जोधपुर.राज्य विधानसभा में शून्यकाल में शुक्रवार को बायतू विधायक हरीश चौधरी ने पिछली सरकार के मुखिया अशोक गहलोत के बड़े निर्णय पर सवाल उठाया. चौधरी ने जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय से अलग कर बनाए गए एमबीएम विश्वविद्यालय की उपयोगिता पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह निर्णय न्यायोचित नहीं था. चौधरी ने कहा कि जब एमबीएम विश्वविद्यालय बनाया गया तो कई कुतर्क दिए गए, जैसे- इसे सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाया जाएगा, एल्यूमनाई एसोसिएशन वित्तीय सहायता देगी, लेकिन आज दोनों विश्वविद्यालय अंतिम सांसें ले रही है. वहां की कक्षाओं का सन्नाटा हमारे युवाओं के भविष्य का सन्नाटा हैं. वहां के प्रोफेसर अपनी पेंशन के लिए फुटपाथ पर है.
चौधरी ने कहा कि विश्वविद्यालय का मूल कार्य शोध होता है, लेकिन आज दोनों विश्वविद्यालयों में शोध कार्य नहीं हो रहे हैं. शैक्षणिक कार्य भी नहीं हो रहे हैं. सिर्फ परीक्षाओं के नाम पर ही यह संस्थान चल रहे हैं. चौधरी ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि एमबीएम विश्वविद्यालय को विलोपित करने के लिए प्रस्ताव लेकर आएं. उल्लेखनीय है कि तत्कालीन सीएम अशोक गहलोत ने ही जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय से एमबीएम कॉलेज को अलग कर विश्वविद्यालय का दर्जा दिया था. तब किसी ने इस पर आपति नहीं जताई थी.
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अवैध खनन पर जूली ने घेरा :भाजपा के निवाई विधायक रामसहाय वर्मा ने टोंक में अवैध बजरी खनन के चलते उपजी स्थितियों पर अपनी बात रखी. विधायक ने कहा कि बजरी माफिया द्वारा गश्त के दौरान हैंड कांस्टेबल की कुचल कर हत्या कर दी गई. वर्मा ने कहा कि विभागीय अधिकारी, नगर परिषद के सभापति और अधिकारियों की मिलीभगत से शहर में से ट्रक गुजर रहे हैं. उनियारा में तो बजरी माफियाओं ने वनकर्मी को पीटा गया हैं. वर्मा ने सरकार से इस पर कार्रवाई की मांग की. इस पर प्रतिपक्ष नेता टीकाराम जूली ने कहा कि सरकार मान रही है ना बजरी माफिया अवैध खनन कर रहा है. कांस्टेबल को कुचल कर मारा जा रहा हैं. आपके विधायक यह मामले उठा रहे हैं आपको मानना पड़ेगा. इस पर कुछ देर हंगामा भी हुआ.