Industry Land Like Home Loan: मध्य प्रदेश को औद्योगिक राज्य बनाने के लिए मोहन यादव सरकार संभाग स्तर पर इन्वेस्टर्स मीट के जरिए निवेशकों को लुभा रही है. उद्योगपतियों को रिझाने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत करने के साथ-साथ बड़े शहरों से जुड़े नेशनल हाईवे, रेलवे जंक्शन के आसपास औद्योगिक क्षेत्र की स्थापना की जा रही है. ऐसे में एक बार सरकार अपनी नीतियों में फिर बदलाव कर रही है और निवेश मित्र नीतियां बना रही है. खासकर उद्योगों के लिए जमीन मुहैया कराए जाने और कर राहत को लेकर कई अहम फैसले किए हैं. उद्योगपति अब जमीन की कीमत 3 साल में किश्तों में अदा कर सकते हैं.
आधा दर्जन से ज्यादा औद्योगिक क्षेत्र में निवेश की दरकार
सरकार ने बड़े पैमाने पर जमीन अधिग्रहित कर उद्योगों को रिझाने के लिए बड़े-बड़े औद्योगिक क्षेत्र स्थापित किए हैं. इनमें उज्जैन का ताजपुर इंडस्ट्रियल एरिया, विदिशा का जंबारबागरी इंडस्ट्रियल एरिया, इटारसी का कीरतपुर इंडस्ट्रियल एरिया और जबलपुर का मनेरी शामिल हैं. यहां औद्योगिक क्षेत्र में निवेशकों की रुचि के लिए सस्ती कीमतों पर जमीन देने का फैसला किया है.
निवेश रिझाने मामूली कीमतों में किश्तों पर जमीन
मोहन यादव सरकार ने उद्योगपतियों को काफी कम दर पर जमीन मुहैया कराने का फैसला किया है. इसके साथ कई इंडस्ट्रियल एरिया में तो होमलोन की तर्ज पर उद्योगपतियों को जमीन मुहैया कराई जा रही है. उनसे एकमुश्त नहीं बल्कि किश्तों में भूखंड की राशि लेने का प्रावधान किया है. उद्योगपति अब जमीन की कीमत 3 साल में किश्तों में अदा कर सकते हैं. खास बात ये है कि ये जमीन मामूली कीमत में उद्योगपतियों को दी जा रही है. उद्योगपतियों को 100 रुपये से 180 रुपये फीट तक जमीन मुहैया कराई जा रही है.
उत्पादन शुरू करने दिया 3 साल का समय
कम कीमत और आसान किश्तों में जमीन मुहैया कराने के बाद सरकार उद्योगपतियों को अपने यूनिट से उत्पादन शुरू करने के लिए भी पर्याप्त समय दे रही है. सरकार 3 साल में उद्योगपतियों को जमीन पर उत्पादन शुरू करने का अवसर दे रही है. इस अवधि में उद्योगपति यदि उत्पादन शुरू कर देते हैं तो सरकार उन्हें और कई रियायतें मुहैया कराती है. उत्पादन शुरू नहीं होने पर सरकार जमीन वापस ले लेती है.