पटना: बिहार के मुख्य सचिव अमृतलाल मीणा ने 5 सितंबर को कानून व्यवस्था को लेकर हाई लेवल बैठक की. बैठक में पुलिस महानिदेशक, गृह विभाग के प्रधान सचिव, अपर पुलिस महानिदेशक अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग के सचिव मौजूद थे. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य के प्रमंडलीय आयुक्त, पुलिस महानिरीक्षक, पुलिस उपमहानिरीक्षक, सभी डीएम और एसएसपी एसपी शामिल हुए.
अनुसंधान में तेजी लाने के निर्देशः मुख्य सचिव अमृतलाल मीणा ने बैठक में अनुसंधान के लिए लंबित 2 लाख 67 हजार मामलों में तेजी लाने का निर्देश दिया. बैठक में निर्णय लिया गया कि 6 महीने के अंदर अनुसंधान के लिए लंबित मामलों की संख्या 1 लाख तक लाई जाए. उल्लेखनीय है कि राज्य में पूर्व में लगभग 9000 अनुसंधानकर्ता अधिकारी थे, पिछले कुछ वर्ष में सरकार ने विशेष प्रयास करके इनकी संख्या में काफी बढ़ोतरी की है. अभी 23000 अनुसंधान कर्ता हो गये हैं.
लंबित वारंट निष्पादित करने के निर्देशः स्पीडी ट्रायल की समीक्षा करते हुए उसमें और तेजी लाने की रणनीति पर चर्चा हुई. बैठक में यह जानकारी दी गई की सभी डीएम और एसपी ने एक्शन प्लान बनाया है जिसके अंतर्गत आने वाले महीना में समग्र समन्वय प्रयास करते हुए ट्रायल में सुधार का आश्वासन दिया गया. राज्य में विभिन्न थाना में लंबित कुल 46 हजार वैल्युएबल वारंट का कार्यान्वयन तेजी से करने का निर्देश भी मुख्य सचिव ने दिया.