भोपाल: मध्य प्रदेश में कर्मचारी चयन मंडल (ईएसबी) ने शिक्षक भर्ती 2025 का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. इसमें स्कूल शिक्षा विभाग में 7082 पदों पर और जनजातीय कार्य विभाग में 847 पदों पर भर्ती होगी. लेकिन नई भर्तियों पर कोर्ट का साया मंडरा रहा है. दरअसल, साल 2018 में ईएसबी द्वारा स्कूल शिक्षा विभाग में 17 हजार पदों पर भर्ती निकाली गई थी लेकिन रोस्टर में 15 हजार पद ही दर्शाया गया था. हालांकि, नियुक्ति में कटौती करते हुई सिर्फ 8470 शिक्षकों की बहाली हुई थी. ऐसे में करीब 6530 शिक्षक नियुक्ति से वंचित रह गए. जिन्हें दूसरी काउंसलिंग में भी मौका नहीं दिया गया. जिसके बाद माध्यमिक शिक्षक भर्ती 2018 के उम्मीदवार कोर्ट का रुख किया.
16 अभ्यर्थियों ने खटखटाया कोर्ट का दरवाजा
माध्यमिक शिक्षक भर्ती 2018 में 2.90 लाख अभ्यर्थी पात्र घोषित किए गए थे. जिसके बाद दो चरणों में 40 हजार अभ्यर्थियों की काउंसलिंग हुई. जबकि बचे हुए 2.5 लाख अभ्यर्थियों के लिए तीसरी काउंसलिंग नहीं हुई. जिसके बाद जबलपुर निवासी दीपेंद्र सिंह राजपूत समेत 26 लोगों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. जिसमें अब हाईकोर्ट ने स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव, डीपीआई आयुक्त, आयुक्त जनजातीय विभाग और सचिव कर्मचारी चयन मंडल को नोटिस भेजकर मामले में जवाब मांगा है.
एक लाख से अधिक शिक्षकों के पद स्वीकृत
हाईकोर्ट में याचिकाकर्ताओं द्वारा याचिका में कहा गया है कि स्कूल शिक्षा सेवा संवर्ग शर्तें और भर्ती नियम 2018 में माध्यमिक शिक्षकों के 60,686 पदों को स्वीकृति दी गई थी. इसी तरह जनजातीय कार्य विभाग में भी करीब 43,734 पद स्वीकृत हैं. दोनों को मिलाकर कुल 1,04,420 पद स्वीकृत हैं. कुल पदों में 50 प्रतिशत सीधी भर्ती के पद हैं. इस तरह 51743 खाली पदों के विरुद्ध 17,213 पदों पर माध्यमिक शिक्षक भर्ती 2018 का आयोजन किया गया. लेकिन इसमें अब तक केवल 10 हजार अभ्यर्थियों को ही नियुक्ति दी गई है.
7 साल में सवा लाख अभ्यर्थी हुए ओवरएज
मध्यप्रदेश शिक्षक भर्ती संगठन मध्यप्रदेश के अध्यक्ष रविदास श्यामलाल ने कहा, " माध्यमिक शिक्षक भर्ती 2018 में दो चरणों में 40 हजार अभ्यर्थियों की काउंसलिंग हुई थी. तीसरी काउंसलिंग के लिए लगभग 2 लाख 50 हजार उम्मीदवार इंतजार कर रहे हैं. इनमें से 1.5 लाख (सवा लाख) अभ्यर्थी तय सीमा से ज्यादा उम्र के हो गए हैं. लेकिन अभी भी अधिकारी तीसरी काउंसलिंग की डेट नहीं बता पा रहे हैं. इस मामले को लेकर अभ्यार्थी कोर्ट की शरण में भी गया है. संभवत वहां से राहत मिलेगी."
वहीं, इस मामले में लोक शिक्षण संचालनालय की आयुक्त शिल्पा गुप्ता ने कहा, " यह मामला पुराना है. मैंने अभी ज्वाइन किया है. इसलिए यह मामला मेरी जानकारी में नहीं है. पता कर बता पाएंगे."