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कोई इधर तो देखो..नीतीश के अधिकारियों को पसंद नहीं है करोड़ों का फ्लैट, 1 साल से पड़ा है वीरान - Officers Residential Flats in Patna

IAS officers flats Patna : बिहार के सीनियर आईएएस अधिकारियों के लिए नीतीश सरकार ने करोड़ों की लागत से आवश्यक परिसर का निर्माण करवाया 1 साल बीत जाने के बाद भी आवासीय परिसर वीरान पड़ा है. करोड़ों खर्च करने के बावजूद भी आईएएस अधिकारी फ्लैट का रुख करने से परहेज कर रहे हैं. पढ़ें पूरी खबर-

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बिहार का आईएएस ऑफिसर्स फ्लैट (Etv Bharat)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Aug 20, 2024, 6:31 PM IST

नीतीश के आईएएस को बंगला पसंद है? (ETV Bharat)

पटना: राजधानी पटना के शास्त्री नगर थाना क्षेत्र में सीनियर आईएएस अधिकारियों के लिए 2023 में करोड़ों की लागत से आवासीय परिसर का निर्माण कराया गया था. प्रोजेक्ट पर कुल 80 करोड़ रुपए खर्च किए गए थे. इतनी रकम से 78 फ्लैट का निर्माण कराया गया. फ्लैट में सेक्रेटरी स्तर के अधिकारियों को दी जाने वाली तमाम सुविधाएं बहाल की गईं. फिर भी साहबों को ये फ्लैट नहीं पसंद आ रहा है.

1 साल से वीरान पड़ा आवासीय परिसर: फ्लैट का उद्घाटन हुए 1 साल से अधिक का वक्त बीत चुका है. अप्रैल 2023 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने फ्लैट का उद्घाटन किया था. 16 महीने बीत जाने के बाद महज आधा दर्जन अधिकारी ही फ्लैट में शिफ्ट हुए हैं, बाकी के 70 फ्लैट अब तक खाली पड़े हैं.

वीरान पड़े करोड़ों की लागत से बने ऑफिसर फ्लैट (ETV Bharat)

80 करोड़ की लागत बना आवास : अप्रैल 2023 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सीनियर आईएएस अफसर के लिए आवासीय परिसर का उद्घाटन किया था. शास्त्री नगर थाना क्षेत्र में आवासीय परिसर सज-धज कर तैयार है. विशेष सचिव या उससे ऊपर के अधिकारियों को यह आवास आवंटित किये जाने थे. कुल मिलाकर 80 करोड़ की लागत से आवासीय परिसर का निर्माण कराया गया.

बड़े अफसरों के लिए बने फ्लैट: इस आवासीय परिसर में कुल 4 कमरे वाले कुल 78 फ्लैट का 3 ब्लॉक बनाया गया. आवासीय परिसर में योग व ध्यान केंद्र का भी निर्माण कराया गया है. मुंगेर स्थित योग संस्थान के साथ एमओयू दस्तखत किए गए. अधिकारियों के सहायक और सुरक्षा कर्मी के लिए भी कमरा बनाया गया है. एक फ्लैट 2000 स्क्वायर फीट से अधिक जमीन पर बनाया गया है.

विपक्ष इस मुद्दे पर हमलावर : मुख्य विपक्षी दल राष्ट्रीय जनता दल ने नीतीश सरकार पर हमला बोला है. राष्ट्रीय जनता दल के मुख्य प्रवक्ता शक्ति यादव ने कहा है कि अगर विधायकों का मसला आता तो सरकार जोर जबरदस्ती करती और कार्यवाही हो जाती लेकिन मामला नौकरशाहों का है और वही सरकार चला रहे हैं, तो कोई हस्तक्षेप करने वाला नहीं है. राष्ट्रीय जनता दल प्रवक्ता ने कहा कि सरकार को पूरे मसले पर संज्ञान लेना चाहिए. योजना पर करोड़ों रुपए खर्च हुए हैं लेकिन कोई भी अधिकारी बांग्ला छोड़कर फ्लैट में जाने को तैयार नहीं है.

''70 करोड़ की लागत से सचिव स्तर के आईएएस अधिकारियों के लिए आवास बनाए गए हैं तो वो क्यों नहीं जा रहे हैं? वो बिल्डिंग धूल क्यों फांक रही है? असल बात ये है कि ये सरकार नौकरशाह चला रहे हैं. बिहार के मुख्यमंत्री कठपतुली भर हैं. जो अधिकारी निर्णय लेंगे उसी को वो भी लागू करते हैं. पूरे बिहार में आईएएस मौज कर रहा है.''- शक्ति यादव, प्रवक्ता, आरजेडी

विपक्ष को सत्ता पक्ष की नसीहत : राजद के आरोपों पर भाजपा ने भी पलटवार किया है. पार्टी प्रवक्ता प्रभाकर मिश्रा ने कहा है कि इस बारे में हमें तकनीकी जानकारी नहीं है. अगर आईएएस ऑफिसर के लिए फ्लैट का निर्माण हुआ है तो उन्हें उसमें जाना चाहिए. हमें उम्मीद है कि वह फ्लैट में जाएंगे भी सरकार पूरे मसले को गंभीरता से देखेगी. भवन निर्माण मंत्री जयंत राज से पूरे मसले पर बात करने की कोशिश की गई, लेकिन मंत्री जी ने इस मसले पर बात करना मुनासिब नहीं समझा.

''ज्यादा जानकारी मेरे पास नहीं है, लेकिन जब फ्लैट बन चुका है तो ऑफिसर शिफ्ट भी करेंगे. अफसरों के रैंक और सुविधा को ध्यान में रखते हुए फ्लैट बनाया गया है तो वो जाएंगे और उन्हें जाना चाहिए.'' - प्रभाकर मिश्रा, प्रवक्ता, भाजपा

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