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रंग ला रही है सीएम सुक्खू की अपील, अब इन कर्मचारियों ने स्वेच्छा से छोड़ी बिजली की सब्सिडी - ELECTRICITY SUBSIDY IN HIMACHAL

बिजली बोर्ड की आर्थिकी को पटरी पर लाने के लिए सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू की अपील रंग लाने लगी है. डिटेल में पढ़ें खबर...

राज्य विद्युत परिषद लिमिटेड मिनिस्ट्रियल सर्विसिज एसोसिएशन ने छोड़ी बिजली की सब्सिडी
राज्य विद्युत परिषद लिमिटेड मिनिस्ट्रियल सर्विसिज एसोसिएशन ने छोड़ी बिजली की सब्सिडी (कॉन्सेप्ट इमेज)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jan 18, 2025, 2:18 PM IST

शिमला: हिमाचल के खाली खजाने को भरने के लिए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह की अपील अब रंग लाने लगी है. बिजली बोर्ड की आर्थिकी को पटरी पर लाने के लिए सीएम ने प्रदेश के साधन संपन्न लोगों से स्वेच्छा से बिजली पर सब्सिडी छोड़ने की अपील की थी. इसके बाद अब हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत परिषद लिमिटेड मिनिस्ट्रियल सर्विसिज एसोसिएशन ने भी बिजली पर मिल रही सब्सिडी को छोड़ने का निर्णय लिया है.

इसको लेकर एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्य विद्युत परिषद लिमिटेड के अध्यक्ष संजय गुप्ता से मिलकर मुख्यमंत्री की अपील पर अपनी मुहर लगाई है. वहीं, एसोसिएशन ने सभी सदस्यों और अन्य कर्मचारियों से भी प्रदेश हित में बिजली पर मिलने वाली सब्सिडी को छोड़ने की अपील की है ताकि आने वाले समय में हिमाचल आर्थिक तौर पर अपने पैरों पर खड़ा होकर आत्मनिर्भर बन सके. इसके लिए बिजली बोर्ड के मिनिस्ट्रियल कर्मचारियों ने बिजली पर सब्सिडी छोड़ने का निर्णय लेकर शुरुआत कर दी है.

प्रदेश में 600 से अधिक उपभोक्ताओं ने छोड़ी सब्सिडी

प्रदेश में मुख्यमंत्री की अपील के बाद साधन संपन्न लोग स्वेच्छा से बिजली पर दी जाने वाली सब्सिडी को छोड़ रहे हैं. प्रदेश में अभी तक 600 से अधिक उपभोक्ता बिजली पर मिलने वाली सब्सिडी को छोड़ चुके हैं. मुख्यमंत्री की अपील पर अभी भी लोग लगातार सब्सिडी छोड़ रहे हैं.

ऐसे में आने वाले समय में ये आंकड़ा अभी और बढ़ सकता है. वहीं, प्रथम व द्वितीय श्रेणी के अधिकारियों को बिजली पर दी जाने वाली सब्सिडी को 1 जनवरी से बंद किया जा चुका है. ऐसे में इन अधिकारियों को फरवरी महीने से बिना सब्सिडी के बिजली बिल जारी किए जाएंगे. बता दें कि प्रदेश में 23.50 लाख के करीब घरेलू उपभोक्ता हैं जिनको हर साल सब्सिडी देने पर 1200 करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं. इसमें 800 करोड़ रुपये का बोझ केवल 125 यूनिट फ्री बिजली देने से ही पड़ रहा है.

ये भी पढ़ें: नए साल में HRTC पेंशनर्स के खाते में 15 दिन बाद पड़ी पेंशन, अब सरकार के सामने रखी ये मांग

शिमला: हिमाचल के खाली खजाने को भरने के लिए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह की अपील अब रंग लाने लगी है. बिजली बोर्ड की आर्थिकी को पटरी पर लाने के लिए सीएम ने प्रदेश के साधन संपन्न लोगों से स्वेच्छा से बिजली पर सब्सिडी छोड़ने की अपील की थी. इसके बाद अब हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत परिषद लिमिटेड मिनिस्ट्रियल सर्विसिज एसोसिएशन ने भी बिजली पर मिल रही सब्सिडी को छोड़ने का निर्णय लिया है.

इसको लेकर एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्य विद्युत परिषद लिमिटेड के अध्यक्ष संजय गुप्ता से मिलकर मुख्यमंत्री की अपील पर अपनी मुहर लगाई है. वहीं, एसोसिएशन ने सभी सदस्यों और अन्य कर्मचारियों से भी प्रदेश हित में बिजली पर मिलने वाली सब्सिडी को छोड़ने की अपील की है ताकि आने वाले समय में हिमाचल आर्थिक तौर पर अपने पैरों पर खड़ा होकर आत्मनिर्भर बन सके. इसके लिए बिजली बोर्ड के मिनिस्ट्रियल कर्मचारियों ने बिजली पर सब्सिडी छोड़ने का निर्णय लेकर शुरुआत कर दी है.

प्रदेश में 600 से अधिक उपभोक्ताओं ने छोड़ी सब्सिडी

प्रदेश में मुख्यमंत्री की अपील के बाद साधन संपन्न लोग स्वेच्छा से बिजली पर दी जाने वाली सब्सिडी को छोड़ रहे हैं. प्रदेश में अभी तक 600 से अधिक उपभोक्ता बिजली पर मिलने वाली सब्सिडी को छोड़ चुके हैं. मुख्यमंत्री की अपील पर अभी भी लोग लगातार सब्सिडी छोड़ रहे हैं.

ऐसे में आने वाले समय में ये आंकड़ा अभी और बढ़ सकता है. वहीं, प्रथम व द्वितीय श्रेणी के अधिकारियों को बिजली पर दी जाने वाली सब्सिडी को 1 जनवरी से बंद किया जा चुका है. ऐसे में इन अधिकारियों को फरवरी महीने से बिना सब्सिडी के बिजली बिल जारी किए जाएंगे. बता दें कि प्रदेश में 23.50 लाख के करीब घरेलू उपभोक्ता हैं जिनको हर साल सब्सिडी देने पर 1200 करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं. इसमें 800 करोड़ रुपये का बोझ केवल 125 यूनिट फ्री बिजली देने से ही पड़ रहा है.

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