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डिजिटल अरेस्ट कर बुजुर्ग से 4 लाख ठगे, शेयर मार्केट में मुनाफे के लालच में पुलिस ने गंवाए 32 लाख - DIGITAL ARREST

जोधपुर जिले में ठगी के दो मामले सामने आए हैं. ठगों ने कुल 36 लाख रुपए की ठग की है.

जोधपुर जिले में ठगी
जोधपुर जिले में ठगी (ETV Bharat Jodhpur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 9, 2025, 2:26 PM IST

जोधपुर : जिले में ठगी के दो अलग-अलग मामले सामने आए हैं. पहले केस में महामंदिर थाना क्षेत्र में ठगों ने एक रिटायर्ड सीनियर सिटीजन को मनी लॉन्ड्रिंग केस का डर दिखाकर डिजिटल अरेस्ट कर लिया और 4 लाख से अधिक रुपए ठग लिए. वहीं, दूसरा मामला लूणी थाना क्षेत्र का है, जहां ठगों ने एक पुलिसकर्मी से फेसबुक के माध्यम से सम्पर्क कर शेयर मार्केट से मोटा मुनाफा दिलाने के नाम पर 30 लाख रुपए की ठगी कर ली.

बुजुर्ग को डिजिटल अरेस्ट कर 4 लाख की ठगी : महामंदिर थाना क्षेत्र में रहने वाले 75 वर्षीय सेवानिवृत्ति कर्मचारी पृथ्वी सिंह राठौर के पास 5 जनवरी को पुलिसकर्मी ने वीडियो कॉल कर कहा कि वह आईपीएस अधिकारी राजेश प्रधान है. उनका नाम मनी लॉन्ड्रिंग के केस में सामने आया है, इसलिए उनके खाते की जांच की जाएगी. बुजुर्ग रिटायर्ड कर्मचारी डर गए और उन्होंने फर्जी पुलिस अधिकारी के कहे अनुसार काम किया. ठगों ने परिवादी को उज्जवल स्मॉल बैंक का एकाउंट नंबर देकर खाते में जमा रुपए ट्रांसफर करने को कहा. साथ ही विश्वास दिलाया कि 24 घंटे में जांच के बाद राशि लौटा दी जाएगी. राठौड़ ने ऐसा करते हुए 4 लाख रुपए जमा करवा दिए. इसके बाद ठगों ने परिवादी को कॉल कर कहा कि पैसे मिल गए हैं और 24 घंटे में ये राशि उन्हें वापस मिल जाएगी. 7 जनवरी तक जब रुपए नहीं आए तो उन्होंने उसी नंबर पर कॉल किया तो नंबर बंद आया. ठगी का एहसास होने पर थाने पहुंकर मामला दर्ज करवाया है.

पढ़ें. जोधपुर में फिर डिजिटल अरेस्ट, 5 दिन में 1 करोड़ 84 लाख ठगे, बैंक भेज कर चेक से करवाए ट्रांजेक्शन

मुनाफे के चक्कर में गंवाए तीस लाख रुपए : लूणी थानाधिकारी हुकुम सिंह ने बताया कि लूणी थाने में पद स्थापित कांस्टेबल पदमाराम का संपर्क फेसबुक पर एक महिला से हुआ, जिसने बताया कि वह शेयर मार्केट में काम करती है. उसने एक व्हाट्सएप ग्रुप में पदमाराम को जोड़ा और कहा कि शेयर की खरीद फरोख्त और आईपीओ लगाने में बड़ा मुनाफा हो सकता है. लालच में आकर 14 अक्टूबर को जिरोधा ब्रोकर अकाउंट खुलवा लिया. इसके बाद खरीद फरोख्त शुरू हो गई. इस दौरान पुलिसकर्मी ने 32 लाख रुपए जमा करवा दिए. जब राशि विड्रॉल करवानी चाही तो 20 प्रतिशत टीडीएस मांगा गया. इतना ही नहीं और राशि मांगी गई, जिसके बाद कांस्टेबल को ठगी का एहसास हुआ. उसने अपने ही थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई है. पुलिसकर्मी के साथ हुई ठगी मामले की जांच शुरू कर दी है.

जोधपुर : जिले में ठगी के दो अलग-अलग मामले सामने आए हैं. पहले केस में महामंदिर थाना क्षेत्र में ठगों ने एक रिटायर्ड सीनियर सिटीजन को मनी लॉन्ड्रिंग केस का डर दिखाकर डिजिटल अरेस्ट कर लिया और 4 लाख से अधिक रुपए ठग लिए. वहीं, दूसरा मामला लूणी थाना क्षेत्र का है, जहां ठगों ने एक पुलिसकर्मी से फेसबुक के माध्यम से सम्पर्क कर शेयर मार्केट से मोटा मुनाफा दिलाने के नाम पर 30 लाख रुपए की ठगी कर ली.

बुजुर्ग को डिजिटल अरेस्ट कर 4 लाख की ठगी : महामंदिर थाना क्षेत्र में रहने वाले 75 वर्षीय सेवानिवृत्ति कर्मचारी पृथ्वी सिंह राठौर के पास 5 जनवरी को पुलिसकर्मी ने वीडियो कॉल कर कहा कि वह आईपीएस अधिकारी राजेश प्रधान है. उनका नाम मनी लॉन्ड्रिंग के केस में सामने आया है, इसलिए उनके खाते की जांच की जाएगी. बुजुर्ग रिटायर्ड कर्मचारी डर गए और उन्होंने फर्जी पुलिस अधिकारी के कहे अनुसार काम किया. ठगों ने परिवादी को उज्जवल स्मॉल बैंक का एकाउंट नंबर देकर खाते में जमा रुपए ट्रांसफर करने को कहा. साथ ही विश्वास दिलाया कि 24 घंटे में जांच के बाद राशि लौटा दी जाएगी. राठौड़ ने ऐसा करते हुए 4 लाख रुपए जमा करवा दिए. इसके बाद ठगों ने परिवादी को कॉल कर कहा कि पैसे मिल गए हैं और 24 घंटे में ये राशि उन्हें वापस मिल जाएगी. 7 जनवरी तक जब रुपए नहीं आए तो उन्होंने उसी नंबर पर कॉल किया तो नंबर बंद आया. ठगी का एहसास होने पर थाने पहुंकर मामला दर्ज करवाया है.

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मुनाफे के चक्कर में गंवाए तीस लाख रुपए : लूणी थानाधिकारी हुकुम सिंह ने बताया कि लूणी थाने में पद स्थापित कांस्टेबल पदमाराम का संपर्क फेसबुक पर एक महिला से हुआ, जिसने बताया कि वह शेयर मार्केट में काम करती है. उसने एक व्हाट्सएप ग्रुप में पदमाराम को जोड़ा और कहा कि शेयर की खरीद फरोख्त और आईपीओ लगाने में बड़ा मुनाफा हो सकता है. लालच में आकर 14 अक्टूबर को जिरोधा ब्रोकर अकाउंट खुलवा लिया. इसके बाद खरीद फरोख्त शुरू हो गई. इस दौरान पुलिसकर्मी ने 32 लाख रुपए जमा करवा दिए. जब राशि विड्रॉल करवानी चाही तो 20 प्रतिशत टीडीएस मांगा गया. इतना ही नहीं और राशि मांगी गई, जिसके बाद कांस्टेबल को ठगी का एहसास हुआ. उसने अपने ही थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई है. पुलिसकर्मी के साथ हुई ठगी मामले की जांच शुरू कर दी है.

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