ऊना: "मैं चार-पांच साल से बहुत परेशान हूं. मेंटली टॉर्चर हो रहा हूं. मेरी कोई सुनवाई नहीं हो रही है. मैं बॉर्डर पर तैनात हूं, ऐसे में मैं देश की रक्षा करूं या फिर घर की रक्षा करूं. अगर मंगलवार तक मेरी सुनवाई नहीं हुई तो मैं मंगलवार को 11 बजे धरने पर बैठ जाऊंगा." ये बात आईटीबीपी के एक जवान ने कही. जो कि अपने घर के लिए रास्ते की समस्या को लेकर वर्दी में ही परिवार सहित ऊना डीसी कार्यालय पहुंचे. आईटीबीपी जवान ने एडीसी ऊना को अपनी समस्या के संबंध में ज्ञापन पत्र सौंपा और जल्द से जल्द कार्रवाई की मांग की.
स्कूल की चारदीवारी से बंद हुआ रास्ता
ऊना जिले की ग्राम पंचायत बहडाला के निवासी आईटीबीपी जवान गुरबचन सिंह अपने परिवार और गांव के किसानों के साथ शनिवार को ऊना में डीसी ऑफिस पहुंचे. जहां गुरबचन सिंह ने अपने घर और खेतों के लिए जाने वाले रास्ते की समस्या एडीसी ऊना महेंद्र पाल गुर्जर के सामने रखी और इसको लेकर ज्ञापन भी सौंपा. दरअसल गांव में सीनियर सेकेंडरी स्कूल की चारदीवारी का निर्माण होने के चलते इसी मैदान से होकर उनके घर को जाने वाला रास्ता बंद हो गया है. इसके अलावा इसी रास्ते से ही किसान भी अपने खेतों तक पहुंचते थे. मगर स्कूल मैदान की चारदीवारी होने के चलते इन सभी लोगों पर रास्ते के संकट के बादल मंडरा रहे हैं.
धरने पर बैठने की दी चेतावनी
आईटीबीपी जवान गुरबचन सिंह ने कहा, "मेरा मकान बहुत पहले का बना हुआ है, लेकिन अब उसके लिए रास्ता नहीं है. मैंने साल 2022 में जिला प्रशासन के सामने ये समस्या रखी थी. उस समय एसडीएम ने मौके पर जायजा करके मेरे घर और किसानों की समस्या को देखते हुए शिक्षा विभाग को 3 मीटर रास्ते देने के लिए कहा था. मगर उसके बाद कहीं मेरी कोई सुनवाई नहीं हुई. ऐसे में मैं कहां जाऊं. अगर मंगलवार तक मेरी सुनवाई नहीं की जाती है, तो मैं मंगलवार को 11 बजे धरने पर बैठ जाऊंगा."
'स्कूल प्रशासन ने बंद किया रास्ता'
गुरबचन सिंह ने बताया कि कई साल पहले उन्होंने अपना मकान बनाया था. स्कूल के मैदान से होकर ही वह अपने घर और अन्य लोग अपने खेतों तक जाते थे. उन्होंने कहा कि उनके पुश्तैनी मकान का रास्ता स्कूल प्रशासन द्वारा बंद करवाया जा रहा है. पिछले महीने डीसी ऊना को रास्ते के संदर्भ में एक ज्ञापन के जरिए निवेदन भी किया था. जिसमें उन्होंने अपने फौज में होने की बात भी विशेष रूप से बताई थी. गुरबचन सिंह ने कहा कि एक तरफ हिमाचल सरकार विधानसभा में कह रही है कि किसी भी व्यक्ति के निजी या सरकारी भूमि पर बने रास्तों को बंद नहीं किया जाएगा. वहीं, दूसरी तरफ उनका रास्ता बंद किया जा रहा है. उन्होंने दो टूक शब्दों में चेतावनी दी है कि अगर मंगलवार तक उनकी रास्ते की समस्या का कोई स्थाई हल नहीं होता तो वह मंगलवार से धरना प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे. जिसकी जिम्मेदारी हिमाचल प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन की होगी.
वहीं, एडीसी महेंद्र पाल गुर्जर ने कहा, "आईटीबीपी के जवान गुरबचन सिंह ने अपनी समस्या बताई है. इस मामले में जिला राजस्व अधिकारी को जमीन का रिकॉर्ड तलब करने के लिए भी कहा गया है. ये जमीन शिक्षा विभाग के नाम है. जहां से 3 मीटर रास्ते की मांग की जा रही है. जल्द इस मामले पर सकारात्मक कार्रवाई करते हुए इस समस्या का हल निकाल दिया जाएगा."