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ISRO को लगा बड़ा झटका, श्रीहरिकोटा से लॉन्च हुए 100वें रॉकेट वाले मिशन में आई परेशानी, जानें डिटेल्स - ISRO SDSC 100TH ROCKET LAUNCH

श्रीहरिकोटा से लॉन्च हुए 100वें रॉकेट वाले, NVS-02 सैटेलाइट मिशन में कुछ परेशानी हुई है. इसरो ने अपनी वेबसाइट से इसकी जानकारी दी है.

100th Rocket launch image from Sathish Dhawan Space Centre
सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च हुए 100वें रॉकेट की तस्वीर (फोटो - X/ISRO)
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By ETV Bharat Tech Team

Published : Feb 3, 2025, 1:25 PM IST

हैदराबाद: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो ने 29 जनवरी को अपने सबसे प्रसिद्ध रॉकेट लॉन्च स्टेशन, सतीश धवन स्पेस सेंटर से 100वां रॉकेट लॉन्च किया था. इसरो ने आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में स्थित इस सतीश धवन स्पेस सेंटर से 29 जनवरी की सुबर 6:23 मिनट पर GSLV-F15 2 रॉकेट के जरिए NVS-02 सैटेलाइट लॉन्च किया था. करीब 6:42 मिनट पर GSLV-F15 ने NVS-02 को उसके ऑर्बिट तक पहुंचा दिया और उसे अलग भी कर दिया था. हालांकि, इस मिशन को लेकर रविवार को एक निराशाजनक ख़बर आई. इसरो ने 2 फरवरी को जानकारी देते हुए बताया कि, NVS-02 सैटेलाइट को मनचाहे ऑर्बिट में प्लेस करने की कोशिश की जा रही थी, लेकिन उस वक्त स्पेसक्राफ्ट में लगे 'थ्रस्टर्स' काम नहीं पाए.

इसरो ने दी NVS-02 मिशन की जानकारी

उसके बाद इसरो ने अपने आधिकारिक वेबसाइट के जरिए जानकारी दी कि, NVS-02 को मनचाहे ऑर्बिट में प्लेस करने की कोशिश सफल नहीं हो पाई क्योंकि स्पेसक्राफ्ट में लगे थ्रस्टर्स काम नहीं कर पाए. इसे टेक्निकल भाषा में समझाएं तो इसरो ने बताया कि, लॉन्च के बाद, सैटेलाइट के सोलर पैनल्स सफलतापूर्वक खोल दिए गए थे और बिजली उत्पादन सामान्य है. ग्राउंड स्टेशन के साथ सैटेलाइट का कम्यूनिकेशन भी स्टेबलिश हो गया था, लेकिन सैटेलाइट को उसकी सही लोकेशन पर ले जाने के लिए ऑर्बिट रेज़िंग ऑपरेशन्स किए जा रहे थे, लेकिन ऑक्सीडाइज़र (oxidizer) को थ्रस्टर में ले जाने के लिए एक वाल्व (valve) का खुलना जरूरी होता है, जो इस प्रक्रिया के दौरान खुल नहीं पाया. इस कारण हम सैटेलाइट को उसकी सही लोकेशन पर नहीं पहुंचा सके. इसरो ने आगे बताया कि, सैटेलाइट के सिस्टम ठीक हैं और वह अभी एक अण्डाकार (elliptical) ऑर्बिट में हैं. नेविगेशन के लिए सैटेलाइट का उपयोग एलिप्टिकल ऑर्बिट में करने के लिए नई योजनाएं बनाई जा रही हैं.

सफलतापूर्वक हुआ था लॉन्च

इसरो ने GSLV-F15, NVS-02 सैटेलाइट मिशन की अपडेट देते हुए, यह भी बताया कि, 29 जनवरी, 2025 को श्रीहरिकोटा में स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से 100वें रॉकेट को लॉन्च करने की उपलब्धि हासिल की गई. इस मिशन के तहत GSLV-F15 रॉकेट ने एनवीएस-02 (NVS-02) नेविगेशन सैटेलाइट को सही ऑर्बिट तक सफलतापूर्वक पहुंचा भी दिया था. सभी व्हीलक ठीक तरीके से काम किए थे और सैटेलाइट को सही ऑर्बिट तक पहुंचा दिया था. अब मिली इस असफलता के बाद इसरो, इस मिशन को पूरी तरह से सफल बनाने के लिए नए प्लान्स पर काम कर रही है.

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इसरो ने दी NVS-02 मिशन की जानकारी

उसके बाद इसरो ने अपने आधिकारिक वेबसाइट के जरिए जानकारी दी कि, NVS-02 को मनचाहे ऑर्बिट में प्लेस करने की कोशिश सफल नहीं हो पाई क्योंकि स्पेसक्राफ्ट में लगे थ्रस्टर्स काम नहीं कर पाए. इसे टेक्निकल भाषा में समझाएं तो इसरो ने बताया कि, लॉन्च के बाद, सैटेलाइट के सोलर पैनल्स सफलतापूर्वक खोल दिए गए थे और बिजली उत्पादन सामान्य है. ग्राउंड स्टेशन के साथ सैटेलाइट का कम्यूनिकेशन भी स्टेबलिश हो गया था, लेकिन सैटेलाइट को उसकी सही लोकेशन पर ले जाने के लिए ऑर्बिट रेज़िंग ऑपरेशन्स किए जा रहे थे, लेकिन ऑक्सीडाइज़र (oxidizer) को थ्रस्टर में ले जाने के लिए एक वाल्व (valve) का खुलना जरूरी होता है, जो इस प्रक्रिया के दौरान खुल नहीं पाया. इस कारण हम सैटेलाइट को उसकी सही लोकेशन पर नहीं पहुंचा सके. इसरो ने आगे बताया कि, सैटेलाइट के सिस्टम ठीक हैं और वह अभी एक अण्डाकार (elliptical) ऑर्बिट में हैं. नेविगेशन के लिए सैटेलाइट का उपयोग एलिप्टिकल ऑर्बिट में करने के लिए नई योजनाएं बनाई जा रही हैं.

सफलतापूर्वक हुआ था लॉन्च

इसरो ने GSLV-F15, NVS-02 सैटेलाइट मिशन की अपडेट देते हुए, यह भी बताया कि, 29 जनवरी, 2025 को श्रीहरिकोटा में स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से 100वें रॉकेट को लॉन्च करने की उपलब्धि हासिल की गई. इस मिशन के तहत GSLV-F15 रॉकेट ने एनवीएस-02 (NVS-02) नेविगेशन सैटेलाइट को सही ऑर्बिट तक सफलतापूर्वक पहुंचा भी दिया था. सभी व्हीलक ठीक तरीके से काम किए थे और सैटेलाइट को सही ऑर्बिट तक पहुंचा दिया था. अब मिली इस असफलता के बाद इसरो, इस मिशन को पूरी तरह से सफल बनाने के लिए नए प्लान्स पर काम कर रही है.

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