भोपाल: मध्य प्रदेश कांग्रेस के नए प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी ने कांग्रेस नेताओं से कहा कि प्रेमचंद की कहानी की तरह नमक का दारोगा न बनें. हमें कमियां न बताएं, सभी अपनी जिम्मेदारियां निभाएं. प्रदेश प्रभारी बनाए जाने के बाद पहली बार मध्य प्रदेश के दौरे पर आए हरीश चौधरी ने कांग्रेस प्रदेश कार्यालय में कांग्रेस विधायकों और पदाधिकारियों के साथ बैठक की. इस दौरान उन्होंने नेताओं को जिला स्तर पर संगठन को मजबूत करने की समझाइश दी साथ ही पार्टी की नीति के हिसाब से काम करने की नसीहत भी दी.
'मैं महादेव का भक्त हूं'
मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी बनाए जाने के बाद पहली बार भोपाल पहुंचे हरीश चौधरी का कांग्रेस नेताओं ने जोरदार स्वागत किया. भोपाल एयरपोर्ट पर पीसीसी चीफ जीतू पटवारी, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, उप नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे ने भोपाल एयरपोर्ट पर उनका स्वागत किया. इसके बाद रैली के रूप में वे कांग्रेस प्रदेश कार्यालय पहुंचे.
पीसीसी में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी ने कहा "मैं महादेव का भक्त हूं. आसानी से बातें समझ लेता हूं, आप जो समझाना चाहेंगे, वह समझने की कोशिश करूंगा."
'प्रभारी नहीं सहयोगी के तौर पर काम करने में भरोसा'
प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी ने कहा कि "जब महादेव मां पार्वती को ब्याहने बारात लेकर निकलने लगे तो उन्हें कई लोगों ने कई सलाह दीं कि इतने लोगों को ले कर जाएंगे. लेकिन इसके बाद भी वे सभी को साथ लेकर पहुंचे. आगे आप सभी समझदार हैं. मैं प्रभारी नहीं सहयोगी के तौर पर काम करने में भरोसा रखता हूं. प्रभारी के तौर पर पार्टी की जो रीति-नीति है, सभी उसके हिसाब से चलें यह मेरी उम्मीद है."
आखिर 22 साल से बाहर क्यों हैं ?
प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी ने कहा कि "कमोवेश मध्य प्रदेश और राजस्थान में एक जैसी स्थिति है. मेरी कोशिश है कि सबसे पहले जिला इकाई मजबूत हों, इसके लिए 28 फरवरी के पहले सभी बैठकर जिले की कमेटी पर एक्सरसाइज करें. हमें मिशन मध्य प्रदेश बनाकर काम करना होगा. यह आप सभी बताएं कि कैसे काम करना है. सभी मिलकर तय करेंगे कि सरकार में वापस कैसे आएं."
'हमें नमक का दरोगा नहीं बनना है'
प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी ने नसीहत देते हुए कहा कि "मुंशी प्रेमचंद की एक कहानी है नमक का दरोगा. आप सभी ने भी उसे जरूर पढ़ा होगा. हमें नमक का दरोगा नहीं बनना है. एक दूसरे की कमियां नहीं बताएं. अपनी जिम्मेदारी क्या है, उसे समझें और काम करें. जिस तरह हम सभी देवी-देवताओं को पूजते हैं, इसी तरह हम भी किसी को नाराज नहीं करें."
मीडिया से बातचीत में प्रदेश प्रभारी ने कहा कि "मैं मध्य प्रदेश की सामाजिक, राजनीतिक व्यवस्था सीखूंगा और समझूंगा. संगठन को मजबूत करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि मेरे पास कोई रणनीति नहीं है. मैं मध्य प्रदेश के नेताओं और कार्यकर्ताओं से सीखूंगा."