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टोंक हादसा: हेड कॉन्स्टेबल को शहीद का दर्जा देने की मांग, आंदोलन दूसरे दिन भी जारी - murder by gravel mafia - MURDER BY GRAVEL MAFIA

टोंक जिले में बजरी माफिया बेखौफ है. यहां मंगलवार को बजरी से भरे ट्रैक्टर ट्रॉली ने कोतवाली थाने के हेड कांस्टेबल को टक्कर मार कर घायल कर दिया, उसकी जयपुर में इलाज के दौरान मृत्यु हो गई. मृतक के परिजनों को एक करोड़ रुपए मुआवजे में देने की मांग को लेकर टोंक में आंदोलन दूसरे दिन गुरुवार को भी जारी रहा.अब तक शव का अंतिम संस्कार नहीं हो सका है.

murder by gravel mafia
हेड कॉन्स्टेबल को शहीद का दर्जा देने की मांग (photo etv bharat tonk)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 4, 2024, 1:51 PM IST

Updated : Jul 4, 2024, 2:13 PM IST

हेड कॉन्स्टेबल को शहीद का दर्जा देने की मांग (vedio etv bharat tonk)

टोंक.जिले में बजरी माफियाओं का आतंक बढ़ता जा रहा है. इन माफियाओं को अब पुलिस का भी डर नहीं रहा. माफियाओं ने थाना कोतवाली में तैनात हेड कॉन्स्टेबल खुशीराम को ट्रैक्टर से टक्कर मार दी, जिससे उसकी मौत हो गई. इस हादसे के बाद बुधवार को टोंक में कलेक्ट्रेट पर दलित समाज ने प्रदर्शन किया और सचिन पायलट मुर्दाबाद के नारे लगाए. खास बात यह थी कि ये नारे कांग्रेस जिला अध्यक्ष हरिप्रसाद बैरवा की मौजूदगी में लगे. वहीं, गुरुवार सुबह एक बार फिर से टोंक के घण्टाघर चौक पर समाज के लोगों ने आंदोलन किया और कहा कि जब तक हमारी मांगे नहीं मानी जाएगी, तब तक हेड कांस्टेबल खुशीराम का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा.

आंदोलनकारियों की मांग थी कि पुलिसकर्मी को शहीद का दर्जा और परिवार को 1 करोड़ की राशि दी जाए. इन मांगों पर सहमति नहीं बन पाने के कारण बुधवार को मृत पुलिस कर्मी का अंतिम संस्कार नहीं हो सका. अब तक शव जयपुर से टोंक नहीं लाया गया था.

पढ़ें: टोंक में बेखौफ बजरी माफिया, ट्रैक्टर को रोकने पर चालक ने ली हेड कांस्टेबल की जान

कृषि कार्य के लिए होती है ट्रॉली, ले रहे बजरी परिवहन में : लोगों का कहना था कि ट्रैक्टर ट्रॉली में शामिल ट्रॉली अपने आप में पूरा वाहन होता है. जिस ट्रॉली से हादसा हुआ, उसका न रजिस्ट्रेशन था और न ही बीमा.ट्रॉली भी कृषि कार्य के लिए स्वीकृत थी, जिसे माफिया बजरी परिवहन के काम ले रहे थे. इस मामले में अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई.

जयपुर में इलाज के दौरान हो गई मौत:टोंक के डीएसपी राजेश विद्यार्थी ने बताया कि मंगलवार शाम टोंक शहर में बजरी से भरे ट्रैक्टर—ट्रॉली को हेड कॉन्स्टेबल खुशीराम ने रुकवाया था, लेकिन वह खुशीराम को टक्कर मारकर भाग गया. गंभीर रूप से घायल खुशीराम को इलाज के लिए जयपुर रैफर किया गया. वहां इलाज के दौरान उसकी जयपुर में मौत हो गई. प्रदर्शनकारियों और प्रसाशन के बीच मांगों पर सहमति नहीं बनने के कारण अंतिम संस्कार नहीं हो सका.टक्कर मारने वाले चालक थाना कोतवाली क्षेत्र के तालकटोरा निवासी जावेद उर्फ गफ्फार पुत्र मजीद को पुलिस ने हिरासत में लिया गया है.

यह भी पढ़ें: राजस्थान में बजरी कारोबारी के ठिकानों पर CBI का छापा, यहां जानें पूरा मामला

टोंक में बजरी और पत्थर माफियाओं का खौफ: टोंक जिले में बजरी माफिया हो या फिर पत्थर माफिया. शहर से लेकर गांव तक इनका खौफ है. बनास नदी क्षेत्र के आस-पास व हाईवे के आस-पास के गांवों में तेज रफ्तार ट्रैक्टर-ट्रॉलियों से हादसे होते रहे है.

आंदोलनकारियों ने यह रखी मांगे

— पुलिस कर्मी खुशीराम को शहीद का दर्जा दिया जाए.

— उसके परिवार को एक करोड़ का मुआवजा दिया जाए.

— म्रतक के परिवार को हाउसिंग बोर्ड में मकान दिया जाए

— गांव की स्कूल का नाम उसके नाम पर रखा जाए

— मृतक के बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा की व्यवस्था सरकार करें.

Last Updated : Jul 4, 2024, 2:13 PM IST

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