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भारतीय सेना व हिमाचल के लिए खुशखबरी, रक्षा मंत्रालय ने भुभू जोत टनल को माना सामरिक महत्व का प्रोजेक्ट, गडकरी के मंत्रालय से की ये सिफारिश - HIMACHAL BHUBHU JOT TUNNEL

हिमाचल के लिए खुशखबरी है. रक्षा मंत्रालय ने भुभू जोत टनल के लिए केंद्रीय सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय से की सिफारिश की है.

भुभू जोत टनल
भुभू जोत टनल (FILE)

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : 8 hours ago

Updated : 7 hours ago

शिमला: भारतीय सेना के साथ-साथ हिमाचल के लिए एक बड़ी खुशखबरी है. केंद्रीय रक्षा मंत्रालय ने भुभू जोत टनल सहित घटासनी-शिल्ह बधानी-भुभू जोत, कुल्लू हाईवे को सामरिक महत्व का प्रोजेक्ट स्वीकार किया है. साथ ही सड़क, परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय को इसे सामरिक महत्व के प्रोजेक्ट के रूप में नॉमिनेट करने की अनुशंसा की है.

हिमाचल प्रदेश के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शनिवार को इस बारे में जानकारी दी. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार के प्रयास से इस दिशा में ये प्रगति हुई है. उल्लेखनीय है कि ईटीवी भारत ने इस संदर्भ में 16 दिसंबर को ही बताया था कि रक्षा मंत्रालय ने प्रोजेक्ट के लिए हामी भर दी है. फिर राज्य के लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने भी अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर संकेत दिया था कि भुभू जोत पर हिमाचल को बड़ी खबर मिलने वाली है.

सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बताया कि राज्य सरकार के प्रयासों से रक्षा मंत्रालय ने अधिकारिक रूप से सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय को भुभू जोत सुरंग, घटासनी-शिल्ह बधानी-भुभू जोत-कुल्लू नेशनल हाईवे के साथ इसे सामरिक महत्व की परियोजना के रूप में नामित करने की अनुशंसा की है.

सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के अनुसार रक्षा मंत्रालय ने पत्राचार के माध्यम से इस राजमार्ग और सुरंग के महत्व को इंगित करते हुए बताया कि यह राजमार्ग लेह-लद्दाख के लिए वैकल्पिक मार्ग के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. इससे दुर्गम क्षेत्रों में सशस्त्र बलों को विभिन्न प्रकार की संवेदनशील गतिविधियों के सफलतापूर्वक संचालन में सहायता मिलेगी. सामरिक महत्व के साथ-साथ इस सुरंग से क्षेत्र (मंडी, कुल्लू व कांगड़ा) को पर्याप्त सामाजिक व आर्थिक लाभ मिलेगा. इसमें परियोजना के लिए बजटीय प्रावधान किए जाएंगे.

सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि उन्होंने भुभू जोत सुरंग परियोजना के लिए राज्य सरकार के पक्ष को मजबूती से केंद्र सरकार के समक्ष रखा था. सीएम सुक्खू खुद 25 अक्टूबर को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मिले थे और इस परियोजना को प्राथमिकता प्रदान करने का आग्रह किया था. उन्होंने कहा कि इस परियोजना के बारे में उसी दिन केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के समक्ष भी मामला रखा गया था. सीएम ने कहा कि इस सुरंग का निर्माण राज्य के विकास के लिए मील पत्थर साबित होगा. प्रस्तावित भुभू जोत सुरंग के निर्माण से कांगड़ा और कुल्लू के बीच की दूरी लगभग 50 किलोमीटर कम हो जाएगी. इससे स्थानीय लोग लाभान्वित होंगे और क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा. सुरंग के बनने से लोगों की आर्थिकी भी मजबूत होगी.

मुख्यमंत्री ने कहा कि भुभू जोत सुरंग का निर्माण हिमाचल प्रदेश के विकास की दृष्टि से परिवर्तनकारी कदम साबित होगा. उल्लेखनीय है कि अभी भारतीय सेना के लॉजिस्टिक हब पठानकोट से लेह-लद्दाख के लिए जाने को लेकर सेना को मंडी से होकर कुल्लू जाना पड़ता है. ये ब्यास नदी के किनारे का मार्ग है और परिवहन की दृष्टि से बरसात के सीजन में जटिल बन जाता है. भारतीय सेना ने पहले ही इस हाईवे व सुरंग को लेकर अपना पक्ष रख दिया है कि ये परियोजना उसके लिए बहुत लाभ की सिद्ध होगी. इस परियोजना से पठानकोट से मंडी नहीं आना होगा.

प्रस्तावित हाईवे बनने से घटासनी के पास से मार्ग शिल्ह बधानी को जाएगा और वहां से भुभू जोत नामक स्थान पर पहुंचेगा. भुभू जोत में तीन किलोमीटर की टनल बन जाएगी तो फिर वहां से सीधे कुल्लू और फिर अटल टनल होकर लेह को पहुंच जाएगा. इससे न केवल सेना का रास्ता कम होगा, बल्कि ये मार्ग सुरक्षित भी है. यहां ट्रैफिक जाम की समस्या भी नहीं होगी. साथ ही पर्यटन के नए स्थान भी विकसित होंगे.

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Last Updated : 7 hours ago

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