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महिला अपराध पर भड़कीं उषा ठाकुर, 'दुष्कर्मियों को नसीब नहीं होगा अंतिम संस्कार, सरकार करे यह काम' - Usha Thakur Statement

पूर्व मंत्री और विधायक उषा ठाकुर मध्य प्रदेश और देश में हो रही दुष्कर्म की घटनाओं से बहुत आहत हैं. उन्होंने सरकार से मांग की है कि दुष्कर्मियों को सरेआम चौराहे पर फांसी दी जाए और उनके शवों को चील कौओं को खाने के लिए छोड़ दिया जाए. जिससे अपराधियों में खौफ हो कि दुष्कर्म करने वालों को अंतिम संस्कार भी नसीब नहीं होगा, तब जाकर महिला अपराध को कम किया जा सकता है.

USHA THAKUR STATEMENT
पूर्व मंत्री उषा ठाकुर का बड़ा बयान (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 28, 2024, 3:35 PM IST

इंदौर: देश भर में दुष्कर्म और महिला अपराध की बढ़ती घटनाओं के चलते भाजपा की फायर ब्रांड विधायक और पूर्व मंत्री उषा ठाकुर ने दुष्कर्मियों को फांसी से भी कठोरता सजा देने की सलाह दी है. शनिवार को इंदौर कलेक्ट्रेट में बैठक के पश्चात मीडिया से चर्चा में उषा ठाकुर ने कहा मध्य प्रदेश सरकार ने छोटी बेटियों के साथ दुराचार करने वालों को सबसे पहले फांसी का प्रावधान किया था, लेकिन इस तरह की घटनाएं रुक नहीं रही हैं. इस पर समाज को चिंता करने की जरूरत है.

दुष्कर्मियों को सरेआम फांसी दी जाए
उन्होंने इंदौर के एक निजी स्कूलों में छोटी बच्ची के साथ हुई अभद्र घटना पर नाराजगी जताते हुए कहा, ''जो लोग इस तरह की वारदात करते हैं वह या तो नशे में लिप्त होते हैं या संस्कार विहीन लोग होते हैं. ऐसे लोगों को फांसी की सजा का भी डर नहीं है, क्योंकि ऐसे अपराध करने वाले लोगों को जेल में एकांत में फांसी दे दी जाती है और अन्य लोगों को कोई सबक नहीं मिलता. इसीलिए मैंने हस्ताक्षर अभियान चलाया, जिसमें मांग की गई है कि आरोपी को चौराहे पर फांसी देने के बाद उसके शव को चील कौवा को खाने के लिए खुला छोड़ देना चाहिए. ऐसी ही स्थिति में अपराध पर नियंत्रण किया जा सकता है.''

उषा ठाकुर बोलीं, दुष्कर्मियों को सरेआम फांसी हो (ETV Bharat)

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पहचान पत्र देखकर ही मिले गरबा पंडालों में प्रवेश
इस दौरान उन्होंने कहा कि परिजन अपने बच्चों को धार्मिक शिक्षा दें, ताकि उन्हें सही गलत का फर्क समझ आए. उषा ठाकुर ने कहा कि उनके द्वारा गरबा पंडाल में युवकों को उनका पहचान पत्र देखकर ही प्रवेश देने की मांग की थी. जिस पर मुख्यमंत्री ने सभी जिलों को इस संबंध में निर्देश दिए हैं. इसके प्रति में मुख्यमंत्री की आभारी हूं, क्योंकि जिस तरह की घटनाएं आजकल हो रही हैं उसे संदर्भ में यह सबसे जरूरी था.

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