नई दिल्ली: ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस (TMC) सांसद नदीमुल हक ने सोमवार को राज्य सभा में ऑल इंडिया रेडियो पर कमेंट्री का मुद्दा उठाया. इसको सभापति जगदीप धनखड़ ने भी टीएमसी नेता कि सरहाना की. नदीमुल हक ने सदन में कहा कि भारत में रेडियो पर क्रिकेट कमेंट्री की महान परंपरा रही है, लेकिन यह (केंद्र) सरकार इस परंपरा को कुचल रही है. देश में कमेंट्री करने वाले कई महान कमेंटेटर रहे हैं, लेकिन अब भारत में रोडियो पर क्रिकेट कमेंट्री खस्ताहाल क्यों हैं.
उन्होंने कहा कि आकाशवाणी में शानदार कंटेंट तैयार करने की क्षमता है और वह वर्ल्ड क्लास कमेंट्री के जरिए बड़ी संख्या में लोगों तक पहुंच सकती है. सिर्फ बीबीसीए और एबीसी ने हमेशा बेस्ट कमेंटेटर का इस्तेमाल किया. सांसद ने बताया कि आकाशवाणी भारत का नेशनल ब्रॉडकास्टर है. इसके पास 591 स्टेशन हैं, जिसकी पहुंच देश की 98 प्रतिशत लोगों तक है. अपनी इतनी बड़ी रीच होने की वजह से इसके पास बड़ी तादाद में लोगों तक पहुंचने की क्षमता है.
आकाशवाणी को रेडियो राइट्स नहीं दिए
टीएमसी नेता ने बताया कि 2020 के पहले तीन महीने में आाकाशवाणी को सिर्फ 2 करोड़ प्रति महीना ऑडियंस ने सुना, जबकि पोडकास्ट ऑडियंस लगभग 17 करोड़ रही. इसके बावजूद BCCI और टीवी चैनल्स ने आकाशवाणी को रेडियो राइट्स नहीं दिए. वे आकाशाणी बर्बाद कर रहे हैं. वहीं, आकाशवाणी भी फंड की कमी के कारण वेन्यु पर अपने कमेंटेटर नहीं भेज रहा.
सांसद ने दिए सुझाव
उन्होंने कहा कि इसके लिए उनकी पार्टी के 3 सुझाव हैं. पहला यह है कि हर भाषा के लिए अलग रेडियो चैनल बनाया जाए. हिन्दी और इंग्लिश चैनल इस तरह से कमेंट्री करते हैं, जिससे अच्छी कमेंट्री खत्म हो रही है. दूसरा सुझाव यह है कि आकाशवाणी में कमेंट्री के सेलेक्शन प्रोसेस इस तरह हो कि अच्छे कमेंटेटर सामने आएं. इसके लिए भेदभावपूर्ण और प्रोफेशनल जजिंग सिस्टम बनाया जाए.
उन्होंने तीसरा सुझाव देते हुए कहा कि कमेंट्री के लिए ऐसे लोगों को चुना जाए, जिनको क्रिकेट के बारे में पूरी जानकारी हो और उनमें लोगों को इंगेज करने की क्षमता हो. उन्होंने सुझाव दिया कि इन तीन सुझावों को लागू किया जाए और रेडियो कमेंट्री को वर्ल्ड क्लास बनाने के लिए एक टीम बनाई जाए और हर्षा भोगले को इस टीम का कप्तान बनाया जाए, जिससे एक बार फिर शानदार रेडियो कमेंट्री सुनने को मिले.