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'बेतिया राज की जमीन लेने का कानून गलत', किसानों ने सरकार को दिया अल्टीमेटम - BETTIAH RAJ

बेतिया राज की जमीन मामले में किसान मोर्चा ने आंदोलन की चेतावनी दी है. इनका आरोप है कि सरकार कानून का गलत इस्तेमाल रही है.

Bettiah Raj And Settlement Land
बेतिया राज संपत्ति कानून का विरोध (ETV Bharat)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jan 22, 2025, 1:03 PM IST

मोतिहारी:बिहार के बेतिया राज की जमीन का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. किसानों ने सरकार को कानून वापस लेने का अल्टीमेटम दिया है. अगर कानून पर रोक नहीं लगी तो 10 मार्च को मोतिहारी में किसान उग्र आंदोलन करेंगे. इसको लेकर किसानों ने डीडीसी को आवेदन दिया है.

10 मार्च को आंदोलन: चंपारण किसान मजदूर संघर्ष समिति के अध्यक्ष सुभाष सिंह कुशवाहा ने बताया कि चंपारण किसान मजदूर संघर्ष समिति ने किसानों को एकजुट करना शुरू कर दिया है. 10 मार्च को जिला मुख्यालय मोतिहारी स्थित गांधी मैदान में किसानों की महापंचायत आयोजित होगी.

सुभाष सिंह कुशवाहा (ETV Bharat)

"हमलोग लगातार चंपारण के किसानों से संपर्क करने में लगे हैं. 10 मार्च को मोतिहारी के गांधी मैदान में किसानों का जमावड़ा होगा. सरकार को ज्ञापन सौंपने और अनुमति के लिए डीडीसी से हमलोग मिले हैं. दस मार्च को गांधी मैदान में हजारों हजार किसान आयेंगे."- सुभाष सिंह कुशवाहा

लाखों एकड़ पर कब्जा को कोशिश: मोर्चा ने कहा कि बेतिया राज और निलहा कोठी द्वारा किसानों को लाखों एकड़ जमीन दी गयी थी. सरकार ने कोर्ट ऑफ वार्ड्स में कहा कि बेतिया राज की 15 हजार एकड़ जमीन बिहार सरकार की घोषित कर दी गई है, लेकिन सरकार ने कानून का फायदा उठाकर 1 लाख 15 हजार एकड़ जमीन के खाता को रोक दिया.

मांग पूरा नहीं होने पर होगा आंदोलन: सुभाष सिंह कुशवाहा ने कहा किबिहार सरकार के द्वारा यह अन्याय किया गया है. कहा कि सरकार के इस फैसले को हमलोग नहीं मानते हैं. इसी के आक्रोश में मोतिहारी के गांधी मैदान में किसानों का जमावड़ा होगा. उस दिन भी हमलोग मुख्यमंत्री और राज्यपाल के नाम अपना ज्ञापन डीएम को देंगे. मांग पूरा नहीं होने पर आंदोलन किया जाएगा.

अंग्रेजी हुकूमत के समय दी गयी थी जमीन: बता दें कि पूर्वी और पश्चिमी चंपारण के लोगों को अंग्रेजी हुकूमत के समय बेतिया राज की जमीन दी गई थी. जिन लोगों को जमीन दी गई थी उन्हें ब्रिटिश राज में रैयत घोषित किए जाने की बात बतायी जा रही है. जिस जमीन के मालिकाना हक को लेकर चंपारण के किसानों की यह लड़ाई दशकों पुरानी है.

लगातार विरोध कर रहे किसान: समय-समय पर किसान आंदोलन करते रहे हैं, लेकिन बिहार सरकार ने बेतिया राज की संपत्ति को निहित करने वाला विधेयक-2024 को मंजूरी दे दी है. इसके बाद पूर्वी और पश्चिमी चंपारण के किसानों ने बिहार सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.

कब आया कानून: 26 नवंबर 2024 को सरकार ने बेतिया राज संपत्ति विधेयक लाया था. इसके तहत बेतिया राज की चल अचल संपत्ति पर राज्य सरकार का कानून अधिकार हो जाएगा. 15 हजार 221 एकड़ जमीन सरकार की हो चुकी है.

कहां है जमीन?: बता दें कि बेतिया राज की जमीन में बिहार में 15, 221 एकड़, यूपी में 143 एकड़ है. पश्चिमी चंपारण में 66 प्रतिशत ऐर पूर्वी चंपारण में 60 प्रतिशत जमीन पर अतिक्रमण है. सीतामढ़ी, सारण, सिवान, गोपालगंज और पटना में भी जमीन है.

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