पटना:केंद्र सरकार ने साफ कर दिया है कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिया सकता है. इसके बाद से विपक्ष नीतीश सरकार और केंद्र की मोदी सरकार पर हमलावर है. एक तरफ आरजेडी की ओर से लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं तो, वहीं अब कांग्रेस ने भी आंदोलन करने का ऐलान किया है.
चरणबद्ध आंदोलन करेगी कांग्रेस:बिहार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि विशेष राज्य के दर्जे की मांग को लेकर पूरे बिहार में चरणबद्ध आंदोलन किया जाएगा. प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि पहले चरण में 12 अगस्त को सभी जिला में कांग्रेस पीसी होगी. 13 अगस्त और 14 अगस्त को पूरे बिहार में सभी प्रखंड मुख्यालय पर कांग्रेस पार्टी धरना देगी. दूसरे चरण में आंदोलन को लेकर बाद में रूपरेखा तैयार की जाएगी.
"2005 नीतीश कुमार पहली बार बिहार की सत्ता में आए थे. नीतीश कुमार लगातार बिहार को विशेष राज्य का दर्जा की मांग करते रहे हैं. नीति आयोग की रिपोर्ट में भी बिहार के पिछड़ेपन का जिक्र होता रहा है. भारत सरकार ने बिहार को विशेष राज्य के दर्जा की मांग को जिस तरीके से खारिज किया है, वह दुर्भाग्यपूर्ण है."-अखिलेश प्रसाद सिंह, बिहार कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष
'कांग्रेस के कार्यकाल में बिहार में काम हुआ':प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने स्वीकार किया कि कांग्रेस के शासनकाल में यदि कोई गलती हुई है तो उसे भी स्वीकार किया जाएगा. लेकिन कांग्रेस की सरकार की उस समय की स्थिति और इस समय की स्थिति बहुत अलग है. बिहार में जितने भी कारखाने शुरू हुए, वह कांग्रेस के शासनकाल में शुरू हुए. 2004 से 2014 तक भी बिहार में कई कारखाना खोला गया. बिहार का जिस समय बंटवारा हुआ था उस समय 1 लाख 80 हजार करोड़ रु के विशेष पैकेज की घोषणा की गई थी लेकिन वह पूरा नहीं हो सका.
चीनी मिल को लेकर क्या बोले अखिलेश सिंह: प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि बिहार में कांग्रेस के शासनकाल में बहुत चीनी मिल चल रही थी, लेकिन धीरे-धीरे सब चीनी मिल बंद हो गई. आज बिहार आर्थिक रूप से बहुत ही पिछड़ गया है इसलिए बिहार को विशेष राज्य की जरूरत है.पिछले 19 साल से नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री हैं. उनके शासनकाल में सड़कों का निर्माण वह रूटिंग काम था. इस बजट में बिहार के लिए जो भी सड़कों की घोषणा की गई है वह पहले से ही स्वीकृत था. कोई नयी योजना स्वीकृत नहीं की गई.