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नर्सेज का आउटसोर्स भर्ती का मामला, हाईकोर्ट में अब 8 जनवरी को होगी सुनवाई - NURSES OUTSOURCE BHARTI CASE

आउटसोर्स आधार पर नर्सों के पद भरने से जुड़े मामले में सुनवाई को 8 जनवरी तक टाल दिया गया है. डिटेल में पढ़ें खबर...

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट शिमला
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट शिमला (फाइल फोटो)

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jan 2, 2025, 10:00 PM IST

शिमला: राज्य में आउटसोर्स आधार पर नर्सों के पद भरने से जुड़े मामले में सुनवाई 8 जनवरी के लिए टल गई. हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति गुरमीत सिंह संधवालिया व न्यायमूर्ति सत्येन वैद्य की खंडपीठ के समक्ष इस मामले पर गुरुवार को आंशिक सुनवाई हुई. मामले में पिछली सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने टिप्पणी की थी कि भर्ती करने वाले ऐसे 36 ठेकेदारों के नाम हैं, जिन्हें एच.पी. राज्य इलेक्ट्रॉनिक विकास निगम द्वारा अनुमोदित किया गया है.

कोर्ट ने कहा था कि प्रथम दृष्टया, सूची को देखने से पता चलता है कि उनमें से कई का भर्तियों से कोई लेना-देना नहीं है. उन्होंने कभी भी भर्ती का कोई मामला नहीं संभाला है. अदालत ने आगे कहा था कि अकेले छोड़ें, ऐसे मामले भी हो सकते हैं, जहां इन फर्मों के मालिक खुद पूरी तरह से अशिक्षित या अर्ध-साक्षर हों, लेकिन आश्चर्यजनक रूप से उन्हें कानून अधिकारी, नर्स, डॉक्टर आदि जैसे जिम्मेदार पदों पर आउटसोर्स आधार पर भर्ती करने का काम सौंपा गया हो.

मामले में राज्य सरकार ने स्थगन आदेश से रोक हटाने के लिए आवेदन के माध्यम से गुहार लगाई है. हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया था कि यह पूरी तरह तय हो चुका है कि स्टॉप गैप व्यवस्था पर की जाने वाली भर्तियां भी कानून के अनुसार की जाने वाली भर्तियों की तरह कुछ हद तक भर्ती और पदोन्नति (आरएंडपी) नियमों के अनुरूप नहीं हो सकती हैं.

अदालत की तरफ से एच.पी.राज्य इलेक्ट्रॉनिक विकास निगम को आदेश जारी किए गए थे कि हिमाचल प्रदेश वित्तीय नियम, 2009 के प्रावधानों के अनुसार सख्ती से आउटसोर्स के आधार पर मैन पावर प्रदान करेगा. राज्य सरकार की ओर से कोर्ट के समक्ष यह दलील दी गई कि जब तक भर्ती एवं पदोन्नति नियमों के अंतर्गत नर्सों के पदों को भरने के लिए शुरू से अंतिम चरण तक प्रक्रिया को अंजाम नहीं दिया जाता, तब तक राज्य सरकार को इन पदों को आउटसोर्स पर भरने की अनुमति प्रदान की जाए. मामले में राज्य सरकार की ओर से भर्ती एवं पदोन्नति नियमों के अंतर्गत नर्सों के पदों को भरने के लिए उठाए गए कदमों की पुष्टि बाबत सुनवाई अब 8 जनवरी को होगी.

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