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इंजीनियरिंग एंट्रेंस में बढ़ा कंपटीशन, 2 साल में 17 से बढ़कर 24 अभ्यर्थी तक पहुंची एक सीट की दावेदारी

बीते सालों में इंजीनियरिंग एंट्रेंस एग्जाम में ज्यादा कंपटीशन देखने को मिला है. परीक्षा में बैठने वाले अभ्यर्थियों की संख्या पहले के मुकाबले तेजी से बढ़ी है, जबकि इंजीनियरिंग सीटों में इस मुकाबले बढ़त नहीं हुई. ऐसे में अब 1 सीट के लिए 24 अभ्यर्थी दावेदारी कर रहे हैं. पढ़िए ये रिपोर्ट..

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 7, 2024, 9:57 PM IST

competition in engineering entrance
competition in engineering entrance

इंजीनियरिंग एंट्रेंस में बढ़ा कंपटीशन

कोटा.इंजीनियरिंग में प्रवेश के लिए जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम (JEE) होता है. इसके जरिए ही देश की प्रतिष्ठित और बड़े इंजीनियरिंग संस्थानों में प्रवेश मिलता है. जेईई मेन के आधार पर ही स्टूडेंट एडवांस्ड के लिए क्वालीफाई करता है, जिसके जरिए इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) में प्रवेश मिलता है. वहीं, जेईई मेन के आधार पर नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (NIT) सहित अन्य संस्थान शामिल हैं. अब एकाएक जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम मेन के पहले सेशन में अभ्यर्थियों की संख्या काफी ज्यादा बढ़ गई है. इस बार परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों की संख्या 11.7 लाख है, जबकि बीते साल 2023 की संख्या 8.23 लाख थी. इससे पहले साल 2022 में ये संख्या 7.69 लाख थी. ऐसे में साल 2022 की तुलना में करीब चार लाख विद्यार्थी बढ़ गए हैं, जबकि 2023 की तुलना में 3.5 लाख विद्यार्थियों की बढ़ोतरी इस परीक्षा के पहले सेशन में हुई है.

कोटा के एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा का मानना है कि इंजीनियरिंग में छात्रों का रुझान बढ़ा है, लेकिन जितनी सीटें इंजीनियरिंग की प्रतिष्ठित संस्थानों में हैं, उनमें ज्यादा बढ़ोतरी बीते सालों में नहीं हुई है. ऐसे में विद्यार्थियों के बीच कंपटीशन बढ़ जाएगा. साल 2021 की बात की जाए तो 52453 सीट थी, इसके बाद 2022 में यह बढ़कर 54477 और 2023 में 57152 सीट हुई है. ऐसे में इंजीनियरिंग की करीब 4700 सीटें बढ़ी हैं, जबकि परीक्षा में शामिल अभ्यर्थियों की संख्या काफी ज्यादा बढ़ गई है.

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अभ्यर्थी बढ़े, इंजीनियरिंग सीट कम :देव शर्मा का मानना है कि अभ्यर्थियों को वास्तविकता समझनी होगी. अभ्यर्थियों की जितनी संख्या बढ़ी हैं, उतनी सीटों की संख्या नहीं बढ़ी है. वर्तमान में जोसा (JoSAA) काउंसलिंग के आधार पर 118 संस्थानों में 57152 इंजीनियरिंग की सीटें हैं. ऐसे में यह उम्मीद जताई जा रही है कि यह सीट बढ़कर 58000 हो सकती है, लेकिन बीते 2 से 3 सालों में डेढ़ से तीन लाख की बढ़ोतरी हुई है. इस हिसाब से इस बार इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जेईई मेन के दूसरे सेशन में भी करीब ढाई लाख अभ्यर्थी बढ़ सकते हैं. पहले से दूसरे सेशन में यूनिक कैंडीडेट्स की संख्या 14 लाख के आसपास पहुंच जाएगी.

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एक सीट के लिए 24 छात्रों के बीच कंपटीशन :देव शर्मा का कहना है कि साल 2024 में जब जेईई मेन के अभ्यर्थियों की संख्या 14 लाख के आसपास पहुंचेगी, तब एक इंजीनियरिंग सीट के लिए करीब 24 छात्रों में कंपटीशन होगा, जबकि यह कंपटीशन 2021 में 18 अभ्यर्थियों में था. वहीं, 2022 में 17 और 2023 में 19 विद्यार्थियों के बीच था. कंपटीशन जब बढ़ गया है तो विद्यार्थियों को यह समझना होगा कि सावधान और सचेत होकर पहले अप्रैल सेशन फिर जेईई एडवांस्ड के लिए योजना बनाकर तरीके से पढ़ाई करनी होगी. कंपटीशन का बढ़ना इंजीनियरिंग की अपीयरेंस में विद्यार्थियों की संख्या बढ़ना निश्चित तौर पर मैन्युफैक्चरिंग और देश की अर्थव्यवस्था के लिए काफी अच्छा संकेत है.

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जेईई एडवांस्ड के लिए भी बढ़ेगा कंपटीशन :देव शर्मा का कहना है कि जेईई मेन एग्जाम के टॉप 2.5 लाख अभ्यर्थियों को क्वालीफाई जेईई एडवांस्ड के लिए किया जाता है. ऐसे में जब जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम मेन में भी अभ्यर्थियों की संख्या बढ़ने से कंपटीशन बढ़ा है तो निश्चित तौर पर साल 2024 में होने वाले जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम एडवांस्ड में भी कंपटीशन ज्यादा रहेगा. साथ ही इस परीक्षा में बैठने वाले विद्यार्थियों की संख्या भी बढ़ सकती है. बीते सालों में क्वालिफाइड 2.5 लाख अभ्यर्थियों में से परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों की संख्या कम रही है. साल 2023 में जहां 180372 अभ्यर्थी थे, जबकि 2022 में इससे कम 155538 और 2021 में 141699 अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी थी. ऐसे में इस बार भी एडवांस में अभ्यर्थियों की संख्या बढ़ेगी.

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आपको बता दें कि जेईई एडवांस्ड की परीक्षा के जरिए देश की 23 इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IITs) में प्रवेश मिलता है. जबकि जेईई मेन की रैंक के आधार पर देश की 31 नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (NITs), 26 इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इनफर्मेशन टेक्नोलॉजी (IIITs), 38 गवर्नमेंट फंडेड टेक्निकल इंस्टीट्यूट (GFTIs) और आईआईईएसटी शिबपुर में प्रवेश मिलता है. जेईई मेन और एडवांस्ड के बाद जॉइंट सीट एलोकेशन अथॉरिटी (JoSAA) की काउंसलिंग के आधार पर ही प्रवेश दिया जाता है. साल 2014 में आईआईटी में 17385 और शेष संस्थानों में 39767 सीटें थीं.

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