शिमला: हिमाचल में डीए और एरियर सहित अन्य मांगों को लेकर कल सरकार पर फिर से कर्मचारियों को गुस्सा फूटेगा. सचिवालय के आर्म्सडेल भवन के प्रांगण में 21 अगस्त को हुए जरनल हाउस में कर्मचारी संगठनों ने सरकार को वार्ता के लिए गुरुवार तक का अल्टीमेटम दिया था, लेकिन इसके बाद भी सरकार ने कर्मचारियों को वार्ता के लिए नहीं बुलाया है. ऐसे में हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवा परिसंघ के क्लास वन से लेकर क्लास फोर तक के सभी कर्मचारी कल फिर से सचिवालय के आर्म्सडेल भवन के प्रांगण में एकत्रित होकर सरकार खिलाफ मोर्चा खोलेंगे.
हिमाचल में डीए और छठे वेतनमान का संशोधित एरियर न मिलने से कर्मचारियों के सब्र का बांध अब टूट चुका है. ऐसे में कर्मचारी संगठनों ने दो टूक चेतावनी दी है कि अब भी अगर सरकार की नींद नहीं टूटी तो विधानसभा का मानसून सत्र समाप्त होते ही कर्मचारी कैजुअल लीव पर चले जाएंगे, जिसके बाद मुख्यमंत्री से लेकर मंत्रियों के पास कोई पानी पिलाने वाला भी नहीं मिलेगा. हिमाचल में स्वतंत्रता दिवस पर लाखों सरकारी कर्मचारियों को आस थी कि देहरा में आयोजित राज्यस्तरीय समारोह के दौरान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू डीए और एरियर को लेकर कोई बड़ी घोषणा करेंगे.
लाखों कर्मचारियों को उम्मीद थी कि 90 हजार करोड़ के करीब कर्ज में दबी सरकार से कम से कम चार फीसदी डीए की घोषणा कर सकती है, लेकिन मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपने संबोधन में न तो चार फीसदी डीए का जिक्र किया और न ही एरियर की घोषणा की गई। हालांकि, इस दौरान सीएम ने 75 साल की उम्र पूरी कर चुके आयु के पेंशनरों के एरियर का पूरा भुगतान करने का ऐलान जरूर किया. वहीं, सीएम ने अन्य कर्मचारियों को अगले साल से चरणबद्ध तरीके से डीए-एरियर के भुगतान की बात कही गई. ऐसे में लाखों कर्मचारियों ने अब सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.