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बिजली कटने के बाद ऑक्सीजन के लिए तड़पता रहा नवजात, जनरेटर में तेल न होने से मौत! परिजनों का हंगामा - Newborn dies in bhagalpur

Naugachia newborn dies भागलपुर के रंगरा में प्रशासन की बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है, जहां कथित रूप से जेनरेटर आधे घंटे तक स्टार्ट नहीं होने के कारण ऑक्सीजन सप्लाई बाधित हो गई. इसके चलते एक नवजात की जान चली गई. परिजनों ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी निष्क्रियता और कुप्रबंधन के कारण उन्हें अपने बच्चे को खोना पड़ा. पढ़ें, विस्तार से

Newborn dies in bhagalpur
नवजात की मौत. (ETV Bharat)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Sep 11, 2024, 10:50 PM IST

नवजात की मौत. (ETV Bharat)

भागलपुर: बिहार के भागलपुर जिले के नवगछिया स्थित रंगरा सामुदायिक अस्पताल में एक नवजात की मौत हो गयी. परिजनों के अनुसार बच्चे को ऑक्सीजन लगाया गया था, बिजली कटने के बाद जेनरेटर चालू करने में करीब आधे घंटे की देरी हुई और नवजात की मौत हो गयी. घटना के बाद सैकड़ों की संख्या में स्थानीय लोगों की भीड़ जमा हो गयी. अस्पताल में हंगामे की सूचना पर रंगरा थाना की पुलिस मौके पर पहुंची. परिजन, अस्पताल प्रशासन एवं जनरेटर सप्लाई का काम देखने वाले ठेकेदार पर एफआईआर की मांग कर रहे थे.

रंगरा सामुदायिक अस्पताल में जुटी भीड़. (ETV Bharat)

क्या है मामलाः मधेपुरा जिले के मोहम्मद सऊद आलम, पत्नी की डिलीवरी के लिए रंगरा अस्पताल पहुंचे थे. शादी के 5 साल बाद बच्चे का जन्म हुआ. काफी खुश थे. लेकिन उनकी खुशी डेढ़ घंटे भी नहीं रही. डॉक्टर ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया. परिजनों ने बताया कि बच्चे का 2:40 पर जन्म हुआ था तब वह पूर्ण रूप से स्वस्थ था. इस बात की जानकारी नर्स ने दी थी. नर्स ने कहा था कि बच्चे को अभी ऑक्सीजन लगाया हुआ है और बच्चा ठीक-ठाक है.

हंगामे की सूचना पर पहुंची पुलिस. (ETV Bharat)

लापरवाही की हदः परिजनों ने बताया कि अचानक बिजली कट गयी. जनरेटर सुविधा उपलब्ध कराने में आधे घंटे देर हुई. जनरेटर की देखरेख करने वाले वहां मौजूद नहीं था. जब वह पहुंचा तो जनरेटर में तेल नहीं था. जनरेटर में तेल डालने और उसे चालू करने में करीब 20 से 25 मिनट का समय लग गया, बच्चे को ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं हो पाई. अस्पताल प्रभारी डॉक्टर रंजन को जब बच्चा के स्वस्थ होने की बात बतायी गयी तो उन्होंने स्टाफ को धमकाते हुए पूछा क्या बच्चा रो रहा था. डरी सहमी आशा ने कहा, 'बच्चा नहीं रो रहा था.'

डॉक्टर रंजन, अस्पताल प्रभारी (ETV Bharat)

"अस्पताल में संसाधनों की कमी है. बच्चों के प्रसव को लेकर हम दुविधा में रहते हैं. हमारे पास शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर नहीं है. अस्पताल में आशा के भरोसे ही महिलाओं का प्रसव होता है."-डॉक्टर रंजन, अस्पताल प्रभारी, सामुदायिक अस्पताल रंगरा

रंगरा सामुदायिक अस्पताल (ETV Bharat)

मोबाइल देखते रहते हैं डॉक्टरः मौके पर मौजूद मृत बच्चे के मौसा ने बताया कि अस्पताल से कुछ दूरी पर एएनएम कॉलेज है. वहां से ट्रेनिंग के लिए छात्रों को अस्पताल भेज देता है. जहां पर मरीजों के जीवन के साथ अस्पताल में ट्रेनिंग नर्स खिलवाड़ करती हैं. उनका आरोप था कि ड्यूटी के दौरान नर्स एवं डॉक्टर सभी मोबाइल पर लगे थे. मरीजों की कोई सुध लेने वाला नहीं है. जरूरत पड़ने पर मरीज के परिजन ही डॉक्टर को सूचना देते हैं.

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