नई दिल्ली: कांग्रेस ने 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' की शुरुआत के एक साल पूरे होने के मौके पर मणिपुर की स्थिति को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा और कहा कि उनके पास दुनिया भर में घूमने के लिए तो समय और इच्छाशक्ति है, लेकिन वह मणिपुर के संकटग्रस्त लोगों के पास जाना जरूरी नहीं समझते.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' पिछले साल 14 जनवरी को मणिपुर से शुरू की थी जिसका समापन 16 मार्च को मुंबई में हुआ था. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर पोस्ट किया कि आज से ठीक एक साल पहले भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने मणिपुर से भारत जोड़ो न्याय यात्रा की शुरुआत की थी.
आज से ठीक एक साल पहले भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने मणिपुर से भारत जोड़ो न्याय यात्रा की शुरुआत की थी। BJNY ऐतिहासिक कन्याकुमारी से कश्मीर तक हुई भारत जोड़ो यात्रा का अनुसरण करते हुए 15 राज्यों से गुजरी थी और 6,600 किलोमीटर की दूरी को कवर किया था। इसका समापन 16 मार्च 2024 को मुंबई… pic.twitter.com/QVPAXQ10jN
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) January 14, 2025
यह यात्रा कन्याकुमारी से कश्मीर तक हुई. यह ऐतिहासिक भारत जोड़ो यात्रा का अनुसरण करते हुए 15 राज्यों से गुजरी थी और 6,600 किलोमीटर की दूरी को कवर किया था. इसका समापन 16 मार्च 2024 को मुंबई में हुआ.
उन्होंने प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि मणिपुर को अभी भी प्रधानमंत्री की यात्रा का इंतजार है, जिनके पास दुनिया भर में घूमने के लिए तो समय और इच्छाशक्ति है लेकिन वह मणिपुर के संकटग्रस्त लोगों के पास जाना जरूरी नहीं समझ रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री लगातार अपनी पार्टी के विधायकों और खुद मुख्यमंत्री बीरेन सिंह समेत मणिपुर के राजनेताओं से मिलने से इनकार करते रहे हैं.
Today, exactly a year ago, the Bharat Jodo Nyay Yatra was launched by the Indian National Congress from Manipur. The BJNY followed in the wake of the historic Kanyakumari to Kashmir Bharat Jodo Yatra and covered 6,600 kms going through 15 states, culminating in Mumbai on March… pic.twitter.com/D42FwEoCf5
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) January 14, 2025
रमेश ने कहा कि मणिपुर के लोग तीन मई, 2023 से लगातार दुख, दर्द और पीड़ा में है. अभी कुछ दिन पहले शिक्षा, बाल, महिला, युवा, और खेल संबंधी स्थायी संसदीय समिति को राज्य की स्थिति समझने के लिए वहां के अपने प्रस्तावित दौरे को स्थगित करने के लिए कह दिया गया.