बुरहानपुर: जिला मुख्यालय से 40 किमी दूर लोखंडिया गांव में मोती माता मेला का आगाज हो चुका है. लोखंडिया गांव में बंजारा समाज ने करीब 250 साल पुरानी प्राचीन परंपरा जीवित रखी है. यहां मोती माता की स्वयंभू प्रतिमा स्थापित है. किवदंती हैं कि यहां मन्नत मांगने से हर साल माता कई अविवाहित लोगों की मुराद पूरी करती हैं. इस मंदिर में निःसंतान दंपती भी संतान प्राप्ति की कामना लेकर आते हैं. माता की कृपा से उनकी सूनी गोद जल्द भर जाती है. यही नहीं बल्कि अनेक प्रकार की आसाध्य बीमारियों से छुटकारा पाने की मन्नत मांगी जाती है.
जितना वजन उतने किलो की मिठाई प्रसाद के रूप में चढ़ाते हैं
जब मोती माता की कृपा से मन्नत पूरी होती हैं तो श्रद्धालु जितने का वजन होता है, उतनी मिठाई की प्रसादी चढ़ाकर मन्नत उतारते हैं. यही वजह है कि इस मंदिर में भक्तों की लंबी कतार लग जाती है. यहां मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान सहित अन्य राज्यों से श्रद्धालु आते हैं. मंदिर समिति के मुताबिक मेले के पहले दिन 2 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने मोती माता के दर्शन किए. सोमवार सुबह से ही लोखंडिया में मोती माता मंदिर में आस्था का जनसैलाब उमड़ पड़ा. यह सिलसिला देर रात तक चला.
ढाई सौ साल पुरानी परंपरा आज भी जीवित
इस मेला की नींव करीब 250 साल पहले रखी गई थी. उस समय से अब तक पूरी शिद्दत से परंपरा निभाई जा रही है. यह मेला श्रद्धालुओं की गहरी आस्था का प्रतीक है. लोक मान्यता है कि मोती माता के दरबार में मन्नत मांगने पर हर तरह की इच्छाएं पूरी होती हैं. इसलिए हर दिन हजारों क्विंटल मिठाई का प्रसाद चढ़ाकर माता की आराधना की जाती है. वहीं, मेले की सुरक्षा के लिए व्यापक स्तर पर पुलिस बल तैनात है. बड़ी संख्या में सीसीटीवी लगाए गए हैं. मेला स्थल में प्रवेश से लेकर दर्शन करने तक पुलिस लोगों का सहयोग कर रही है.
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मेले में मनोरंजन के सारे साधन, चप्पे-चप्पे पर पुलिस का पहरा
इस बार मेले की खासियत यह है कि जिला प्रशासन और मंदिर समिति ने 22 एकड़ भूमि पर आयोजित किया है. मेले में आए भक्तों के वाहनों के लिए 15 एकड़ भूमि पर पार्किंग व्यवस्था बनाई है. पुलिस प्रशासन ने 3 जिलों से लगभग 220 पुलिसकर्मियों का फोर्स बुलाया है. पूरे परिसर में करीब ढाई हजार दुकानें सजी हैं. बच्चों के मनोरंजन के साधन उपलब्ध कराए गए हैं. स्वास्थ्य विभाग ने 4 स्वास्थ्य जांच शिविर बनाए हैं.