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'पारंपरिक खेती छोड़िए बेबी कॉर्न उगाइये' बिहार के विष्णु चित की तरह कम लागत में लाखों रुपये कमाइये - SUCCESS STORY

दिल्ली गए तो मिला बेबी कॉर्न की खेती का आईडिया, छोड़ दी पारंपरिक खेती. अब बेबी कॉर्न से सालाना लाखों कमा रहे गया के किसान.

baby corn farming
गया में बेबी कॉर्न की खेती (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jan 3, 2025, 2:26 PM IST

गया: तीन साल पहले विष्णु दिल्ली गए थे. वहां देखा कि बेबी काॅर्न की काफी डिमांड है. इसके बाद वहीं से आइडिया आया कि क्यों न इसकी खेती शुरू की जाए. इसके बाद उन्होंने अपने गृह जिला गया में बेबी कॉर्न की खेती शुरू की. आज वो इससे सालाना लाखों रुपए कमा रहे हैं.

दिल्ली गए तो मिला बेबी कॉर्न की खेती का आईडिया: विष्णु चित आनंद ने बड़गांव में बेबी कॉर्न की खेती शुरू की है. बताते हैं कि बेबी काॅर्न की खेती बेहद ही आमदनी वाली है. एक बार फसल लगाने पर इससे साल भर लाभ कमाया जा सकता है. उन्होंने बताया कि बेबी कॉर्न की डिमांड इतनी है कि इसकी सप्लाई कम पड़ जा रही है. अभी इसे और बढ़ाने की तैयारी है.

बेबी कॉर्न की खेती से लाखों की कमाई (ETV Bharat)

"फिलहाल में कुछ कट्ठों में इसकी खेती कर रहा हूं, लेकिन आने वाले दिनों में और बड़े पैमाने पर इसका विस्तार करेंगे. फिलहाल दो कट्ठे में बेबी कॉर्न की खेती से सालाना लाखों का मुनाफा आ रहा है."-विष्णु चित आनंद, किसान

एक बार की खेती, सालभर की कमाई: बेबी कॉर्न की खेती ऐसी होती है कि यदि एक बार खेत में इसकी फसल लगा दी जाए तो इससे सालों भर मुनाफा कमाया जा सकता है. एक बार लगाई गई फसल पांच बार उपजती है. ज्यादा मेहनत भी नहीं, सिर्फ थोड़ी सी देखभाल और फसल आते ही उसे तोड़ लेना होता है. यही सूझबूझ मुनाफे का बड़ा पैमाना है.

baby corn farming
क्या है बेबी कॉर्न (ETV Bharat)

लग्न सीजन में बढ़ जाती है डिमांड: विष्णु बताते हैं कि एक कट्ठा में कम से कम 150 से 200 रुपये किलोग्राम बेबी काॅर्न उपजता है. इसकी मार्केट में कीमत 150 से 200 रुपये प्रति किलोग्राम के बीच रहती है. शादी-विवाह के समय यह कीमत 250 से 300 रुपये तक चली जाती है.

गया में भी है बेबी काॅर्न की डिमांड: विष्णु आनंद बताते हैं कि गया में इसकी अच्छी डिमांड है. एक बड़े रेस्टोरेंट में सप्ताह भर का ऑर्डर 300 किलोग्राम का आता है. इस हिसाब से देखें, तो पैदावार अभी भी कम है. कुछ और किसानों ने इसकी खेती करनी शुरू की है, लेकिन अभी सप्लाई पूरी तरह से नहीं हो पाती है. क्योंकि रेस्टोरेंट और शादी के मौके पर इसकी डिमांड इतनी होती है कि उसे पूरा कर पाना मुश्किल हो जाता है.

बेबी कॉर्न के लिए छोड़ दी पारंपरिक खेती: विष्णु आनंद बताते हैं कि पहले वह चावल गेहूं की खेती करते थे लेकिन उसे बेचने में दिक्कत आती थी. बड़े-बड़े कारोबारी अपने मन मुताबिक खरीददारी करते थे. अच्छे रुपये की कमाई नहीं हो पाती थी लेकिन बेबी कॉर्न की खेती करने के बाद काफी कुछ बदल गया है. अब बिक्री के लिए मोहताज नहीं होना परता है. इसके ऑर्डर पहले ही आ जाते हैं.

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ऐसे करें बेबी कॉर्न की खेती (ETV Bharat)

बेबी कॉर्न की खेती में ना करें ये गलती: विष्णु बताते हैं कि प्रति कट्ठा साल में ₹1000 खर्च आता हैं. सिर्फ थोड़ी देखभाल ही करनी पड़ती है. हालांकि इसमें ज्यादा मेहनत नहीं है. सन आने के एक-दो दिन के अंदर ही इसे तोड़ना होता है. एक ऊंचाई तक फसल आने के बाद अनुमान मिल जाता है कि फसल तैयार है. यदि समय पर नहीं तोड़ा तो मार्केट वैल्यू कम हो जाती है और अच्छी कीमत नहीं मिल पाती है.

कैसे करें बेबी कॉर्न का इस्तेमाल: बेबी कॉर्न में सबसे बड़ी बात यह है कि इसे अलग-अलग रूप में उपयोग किया जा सकता है. बेबी कॉर्न को सब्जी के रूप में खा सकते हैं. सलाद के रूप में भी इसका इस्तेमाल होता है. बाजारों में स्नैक्स के रूप में भी उपलब्ध होता है. ऐसे में बेबी कॉर्न की डिमांड धीरे-धीरे बढ़ती जा रही है.

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शादियों में है बेबी कॉर्न की डिमांड (ETV Bharat)

"इसमें मेहनत पारंपरिक खेती से कम है. पारंपरिक खेती में काफी देखभाल करनी पड़ती है. उचित मूल्य नहीं मिलते हैं, लेकिन इसमें मेहनत कुछ नहीं है. पानी की भी खपत कम है. निकाय कोड़ाई भी कम करनी पड़ती है. श्री विधि से इसकी खेती लाभदायक होता है "-विष्णु चित आनंद, किसान

मौसम पर नहीं रहना पड़ता है निर्भर: किस मौसम में इसकी खेती होती है? इसपपर विष्णु बताते हैं कि बेबी कॉर्न की खेती के लिए मौसम पर निर्भर नहीं रहना पड़ता है. किसी भी मौसम में इसकी खेती हो जाती है. यह साल भर उपजता है और सालों भर मुनाफा देता है. यदि एक किसान पांच कट्ठे में बेबी कॉर्न की खेती करें तो बेहद अच्छी इनकम होती है. बेबी काॅर्न की खेती एक मुनाफे वाली खेती है. यही वजह है कि कुछ किसान पारंपरिक खेती जैसे चावल और गेहूं को छोड़कर बेबी कॉर्न की खेती कर रहे हैं.

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सालाना लाखों का टर्न ओवर (ETV Bharat)

सेहत के लिए भी है फायदेमंद: विशेषज्ञ बताते हैं कि यह पोषक तत्वों से भरपूर है. इसमें विटामिन ए, विटामिन सी और आयरन भरपूर मात्रा में है. इसके सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी अच्छी रहती है. किसान विष्णु बताते हैं कि इसका बीज ऑनलाइन मंगाते हैं. इसका बीज लैब में तैयार होता है. एक कट्ठा में 350 ग्राम बीज लगता है. ₹1000 प्रति किलो के हिसाब से आसानी से मिल जाता है.

पढ़ें-ठेले से शुरू किया कारोबार, 50 करोड़ का सालाना टर्न ओवर, मिलिए 'लड्डू किंग' से - SUCCESS STORY

गया: तीन साल पहले विष्णु दिल्ली गए थे. वहां देखा कि बेबी काॅर्न की काफी डिमांड है. इसके बाद वहीं से आइडिया आया कि क्यों न इसकी खेती शुरू की जाए. इसके बाद उन्होंने अपने गृह जिला गया में बेबी कॉर्न की खेती शुरू की. आज वो इससे सालाना लाखों रुपए कमा रहे हैं.

दिल्ली गए तो मिला बेबी कॉर्न की खेती का आईडिया: विष्णु चित आनंद ने बड़गांव में बेबी कॉर्न की खेती शुरू की है. बताते हैं कि बेबी काॅर्न की खेती बेहद ही आमदनी वाली है. एक बार फसल लगाने पर इससे साल भर लाभ कमाया जा सकता है. उन्होंने बताया कि बेबी कॉर्न की डिमांड इतनी है कि इसकी सप्लाई कम पड़ जा रही है. अभी इसे और बढ़ाने की तैयारी है.

बेबी कॉर्न की खेती से लाखों की कमाई (ETV Bharat)

"फिलहाल में कुछ कट्ठों में इसकी खेती कर रहा हूं, लेकिन आने वाले दिनों में और बड़े पैमाने पर इसका विस्तार करेंगे. फिलहाल दो कट्ठे में बेबी कॉर्न की खेती से सालाना लाखों का मुनाफा आ रहा है."-विष्णु चित आनंद, किसान

एक बार की खेती, सालभर की कमाई: बेबी कॉर्न की खेती ऐसी होती है कि यदि एक बार खेत में इसकी फसल लगा दी जाए तो इससे सालों भर मुनाफा कमाया जा सकता है. एक बार लगाई गई फसल पांच बार उपजती है. ज्यादा मेहनत भी नहीं, सिर्फ थोड़ी सी देखभाल और फसल आते ही उसे तोड़ लेना होता है. यही सूझबूझ मुनाफे का बड़ा पैमाना है.

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क्या है बेबी कॉर्न (ETV Bharat)

लग्न सीजन में बढ़ जाती है डिमांड: विष्णु बताते हैं कि एक कट्ठा में कम से कम 150 से 200 रुपये किलोग्राम बेबी काॅर्न उपजता है. इसकी मार्केट में कीमत 150 से 200 रुपये प्रति किलोग्राम के बीच रहती है. शादी-विवाह के समय यह कीमत 250 से 300 रुपये तक चली जाती है.

गया में भी है बेबी काॅर्न की डिमांड: विष्णु आनंद बताते हैं कि गया में इसकी अच्छी डिमांड है. एक बड़े रेस्टोरेंट में सप्ताह भर का ऑर्डर 300 किलोग्राम का आता है. इस हिसाब से देखें, तो पैदावार अभी भी कम है. कुछ और किसानों ने इसकी खेती करनी शुरू की है, लेकिन अभी सप्लाई पूरी तरह से नहीं हो पाती है. क्योंकि रेस्टोरेंट और शादी के मौके पर इसकी डिमांड इतनी होती है कि उसे पूरा कर पाना मुश्किल हो जाता है.

बेबी कॉर्न के लिए छोड़ दी पारंपरिक खेती: विष्णु आनंद बताते हैं कि पहले वह चावल गेहूं की खेती करते थे लेकिन उसे बेचने में दिक्कत आती थी. बड़े-बड़े कारोबारी अपने मन मुताबिक खरीददारी करते थे. अच्छे रुपये की कमाई नहीं हो पाती थी लेकिन बेबी कॉर्न की खेती करने के बाद काफी कुछ बदल गया है. अब बिक्री के लिए मोहताज नहीं होना परता है. इसके ऑर्डर पहले ही आ जाते हैं.

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ऐसे करें बेबी कॉर्न की खेती (ETV Bharat)

बेबी कॉर्न की खेती में ना करें ये गलती: विष्णु बताते हैं कि प्रति कट्ठा साल में ₹1000 खर्च आता हैं. सिर्फ थोड़ी देखभाल ही करनी पड़ती है. हालांकि इसमें ज्यादा मेहनत नहीं है. सन आने के एक-दो दिन के अंदर ही इसे तोड़ना होता है. एक ऊंचाई तक फसल आने के बाद अनुमान मिल जाता है कि फसल तैयार है. यदि समय पर नहीं तोड़ा तो मार्केट वैल्यू कम हो जाती है और अच्छी कीमत नहीं मिल पाती है.

कैसे करें बेबी कॉर्न का इस्तेमाल: बेबी कॉर्न में सबसे बड़ी बात यह है कि इसे अलग-अलग रूप में उपयोग किया जा सकता है. बेबी कॉर्न को सब्जी के रूप में खा सकते हैं. सलाद के रूप में भी इसका इस्तेमाल होता है. बाजारों में स्नैक्स के रूप में भी उपलब्ध होता है. ऐसे में बेबी कॉर्न की डिमांड धीरे-धीरे बढ़ती जा रही है.

baby corn farming
शादियों में है बेबी कॉर्न की डिमांड (ETV Bharat)

"इसमें मेहनत पारंपरिक खेती से कम है. पारंपरिक खेती में काफी देखभाल करनी पड़ती है. उचित मूल्य नहीं मिलते हैं, लेकिन इसमें मेहनत कुछ नहीं है. पानी की भी खपत कम है. निकाय कोड़ाई भी कम करनी पड़ती है. श्री विधि से इसकी खेती लाभदायक होता है "-विष्णु चित आनंद, किसान

मौसम पर नहीं रहना पड़ता है निर्भर: किस मौसम में इसकी खेती होती है? इसपपर विष्णु बताते हैं कि बेबी कॉर्न की खेती के लिए मौसम पर निर्भर नहीं रहना पड़ता है. किसी भी मौसम में इसकी खेती हो जाती है. यह साल भर उपजता है और सालों भर मुनाफा देता है. यदि एक किसान पांच कट्ठे में बेबी कॉर्न की खेती करें तो बेहद अच्छी इनकम होती है. बेबी काॅर्न की खेती एक मुनाफे वाली खेती है. यही वजह है कि कुछ किसान पारंपरिक खेती जैसे चावल और गेहूं को छोड़कर बेबी कॉर्न की खेती कर रहे हैं.

baby corn farming
सालाना लाखों का टर्न ओवर (ETV Bharat)

सेहत के लिए भी है फायदेमंद: विशेषज्ञ बताते हैं कि यह पोषक तत्वों से भरपूर है. इसमें विटामिन ए, विटामिन सी और आयरन भरपूर मात्रा में है. इसके सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी अच्छी रहती है. किसान विष्णु बताते हैं कि इसका बीज ऑनलाइन मंगाते हैं. इसका बीज लैब में तैयार होता है. एक कट्ठा में 350 ग्राम बीज लगता है. ₹1000 प्रति किलो के हिसाब से आसानी से मिल जाता है.

पढ़ें-ठेले से शुरू किया कारोबार, 50 करोड़ का सालाना टर्न ओवर, मिलिए 'लड्डू किंग' से - SUCCESS STORY

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