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कितना खतरनाक है HMPV वायरस, एक्सपर्ट से जानें लक्षण और बचाव - HMPV SYMPTOMS AND PREVENTION

HMPV कोई नया वायरस नहीं है. भारत में अभी पैनिक होने की जरूरत नहीं है. बीमारी के लक्षण और बचाव पर फोकस जरूरी है.

Human Metapneumovirus
HMPV के लक्ष्ण और बचाव (Etv Bharat Graphics)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Jan 6, 2025, 8:23 PM IST

Updated : 20 hours ago

फरीदाबाद: कोरोना के बाद एक बार फिर चीन में एक नया वायरस सामने आया है जो वहां काफी तेजी से फैल रहा है. इस कारण चीन में काफी अफरा-तफरी का माहौल बन गया है. ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (Human Metapneumovirus-HMPV) वायरस ने अब भारत में भी प्रवेश ले लिया है. अब तक देश में इसके 3 केस सामने आ चुके हैं. लोगों में डर है कि कोविड ने भी इसी तरह भारत में एंट्री ली थी, और उसके बाद उसका भयावह रूप देखने मिला था. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ अब कई राज्य सरकारें इसके लिए चिंतित है. सरकारों ने अब इसके रोकथाम और बचाव के लिए गाइडलाइंस जारी भी की है.

डॉक्टरों का कहना है कि अभी इस पर पैनिक होने की जरूरत नहीं है. अभी जरूरी है कि बीमारी के लक्षण, बचाव और सावधानियों को समझा जाए. कोई भी लक्षण दिखे तो चिकित्सक से तुरंत संपर्क करें. इस वायरस को लेकर अमृता हॉस्पिटल फरीदाबाद के पल्मोनरी मेडिसिन विभाग में सीनियर कंसल्टेंट डॉ. प्रदीप बजाड़ ने ईटीवी भारत से बातचीत में विस्तार से बताया.

HMPV वायर के संक्रमण को कैसे पहचानें (Etv Bharat)

वायरल इंफेक्शन से फैलता है HMPV: डॉ. प्रदीप बजाड़ ने बताया कि यह ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस के कारण फैलता है. वायरस से जितने टाइप का निमोनिया होता है उसमें से 50 से 70 फीसदी निमोनिया का वायरल इंफेक्शन की वजह से ही बनता है. कोविड, इन्फ्लूएंजा या HMPV की बात करें यह सब एक वायरल इंफेक्शन है जिसकी शुरुआत गले की इन्फेक्शन से होती है. इसके अलावा मरीज को सर्दी, जुकाम, खांसी से इसकी शुरुआत होती है. यह भी उसी तरह का एक वायरस है.

फिल्हाल पैनिक होने की जरूरत नहींः हालांकि यह बोलना बहुत जल्दी होगा कि यह वायरस कोरोना की तरह तबाही मचायेगा. फिलहाल पैनिक होने की जरूरत नहीं है. वैसे देखा जाए तो HMPV कोई नया वायरस नहीं है बल्कि पिछले 25 से 30 सालों से इस तरह का मामले सामने आते रहते हैं. हालांकि इस तरह का वायरस लगातार अपना स्वरूप बदलता रहता है और नए स्वरूप में सामने आता रहता है.

कैसे जानलेवा बन जाता है कोई वायरसः नई टेक्नोलॉजी के बाद जैसे कोई गैजेट अपडेट होता है, उसी तरह हर बार यह वायरस भी स्वयं को अपडेट करते रहता है. कभी-कभी वायरस में काफी घायक बदलाव हो जाता है. यह बदलाव बहुत गंभीर रूप में सामने आता है, जिसका परिणाम कई मामलों जानलेवा होता है. HMPV के केस में सर्दी जुकाम की शुरुआत से निमोनिया जैसे गंभीर बीमारी तक में तब्दील हो जाता है और कभी-कभी बहुत ही खतरनाक स्वरूप में यह नजर आने लगता है और ज्यादा से ज्यादा लोगों को इफेक्ट करता है.

HUMAN METAPNEUMOVIRUS
HMPV वायरस के लक्षण (Etv Bharat Graphics)

बच्चे और बुजुर्गों को HMPV से सबसे ज्यादा खतराः HMPV वायरस की चपेट में ज्यादातर बच्चे और बुजुर्ग आते हैं. इसके अलावा कोई ऐसा मरीज जिसे कोई गंभीर बीमारी हो या जिसकी सर्जरी हुई हो या किसी गंभीर बीमारी की दवाई चल रही हो वह इसकी चपेट में जल्दी आते हैं. जैसे एचआईवी के मरीज, कैंसर के मरीज और गंभीर रोगों से पीड़ित व्यक्ति.

अपने हाइजीन का रखें ध्यानः डॉ. प्रदीप बजाड़ ने बताया कि इससे बचाव को लेकर हमें अपने हाइजीन को बनाये रखने की जरूरत पड़ती है, जिस तरह से कोरोना के टाइम में हमने मास्क पहना, सर्दी जुकाम वाले लोगों से अपने आप को दूर रखा, इस तरह से HMPV बीमारी से भी लड़ा जा सकता है. यह बीमारी छिकने से थूक के माध्यम से, दूसरे का रुमाल और सामान प्रयोग करने से फैलता है. इसीलिए जिस तरह से हमने कोरोना के टाइम में सावधानियों को अपनाया, उसी तरह से यदि हम सावधानियां बरतेंगे तो इस वायरस को भी हम हरा सकते हैं. इसके अलावा अगर यदि सर्दी जुकाम या गले में खराश या कोई इंफेक्शन महसूस हो रहा है तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें. अगर यह सावधानियां बरतेंगे तो जरूर हम इस वायरस को अपने से दूर कर सकते हैं.

HUMAN METAPNEUMOVIRUS
HMPV वायरस से कैसे बचें (Etv Bharat Graphics)

HMPV को लेकर केंद्र सरकार अलर्टः आपको बता दें HMPV का केस बेंगलुरु के एक अस्पताल में आठ महीने की बच्ची में भी पाया गया गया है. इसके अलावा और भी मामले अब धीरे-धीरे सामने आने लगे हैं. हालांकि इसको लेकर कई राज्यों ने अपने राज्य में एडवाइजर भी जारी कर दी है तो वहीं हेल्थ विभाग ने इस वायरस से निपटने को लेकर काम करना भी शुरू कर दिया है.

कैसे फैलता है HMPV वायरस

  • पीड़ित व्यक्ति के ड्रॉपलेट (थूक) से फैलता है.
  • पीड़ित व्यक्ति के संपर्क में आने से.
  • पीड़ित व्यक्ति के छींकने से.
  • पीड़ित व्यक्ति के रुमाल या तौलिया उपयोग करने से.
  • गले लगने, हाथ मिलाने या पीड़ित को छूने से.

HMPV वायरस के लक्षण

  • बुखार से पीड़ित होने पर.
  • गले में खराश होना.
  • सर्दी-जुकाम होना.
  • सांस संबंधी परेशानी होना.
  • संक्रमण बढ़ने पर निमोनिया या ब्रोन्काइटिस का खतरा.

HMPV वायरस से कैसे बचें

  • सर्दी जुकाम होने पर मास्क का उपयोग करें.
  • सर्दी-जुकाम वाले व्यक्तियों से दूरी बना कर रखें.
  • खांसते या छींकते के समय मुंह पर रुमाल या साफ कपड़े का उपयोग करें.
  • खाना खाने के बाद और बाहर से आने पर साफ-सफाई का ध्यान दें
  • पानी और साबुन से कम से कम 20 सेकंड तक हाथ साफ करें
  • खान-पान पर ध्यान दें.
  • नियमित रूप से हेल्दी भोजन करें.

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फरीदाबाद: कोरोना के बाद एक बार फिर चीन में एक नया वायरस सामने आया है जो वहां काफी तेजी से फैल रहा है. इस कारण चीन में काफी अफरा-तफरी का माहौल बन गया है. ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (Human Metapneumovirus-HMPV) वायरस ने अब भारत में भी प्रवेश ले लिया है. अब तक देश में इसके 3 केस सामने आ चुके हैं. लोगों में डर है कि कोविड ने भी इसी तरह भारत में एंट्री ली थी, और उसके बाद उसका भयावह रूप देखने मिला था. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ अब कई राज्य सरकारें इसके लिए चिंतित है. सरकारों ने अब इसके रोकथाम और बचाव के लिए गाइडलाइंस जारी भी की है.

डॉक्टरों का कहना है कि अभी इस पर पैनिक होने की जरूरत नहीं है. अभी जरूरी है कि बीमारी के लक्षण, बचाव और सावधानियों को समझा जाए. कोई भी लक्षण दिखे तो चिकित्सक से तुरंत संपर्क करें. इस वायरस को लेकर अमृता हॉस्पिटल फरीदाबाद के पल्मोनरी मेडिसिन विभाग में सीनियर कंसल्टेंट डॉ. प्रदीप बजाड़ ने ईटीवी भारत से बातचीत में विस्तार से बताया.

HMPV वायर के संक्रमण को कैसे पहचानें (Etv Bharat)

वायरल इंफेक्शन से फैलता है HMPV: डॉ. प्रदीप बजाड़ ने बताया कि यह ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस के कारण फैलता है. वायरस से जितने टाइप का निमोनिया होता है उसमें से 50 से 70 फीसदी निमोनिया का वायरल इंफेक्शन की वजह से ही बनता है. कोविड, इन्फ्लूएंजा या HMPV की बात करें यह सब एक वायरल इंफेक्शन है जिसकी शुरुआत गले की इन्फेक्शन से होती है. इसके अलावा मरीज को सर्दी, जुकाम, खांसी से इसकी शुरुआत होती है. यह भी उसी तरह का एक वायरस है.

फिल्हाल पैनिक होने की जरूरत नहींः हालांकि यह बोलना बहुत जल्दी होगा कि यह वायरस कोरोना की तरह तबाही मचायेगा. फिलहाल पैनिक होने की जरूरत नहीं है. वैसे देखा जाए तो HMPV कोई नया वायरस नहीं है बल्कि पिछले 25 से 30 सालों से इस तरह का मामले सामने आते रहते हैं. हालांकि इस तरह का वायरस लगातार अपना स्वरूप बदलता रहता है और नए स्वरूप में सामने आता रहता है.

कैसे जानलेवा बन जाता है कोई वायरसः नई टेक्नोलॉजी के बाद जैसे कोई गैजेट अपडेट होता है, उसी तरह हर बार यह वायरस भी स्वयं को अपडेट करते रहता है. कभी-कभी वायरस में काफी घायक बदलाव हो जाता है. यह बदलाव बहुत गंभीर रूप में सामने आता है, जिसका परिणाम कई मामलों जानलेवा होता है. HMPV के केस में सर्दी जुकाम की शुरुआत से निमोनिया जैसे गंभीर बीमारी तक में तब्दील हो जाता है और कभी-कभी बहुत ही खतरनाक स्वरूप में यह नजर आने लगता है और ज्यादा से ज्यादा लोगों को इफेक्ट करता है.

HUMAN METAPNEUMOVIRUS
HMPV वायरस के लक्षण (Etv Bharat Graphics)

बच्चे और बुजुर्गों को HMPV से सबसे ज्यादा खतराः HMPV वायरस की चपेट में ज्यादातर बच्चे और बुजुर्ग आते हैं. इसके अलावा कोई ऐसा मरीज जिसे कोई गंभीर बीमारी हो या जिसकी सर्जरी हुई हो या किसी गंभीर बीमारी की दवाई चल रही हो वह इसकी चपेट में जल्दी आते हैं. जैसे एचआईवी के मरीज, कैंसर के मरीज और गंभीर रोगों से पीड़ित व्यक्ति.

अपने हाइजीन का रखें ध्यानः डॉ. प्रदीप बजाड़ ने बताया कि इससे बचाव को लेकर हमें अपने हाइजीन को बनाये रखने की जरूरत पड़ती है, जिस तरह से कोरोना के टाइम में हमने मास्क पहना, सर्दी जुकाम वाले लोगों से अपने आप को दूर रखा, इस तरह से HMPV बीमारी से भी लड़ा जा सकता है. यह बीमारी छिकने से थूक के माध्यम से, दूसरे का रुमाल और सामान प्रयोग करने से फैलता है. इसीलिए जिस तरह से हमने कोरोना के टाइम में सावधानियों को अपनाया, उसी तरह से यदि हम सावधानियां बरतेंगे तो इस वायरस को भी हम हरा सकते हैं. इसके अलावा अगर यदि सर्दी जुकाम या गले में खराश या कोई इंफेक्शन महसूस हो रहा है तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें. अगर यह सावधानियां बरतेंगे तो जरूर हम इस वायरस को अपने से दूर कर सकते हैं.

HUMAN METAPNEUMOVIRUS
HMPV वायरस से कैसे बचें (Etv Bharat Graphics)

HMPV को लेकर केंद्र सरकार अलर्टः आपको बता दें HMPV का केस बेंगलुरु के एक अस्पताल में आठ महीने की बच्ची में भी पाया गया गया है. इसके अलावा और भी मामले अब धीरे-धीरे सामने आने लगे हैं. हालांकि इसको लेकर कई राज्यों ने अपने राज्य में एडवाइजर भी जारी कर दी है तो वहीं हेल्थ विभाग ने इस वायरस से निपटने को लेकर काम करना भी शुरू कर दिया है.

कैसे फैलता है HMPV वायरस

  • पीड़ित व्यक्ति के ड्रॉपलेट (थूक) से फैलता है.
  • पीड़ित व्यक्ति के संपर्क में आने से.
  • पीड़ित व्यक्ति के छींकने से.
  • पीड़ित व्यक्ति के रुमाल या तौलिया उपयोग करने से.
  • गले लगने, हाथ मिलाने या पीड़ित को छूने से.

HMPV वायरस के लक्षण

  • बुखार से पीड़ित होने पर.
  • गले में खराश होना.
  • सर्दी-जुकाम होना.
  • सांस संबंधी परेशानी होना.
  • संक्रमण बढ़ने पर निमोनिया या ब्रोन्काइटिस का खतरा.

HMPV वायरस से कैसे बचें

  • सर्दी जुकाम होने पर मास्क का उपयोग करें.
  • सर्दी-जुकाम वाले व्यक्तियों से दूरी बना कर रखें.
  • खांसते या छींकते के समय मुंह पर रुमाल या साफ कपड़े का उपयोग करें.
  • खाना खाने के बाद और बाहर से आने पर साफ-सफाई का ध्यान दें
  • पानी और साबुन से कम से कम 20 सेकंड तक हाथ साफ करें
  • खान-पान पर ध्यान दें.
  • नियमित रूप से हेल्दी भोजन करें.

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