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"शानन प्रोजेक्ट की लीज हो चुकी है खत्म, अब पंजाब को अपने छोटे भाई को सौंप देनी चाहिए परियोजना" - SHANAN POWER PROJECT JOGINDER NAGAR

शानन पावर प्रोजेक्ट पर पंजाब की 99 साल की लीज खत्म हो चुकी है. इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में मामला चल रहा है.

Shanan Power Project Joginder nagar
पंजाब और हिमाचल में शानन पावर प्रोजेक्ट को लेकर विवाद (फाइल फोटो)

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Oct 18, 2024, 7:45 PM IST

मंडी: मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने मंडी जिला के जोगिंदर नगर में 110 मेगावाट क्षमता के शानन पावर प्रोजेक्ट का दौरा किया. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने टरबाइन, अल्टरनेटर, एक्साइटर, कंट्रोल रूम सहित पावर हाउस के विभिन्न सेक्शन का दौरा किया. सीएम ने अधिकारियों से यहां बिजली उत्पादन से संबंधित प्रक्रिया की जानकारी हासिल की. मुख्यमंत्री ने बरोट से पावर हाउस तक पानी लाने के लिए उपयोग में लाई जा रही पुराने समय की ट्रॉली का भी अवलोकन किया.

पंजाब पुनर्गठन एक्ट के तहत नहीं आता शानन प्रोजेक्ट

इस अवसर पर मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा "इस परियोजना की वर्तमान स्थिति के बारे में जानकारी लेने के लिए मैं यहां आया हूं. यह प्रोजेक्ट 99 साल की लीज पर पंजाब के पास था जिसकी लीज अब खत्म हो गई है. अभी शानन प्रोजेक्ट का संचालन पंजाब सरकार के पास है. शानन प्रोजेक्ट को लेकर पंजाब सरकार के साथ बातचीत चल रही है. इसको लेकर पंजाब सरकार से पत्राचार भी किया गया है. यह प्रोजेक्ट पंजाब पुनर्गठन एक्ट के अंतर्गत भी नहीं आता है. ऐसे में यह प्रोजेक्ट हिमाचल को वापस मिलना चाहिए. अब पंजाब को यह प्रोजेक्ट अपने छोटे भाई (हिमाचल प्रदेश) को दे देना चाहिए. इस प्रोजेक्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट में मामला चल रहा है. अब फैसला सुप्रीम कोर्ट में है और हमें सुप्रीम कोर्ट का फैसला मंजूर होगा."

सुखविंद्र सिंह सुक्खू, मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश (ETV Bharat)

आजादी से पहले का है शानन पावर प्रोजेक्ट

शानन प्रोजेक्ट आजादी से पहले का है. साल 2024 के मार्च महीने में इसकी लीज खत्म हो चुकी है. मंडी जिले के जोगिंदर नगर में स्थित इस प्रोजेक्ट पर पंजाब सरकार का कब्जा है. ब्रिटिश शासन के दौरान मंडी रियासत के राजा जोगेंद्र सेन ने शानन बिजलीघर के लिए जमीन उपलब्ध करवाई थी. उस दौरान जो समझौता हुआ था, उसके अनुसार लीज अवधि 99 साल रखी गई थी. यानी 99 साल पूरे होने पर ये बिजलीघर उस धरती (मंडी रियासत के तहत जमीन) की सरकार को मिलना था, जहां पर ये स्थापित किया गया था.

शानन पावर प्रोजेक्ट जोगिंदर नगर (फाइल फोटो)

भारत की आजादी के बाद हिमाचल प्रदेश पंजाब का ही हिस्सा था. वैसे हिमाचल का गठन 15 अप्रैल 1948 को हुआ था, लेकिन पूर्ण राज्य का दर्जा 1971 में मिला था. उल्लेखनीय है कि मंडी में जोगिंदर नगर की ऊहल नदी पर स्थापित शानन पावर हाउस साल 1932 में केवल 48 मेगावाट क्षमता का था. बाद में पंजाब बिजली बोर्ड ने इसकी उत्पादन क्षमता को बढ़ाया. बिजलीघर शुरू होने के 50 साल बाद साल 1982 में शानन प्रोजेक्ट 60 मेगावाट ऊर्जा उत्पादन वाला हो गया. अब इसकी क्षमता 50 मेगावाट अतिरिक्त बढ़ाई गई है और ये अब कुल 110 मेगावाट का प्रोजेक्ट है.

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