जबलपुर : मध्यप्रदेश हाईकोर्ट जस्टिस देव नारायण मिश्रा की एकलपीठ ने दुष्कर्म के मामले में एक इंजीनियर को अग्रिम जमानत दे दी. इसके साथ ही आरोपी से कहा है "इलेक्ट्रॉनिक गैजेट व सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के पासवर्ड जांच एजेंसी को सौंपें." एकलपीठ ने अपने आदेश में कहा है "युवती के साथ की अंतरंग तस्वीरें भी पीड़िता व जांच एजेंसी के सुपुर्द की जाएं."
6 साल से महिला व आरोपी के बीच बातचीत नहीं
मामले के अनुसार भोपाल निवासी तेज नारायण शर्मा की तरफ से दायर याचिका में बताया गया "पीड़िता व उसके बीच साल 2006 से मैत्रीपूर्ण संबंध थे. दोनों बालिग और इंजीनियर के पद पर अलग-अलग संस्थाओं में कार्यरत हैं. दोनों के बीच वर्ष 2010 से 2018 तक सहमति से संबंध स्थापित होते रहे. साल 2018 के बाद वह बैंगलोर में काम कर रहा था और इस दौरान उनके बीच कोई बातचीत नहीं हुई." वहीं, पीड़िता द्वारा 6 साल बाद दिसम्बर 2024 में महिला थाना भोपाल में दुष्कर्म की रिपोर्ट दर्ज करवाई गई.
आरोपी पर निजी पलों की तस्वीरें वायरल करने का आरोप
वहीं, पीड़िता व सरकार की तरफ से अग्रिम जमानत आदेवन का विरोध करते हुए कहा गया "शादी का प्रलोभन देकर आरोपी ने 10 वर्षों तक पीड़िता की निजता का उल्लंघन किया. आरोपी ने बार-बार शादी का वादा किया था. आरोपी ने पीड़िता की आपत्तिजनक तस्वीरें भी अपने दोस्तों के साथ साझा की हैं." इस मामले में शादी से इंकार करने पर पीड़िता ने उसके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवाई है. एकलपीठ ने अपने आदेश में कहा है "दोनों 2010 से 2018 तक लंबे समय तक रिलेशनशिप में थे. दोनों अलग-अलग स्थानों पर सेवारत थे, लेकिन तब निजता के उल्लंघन का कोई आरोप नहीं लगाया गया."
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जांच के बाद डिजिटल उपकरण आरोपी को मिलेंगे
एकलपीठ ने आरोपी को अग्रिम जमानत का लाभ प्रदान करते हुए निर्देश दिए "जो भी निजी पल की तस्वीरें उसके पास हैं, उसे पुलिस व पीड़िता को सौंपी जाएं. इसके अलावा मोबाइल, लैपटॉप आदि तथा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप आदि के पासवर्ड भी जांच एजेंसी को सौंपें." ये भी कहा कि जांच एजेंसी डिजिटल उपकरणों से डेटा प्राप्त करने के बाद आवेदक के सभी गैजेट्स वापस कर देगी.