शिवपुरी: केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की जनसुनवाई के दौरान जनता की समस्याओं के आवेदन रद्दी में फेंकने को लेकर 5 अधिकारियों को निलंबित किया गया है. बता दें कि 8 फरवरी को ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शिवपुरी जिला मुख्यालय के गांधी पार्क स्थित मानस भवन और पिछोर के छत्रसाल स्टेडियम में जनता दरबार लगाई थी. उन्होंने जिला प्रशासन को निर्देश दिए की आवेदनों को सूचीबद्ध तरीके से सुरक्षित रखा जाए और आवेदकों की समस्याओं का त्वरित समाधान किया जाए, लेकिन आरोप है कि पिछोर में केंद्रीय मंत्री के जाते ही सरकारी कर्मचारियों ने जनता के शिकायती आवेदनों को रद्दी में फेंक दिया.
आरोपियों को कलेक्टर ने किया निलंबित
इस मामले को न सिर्फ कलेक्टर रवीन्द्र कुमार चौधरी, बल्कि केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी गंभीरता से लिया और इस मामले की जांच करवाई. जांच में पाया गया कि इस मामले में प्रथम दृष्टया पटवारी दीपक शर्मा, पटवारी दीपक दांगी, पटवारी प्रतीक पाराशर, सहायक ग्रेड 3 प्रमोद वर्मा, सहायक ग्रेड 3 प्रशांत शर्मा की लापरवाही रही है. कलेक्टर रवीन्द्र कुमार चौधरी ने प्रारंभिक रूप से दोषी पाए गए सभी कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया.
कर्मचारियों द्वारा बरती गई लापरवाही के कारण शिविर में अव्यवस्था की स्थिति निर्मित होना पाया गया है. इसके अतिरिक्त पंजीयन काउंटर पर शिक्षकों की भी ड्यूटी लगाई गई थी. जिसमें ड्यूटी संतोष गुप्ता, माध्यमिक शिक्षक राम प्रकाश गुप्ता, माध्यमिक शिक्षक श्रीकांत पाराशर, प्राथमिक शिक्षक राकेश ओझा, माध्यमिक शिक्षक अनिल पाराशर शामिल हैं. इनके विरुद्ध भी कार्रवाई के लिए एसडीएम द्वारा प्रस्ताव भेजा गया है.
असामाजिक तत्वों के खिलाफ होगी एफआईआर
पिछोर एसडीएम ने इस मामले में प्रशासनिक पक्ष प्रस्तुत करते हुए बताया कि पंजीयन काउंटर पर जिन कर्मचारियों द्वारा आवेदन पत्रों का पंजीयन किया जा रहा था, उनके द्वारा पंजीयन के साथ ही आवेदन की फोटो कॉपी करके एक प्रति अपने पास रिकार्ड में रखी गई थी. कुछ शरारती तत्वों द्वारा बाद में पंजीयन काउंटर पर रखे स्कैन और फोटो कॉपी आवेदन को कर्मचारियों से छीनकर जनसुनवाई में जा रही एक महिला के हाथों भेज दिए गए थे. इसके बाद यह भ्रम फैला दिया कि कर्मचारियों ने आवेदकों को कचरे में डाल दिया है.
इस मामले में भी कलेक्टर रविंद्र कुमार चौधरी ने कहा है कि "शरारती तत्वों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी. प्रशासनिक अधिकारी हरकत करने वाले लोगों की पहचान कर रहे हैं. असामाजिक तत्वों की पहचान के बाद उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी"
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केंद्रीय मंत्री के कार्यालय से भी जारी हुआ स्टेटमेंट
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के कार्यालय से भी इस मामले में स्टेटमेंट जारी किया गया है. बताया गया कि जो आवेदन मंत्री सिंधिया तक नहीं पहुंच सके, उन आवेदनों को लेकर उन्होंने प्रशासन को स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए हैं कि इन आवेदनों को सूचीबद्ध तरीके से सुरक्षित रखा जाए एवं आवेदकों की समस्याओं का त्वरित समाधान किया जाए. साथ ही, सिंधिया ने प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि उनके अगले दौरे में इन आवेदनों की स्थिति की पूरी जानकारी प्रस्तुत की जाए.
इस मामले में लापरवाही बरतने वाले 3 पटवारियों एवं 2 अन्य मंत्रालयिक कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है. साथ ही, प्राप्त इनपुट के आधार पर यह भी संकेत मिला है कि यह संपूर्ण घटना कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा सुनियोजित तरीके से की गई थी. इस संबंध में दोषियों के खिलाफ मामला दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है. इसके अलावा, इस पूरे प्रकरण के लिए जिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही है.