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शिव भक्तों के लिए खुशखबरी, इस दिन से शुरू होगी मणिमहेश यात्रा - Manimahesh yatra 2024 - MANIMAHESH YATRA 2024

Manimahesh yatra 2024: भगवान शिव शंकर के पंच कैलाशों में से एक मणिमहेश यात्रा की आधिकारिक तिथि निर्धारित हो गई है. इसको लेकर भरमौर में एसडीएम ने अधिकारियों के साथ बैठक कर यात्रा से संबंधित सभी तैयारियां पूर्ण करने के निर्देश दिए.

Manimahesh yatra
मणिमहेश यात्रा (ETV Bharat फाइल फोटो)

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jul 4, 2024, 9:41 PM IST

चंबा:उत्तर भारत की प्रसिद्ध मणिमहेश यात्रा की आधिकारिक तिथि निर्धारित हो गई है. गुरुवार को उपमंडल मुख्यालय भरमौर में एक बैठक का आयोजन हुआ. बैठक की अध्यक्षता मणिमहेश मंदिर न्यास एवं एसडीएम भरमौर कुलबीर सिंह राणा ने की.

बैठक में मणिमहेश यात्रा में डल झील तक श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए उचित व्यवस्था को सुनिश्चित बनाए रखने के लिए विस्तार से चर्चा की गई. इस साल यह यात्रा 26 अगस्त से शुरू होकर 11 सितंबर तक चलेगी.

मणिमहेश पर्वत (ETV Bharat फाइल फोटो)

यात्रा को लेकर मणिमहेश मंदिर न्यास और उपमंडलीय प्रशासन ने अग्रिम तैयारियां शुरू कर दी हैं. बैठक में एसडीएम ने संबंधित विभागों को जल्द से जल्द सुरक्षित यात्रा मार्ग, वाहनों को पास देने वाले स्थान, सड़क किनारे पार्किंग, स्वच्छ पेयजल व हड़सर से दोनों पैदल मार्गों के कार्य पूर्ण कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं.

SDM ने पुलिस विभाग को पार्किंग सुविधा के लिए विशेष कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा मणिमहेश यात्रा के दौरान पेयजल आपूर्ति के लिए जरूरी कदम उठाए जाएं. बैठक में उन्होंने शौचालयों और साफ-सफाई की व्यवस्था बनाए रखने संबंधित विभाग को निर्देश दिए.

भरमौर में एसडीएम ने की बैठक (ETV Bharat)

इसके अलावा बिजली विभाग को यात्रा के दौरान बिजली आपूर्ति की उचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए. लोक निर्माण विभाग को हड़सर से लेकर डल झील तक रास्ते में बैठने के लिए बैंच की सुविधा और रेन शेल्टर लगाने के निर्देश दिए गए. इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग को श्रद्धालुओं को उचित मेडिकल सुविधा उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए गए.

बता दें कि मणिमहेश यात्रा हिमाचल के चंबा जिले में होती है. यह यात्रा हड़सर नामक स्थान से पैदल शुरू होकर मणिमहेश पर्वत के नीचे स्थित डल झील तक होती है. इस यात्रा की दूरी 13 किलोमीटर है. हर साल यहां हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं.

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