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पूर्व विधायक राजेंद्र राणा ने सीएम सुक्खू पर साधा निशाना तो MLA रंजीत राणा ने दे डाली नसीहत - Rajinder Rana vs MLA Ranjit Rana

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Aug 25, 2024, 3:16 PM IST

Former MLA Rajinder Rana vs MLA Ranjit Rana: हिमाचल प्रदेश में कर्मचारियों के पेंडिंग डीए-एरियर और आर्थिक संकट को लेकर सुजानपुर के पूर्व विधायक राजेंद्र राणा ने सीएम सुक्खू पर गंभीर आरोप लगाए. जिस पर विधायक रंजीत राणा ने जोरदार पलटवार किया है.

पूर्व विधायक राजेंद्र राणा और विधायक रंजीत राणा
पूर्व विधायक राजेंद्र राणा और विधायक रंजीत राणा (Etv Bharat)

पूर्व विधायक राजेंद्र राणा और विधायक रंजीत राणा (Etv Bharat)

हमीरपुर:हिमाचल प्रदेश में कर्मचारियों ने डीए और एरियर का भुगतान न करने पर सुक्खू सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. प्रदेश सरकार द्वारा आर्थिक संकट का हवाला दिया जा रहा है. सरकार का कहना है कि खजाना खाली होने के चलते फिलहाल कर्मचारियों का डीए-एरियर भुगतान संभव नहीं है. जिसके चलते प्रदेश की राजनीति कांग्रेस बनाम भाजपा हो गई है. भाजपा का आरोप है कि सरकार फिजूलखर्ची पर पानी की तरह पैसा बहा रही है, लेकिन कर्मचारियों को उनका हक देने में आनाकानी कर रही है. इसी बीच सुजानपुर के पूर्व विधायक ने भी सुक्खू सरकार पर निशाना साधा, जिस पर मौजूदा कांग्रेस विधायक ने जोरदार पलटवार किया है.

पूर्व विधायक राजेंद्र राणा के आरोप

सुजानपुर के पूर्व विधायक राजेंद्र राणा ने सुक्खू सरकार को आड़े हाथों लेते हुए फिजूलखर्ची करने और कर्मचारियों का हक मारने का आरोप लगाया. राजेंद्र राणा ने कहा, "सुक्खू सरकार ने हिमाचल में फिजूलखर्ची के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. सीएम सुक्खू मित्रों पर प्रदेश का खजाना लुटा रहे हैं और सरकारी कर्मचारियों का हक मार रहे हैं. सुक्खू सरकार एक ओर आर्थिक संकट का राग अलापते हुए कर्मचारियों के डीए और एरियर से वंचित कर रही है. सत्ता में आते ही सुक्खू सरकार ने कर्मचारियों के हक मारना शुरू कर दिए हैं. वहीं, दूसरी ओर कैबिनेट रैंक के अपने मित्रों और चहेतों के दफ्तरों के सौंदर्यीकरण पर करोड़ों रुपयों का खर्च कर रही है."

विधायक रंजीत राणा का पलटवार

वहीं, पूर्व विधायक राजेंद्र राणा के बयान पर पलटवार करते हुए विधायक रंजीत राणा ने उन्हें अपने कद के अनुसार बयानबाजी करने की नसीहत दे डाली है. रंजीत राणा ने कहा, "राजेंद्र राणा अपने कद के अनुसार बयानबाजी करें. पहले वो पीएम मोदी पर सवाल उठा रहे थे और अब सीएम सुक्खू पर उठा रहे हैं. उन्हें अपने क्षेत्र के बारे में ही बोलना चाहिए. पूर्व विधायक के पास कोई जिम्मेदारी भी नहीं अब. उन्हें खामखा अपने ऊपर पूरे जिले और प्रदेश का भार उठा लिया है. उनकी राजनीति अब नहीं रही है, इसलिए सिर्फ मीडिया की सुर्खियों में बने रहने के लिए वो ऐसी बयानबाजी कर सीएम सुक्खू को टारगेट कर रहे हैं."

बगावत के बाद उपचुनाव में हारे राजेंद्र राणा

गौरतलब है कि पूर्व विधायक राजेंद्र राणा कांग्रेस से बागी होकर भाजपा में शामिल हुए हैं. साल 2017 में सुजानपुर विधानसभा सीट से कांग्रेस टिकट पर राजेंद्र राणा ने पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल को हराकर जीत हासिल की थी. साल 2022 में भी कांग्रेस टिकट पर ही चुनाव में जीत दर्ज की थी. इसी साल 27 फरवरी को राज्यसभा चुनाव के दौरान क्रॉस वोटिंग के चलते उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया और उनकी विधानसभा सदस्यता भी रद्द कर दी गई. जिसके बाद राजेंद्र राणा ने कांग्रेस के अन्य 5 बागियों के साथ मिलकर भाजपा का दामन थामा और भाजपा की टिकट पर उपचुनाव लड़ा. मगर इस बार वो कांग्रेस प्रत्याशी रंजीत राणा से हार गए.

रंजीत राणा के नाम रही उपचुनाव की जीत

सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक रंजीत राणा पूर्व सैनिक हैं. वो सुजानपुर भाजपा के मंडल अध्यक्ष भी रह चुके हैं. साल 2022 के चुनाव में रंजीत राणा ने भाजपा की टिकट पर राजेंद्र राणा के खिलाफ चुनाव लड़ा था. जिसमें वो 399 वोट के मामूली अंतर से हार गए थे. राजेंद्र राणा के बागी होने के बाद सुजानपुर विधानसभा सीट पर फिर से उपचुनाव हुए. भाजपा ने इस बार राजेंद्र राणा को टिकट दी, जिससे नाराज होकर रंजीत राणा कांग्रेस में शामिल हो गए और कांग्रेस टिकट से उपचुनाव लड़ते हुए 2440 वोटों से जीत हासिल की.

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