शिमला: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रदेश के साधन संपन्न लोगों से बिजली सब्सिडी छोड़ने की अपील की थी. सीएम सुक्खू की अपील पर बीजेपी के दिग्गज नेता पूर्व सीएम शांता कुमार और विधायक आशीष बुटेल, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार(आईटी) गोकुल बुटेल ने बिजली सब्सिडी छोड़ने का निर्णय लिया है. इसके साथ ही पूर्व सीएम शांता कुमार ने मुख्यमंत्री को कुछ सुझाव भी दिए हैं.
पूर्व सीएम शांता कुमार ने कहा कि, 'सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रदेश के साधन संपन्न लोगों से स्वंय ही बिजली सबसिडी छोड़ने की अपील की है. कुछ मंत्रियों और विधायकों ने सब्सिडी छोड़ने की घोषणा की थी. इसके बाद मैंने भी सब्सिडी छोड़ने का फैसला किया है.'
शांता कुमार ने दिए सुझाव
शांता कुमार ने सुझाव दिया है कि, 'प्रदेश के गरीब बीपीएल परिवारों को सब्सिडी पहले की तरह ही मिलती रहनी चाहिए. बाकी सभी की सब्सिडी 50 प्रतिशत कम कर दी जाए. स्वयं सब्सिडी छोड़ने वाले बहुत कम लोग होंगे, लेकिन 50 प्रतिशत सब्सिडी कम करने के कारण सरकार को अधिक आय होगी. मुख्यमंत्री को सभी विभाग को आदेश करना चाहिए कि गैर योजना व्यय में 10 प्रतिशत की कमी करें. इससे सरकार को अधिक लाभ होगा. सरकार अपने आर्थिक साधन बढ़ाने के लिए विशेषज्ञों की एक समिति बनाए. ये समिति गंभीरता से विचार कर सरकार को आर्थिक साधन बढ़ाने के लिए सुझाव दे.'
सीएम ने की थी साधन संपन्न लोगों से सब्सिडी छोड़ने की अपील
बता दें कि बता दें कि हिमाचल की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शिमला में इस साल प्रेस कॉन्फ्रेंस कर प्रदेश के संपन्न लोगों से बिजली के मीटरों पर वर्तमान में मिल रही 125 यूनिट सब्सिडी को छोड़ने की अपील की थी. सीएम ने उनके नाम बिजली के मीटरों पर मिलने वाली सब्सिडी को स्वेच्छा से छोड़ने का ऐलान भी किया था.
कैबिनेट मंत्रियों ने भी भरा सब्सिडी छोड़ने का फॉर्मा
सीएम सुक्खू ने कहा था कि, बिजली पर मिलने वाली सब्सिडी पर गरीबों का हक है. वहीं, कैबिनेट मंत्रियों ने भी मुख्यमंत्री का अनुसरण करते हुए बिजली के मीटरों पर मिलने वाली सब्सिडी छोड़ने के लिए फॉर्म भरे हैं. कैबिनेट मंत्री चंद्र कुमार पहले ही बिजली सब्सिडी छोड़ चुके हैं. इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा था कि, 'हमारी सरकार साल 2032 तक हिमाचल को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम कर रही है. मुझे मेरे नाम पर पांच मीटरों पर 625 यूनिट बिजली अनुदान के रूप में मिल रही थी. वहीं, छानबीन में पता लगा है कि प्रदेश में ऐसे कुछ लोग हैं जिनके नाम पर 100 बिजली के मीटर भी हैं.'