिलाओं के लिए हरी ट्रॉफी, जो गतिशील भावना को दर्शाता है. नीली ट्रॉफी विश्वास, दृढ़ संकल्प और सार्वभौमिक अपील का प्रतीक है, वहीं हरी ट्रॉफी विकास और जीवन शक्ति का प्रतीक.
विश्व कप खो-खो को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देगा पहचान: खो खो फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष सुधांशु मित्तल ने मीडिया से बातचीत में बताया कि वर्ल्ड कप भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के तत्वावधान में आयोजित किया जा रहा है. इस विश्व कप का आयोजन खो-खो को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक नई पहचान दिलाने के लिए किया जा रहा है, ताकि इस खेल को ओलंपिक्स में शामिल कराया जा सके. इस आयोजन से दुनिया भर के लोग खो-खो के कौशल, गति और टीम वर्क का प्रदर्शन देख सकेंगे. यह विविध देशों की संस्कृतियों को खेल के माध्यम से एकजुट करेगा.
खो-खो नई वैश्विक ऊंचाई तक पहुंच रहा है: फेडरेशन के महासचिव एमएस त्यागी का कहना है कि विश्वकप में 24 देशों की भागीदारी खो-खो की बढ़ती अंतरराष्ट्रीय लोकप्रियता को दर्शा रही है. इस खेल के शुभंकर तेजस और तारा हैं. तारा मार्गदर्शन और आकांक्षा का प्रतीक है और तेजस गति और टीमवर्क का. नए नए आयोजनों से यह खेल अब नई वैश्विक ऊंचाई तक पहुंच रहा है.
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