शिमला: हिमाचल प्रदेश में एचआरटीसी बस में प्रेशर कुकर-हीटर का टिकट कटने का सोशल मीडिया पर पोस्ट वायरल हुआ था. इस पोस्ट के वायरल होने के बाद सरकार सोशल मीडिया पर लोगों और विपक्ष के निशाने पर आ गई. लोगों ने इस पर खूब बवाल काटा और सरकार की भी किरकिरी हुई. सोशल मीडिया में टिकट का फोटो शेयर कर दावा किया गया था कि एचआरटीसी बस में कुकर का टिकट काटा गया है. फोटो के मुताबिक केलांग डिपो की इस बस में मंडी से औट तक का सफर करने वाले यात्री से कुकर का टिकट लिया गया और इसके 23 रुपये वसूल किए गए थे.
विपक्ष ने साधा था निशाना
सोशल मीडिया पर लोगों ने इस पोस्ट पर हंगामा काट दिया. तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं लोगों ने इस पोस्ट पर दीं. वहीं, विपक्ष के नेताओं ने भी इस मामले पर सरकार पर निशाना साधा. जयराम ठाकुर ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि शादी के एलबम, बुजुर्गों की दवाई, बच्चों के बस्ते और खिलौने के बाद अब खाना बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाले प्रेशर कूकर भी अपने स्थानीय बाजार से ख़रीदकर घर तक ले जाने के लिए भी हिमाचलवासियों को एचआरटीसी की बसों में किराया देना पड़ रहा है. इससे शर्मनाक कृत्य और क्या हो सकता है? उप-मुख्यमंत्री रोज मीडिया और विपक्ष को कोसते हैं और मातृशक्ति से कुकर, तवे, चिमटे का किराया भी वसूल रहे हैं. एक तरफ भाजपा की सरकार थी जिसने मातृशक्ति को बसों में 50 प्रतिशत किराए में छूट दी थी और एक व्यवस्था पतन की सुक्खू सरकार है जो प्रेशर कुकर का भी किराया ले रही है.
वहीं, इस कुकर के टिकट का ऐसा प्रेशर बना कि मुकेश अग्निहोत्री बिलासपुर रैली में बीजेपी पर टूट पड़े. रैली के दौरान मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि 'कुकर की सीटी मुकेश अग्निहोत्री ऐसी बजाएगा कि याद रखोगे. अपने भाषण में मुकेश अग्निहोत्री ने एचआरटीसी की लगेज पॉलिसी को लेकर पक्ष रखा. उन्होंने विपक्ष पर तंज कसा 'आजकल भाजपा वाले कह रहे हैं कि कुकर के पैसे ले लिए. अरे कुकर की सीटी मुकेश अग्निहोत्री ऐसी बजाएगा कि याद रखोगे आप. कितना झूठ बोलोगे. झूठ बोलने की भी एक सीमा होती है. अब रैली है तो एचआरटीसी की बसों में हीटर के पैसे की बात कर रहे हैं. हमने कभी कुकर हीटर का पैसा नहीं लिया. जयराम ठाकुर भले ही कुकर की सीटी बजाओ, लेकिन आपको सत्ता नहीं मिलने वाली है.'
क्या सच में कटा था कुकर का टिकट?
कुकर का क्या सच में टिकट कटा था या ये सोशल मीडिया पर फैलाया गया कोरा झूठ है. ईटीवी भारत की पड़ताल में ये सामने आया कि यात्री से कुकर का टिकट लिया गया था. इस पर एचआरटीसी ने अपना पक्षा भी रखा था. एचआरटीसी ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि, '4 दिसंबर को ठंगी-धर्मशाला बस सेवा में रोहन कौंडल बतौर कंडक्टर तैनात थे. इस बस रूट पर शिमला से दो छात्र (यात्री) सफर कर रहे थे, जिनके पास 5 बैग, एक हीटर और एक टेबल था. हिमाचल निगम की लगेज पॉलिसी के मुताबिक प्रत्येक यात्री अपने साथ 30 किलो सामान या 2 बैग किसी भी आकार के फ्री ले जा सकते हैं, लेकिन दोनों छात्र यात्रियों के पास अधिकृत फ्री सामान के अलावा अतिरिक्त लगेज था, जिसका कंडक्टर ने उचित टिकट जारी किया. इस मामले में सोशल मीडिया पर एचआरटीसी के खिलाफ गलत प्रचार किया गया है.' ऐसा में दावा सही है कि यात्री से कूकर का टिकट लिया गया था, लेकिन ये नियमों के तहत ही काटा गया था.
शादी के एलबम, बुजुर्गों की दवाई, बच्चों के बस्ते और खिलौने के बाद अब खाना बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाले प्रेशर कूकर भी अपने स्थानीय बाजार से ख़रीदकर घर तक ले जाने के लिए भी हिमाचलवासियों को एचआरटीसी की बसों में किराया देना पड़ रहा है। इससे शर्मनाक कृत्य और क्या हो सकता है?… pic.twitter.com/6mi7rQPaKl
— Jairam Thakur (@jairamthakurbjp) December 10, 2024
क्या है एचआरटीसी की लगेज पॉलिसी?
एचआरीटीसी की लगेज पॉलिसी को दो श्रेणियों में बांटा गया है. हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम की कुरियर सेवा और लगेज विद पैसेंजर है. कुरियर सेवा में एक से पांच किलो तक के सामान पर टिकट का 25 फीसदी चार्ज लगता है, 6 से 20 किलो तक के सामान पर आधे टिकट का चार्ज वसूला जाता है. 21 किलो से 40 किलो तक की श्रेणी में सामान का पूरा टिकट लगेगा. वहीं, कमर्शियल उद्देश्य के लिए प्रत्येक यात्री अपने साथ 30 किलो सामान या 2 बैग किसी भी आकार के फ्री ले जा सकते हैं.
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