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निवेशकों के 3.3 लाख करोड़ डूबे! Share Market में मचा कोहराम, जानें आज क्यों टूटा बाजार - WHY STOCK MARKET IS FALLING TODAY

अर्थव्यवस्था में मंदी की चिंताओं के कारण आज शेयर बाजार में भारी गिरावट देखने को मिल रही है.

Stock Market
प्रतीकात्मक फोटो (Getty Image)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 8, 2025, 1:15 PM IST

मुंबई: अर्थव्यवस्था में मंदी की चिंताओं के कारण बुधवार को बेंचमार्क सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट दर्ज की गई. बीएसई मार्केट कैपिटलाइजेशन के अनुसार निवेशकों की संपत्ति में व्यापक आधार पर हुई बिकवाली के कारण 3.3 लाख करोड़ रुपये की गिरावट आई.

गिरावट के कई कारण है, जिसमें घरेलू स्तर पर उम्मीद से कमतर जीडीपी अनुमान और अमेरिका में मजबूत आर्थिक आंकड़े शामिल हैं, जिसने फेड की ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदों को धराशायी कर दिया. तीसरी तिमाही के नतीजों के मौसम से पहले भी निवेशक घबराए हुए थे, जिससे आय में और गिरावट आने की उम्मीद है.

सरकार को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 25 के लिए वास्तविक जीडीपी वृद्धि वित्त वर्ष 24 में 8.2 फीसदी से घटकर 6.4 फीसदी हो जाएगी, जो वित्त मंत्रालय के 6.5 प्रतिशत के पूर्वानुमान और आरबीआई के 6.6 फीसदी के अनुमान से कम है. वित्त वर्ष 25 के जीडीपी के लिए पहले अग्रिम अनुमान केंद्रीय बजट के लिए संदर्भ के रूप में काम करते हैं. नोमुरा इंडिया की सोनल वर्मा ने कहा कि हमें उम्मीद है कि अंतिम अनुमानों में वृद्धि को कम करके संशोधित किया जाएगा. जबकि नाममात्र जीडीपी वृद्धि बजट से कम है, राजकोषीय घाटा पटरी पर बना हुआ है.

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गिरावट के कई कारण है, जिसमें घरेलू स्तर पर उम्मीद से कमतर जीडीपी अनुमान और अमेरिका में मजबूत आर्थिक आंकड़े शामिल हैं, जिसने फेड की ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदों को धराशायी कर दिया. तीसरी तिमाही के नतीजों के मौसम से पहले भी निवेशक घबराए हुए थे, जिससे आय में और गिरावट आने की उम्मीद है.

सरकार को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 25 के लिए वास्तविक जीडीपी वृद्धि वित्त वर्ष 24 में 8.2 फीसदी से घटकर 6.4 फीसदी हो जाएगी, जो वित्त मंत्रालय के 6.5 प्रतिशत के पूर्वानुमान और आरबीआई के 6.6 फीसदी के अनुमान से कम है. वित्त वर्ष 25 के जीडीपी के लिए पहले अग्रिम अनुमान केंद्रीय बजट के लिए संदर्भ के रूप में काम करते हैं. नोमुरा इंडिया की सोनल वर्मा ने कहा कि हमें उम्मीद है कि अंतिम अनुमानों में वृद्धि को कम करके संशोधित किया जाएगा. जबकि नाममात्र जीडीपी वृद्धि बजट से कम है, राजकोषीय घाटा पटरी पर बना हुआ है.

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