पटना: पद्म भूषण शारदा सिन्हाकी आवाज से हर कोई वाकिफ है. ऐसी मखमली आवाज को हम और आप सालों से सुनते आ रहे हैं. छठ महापर्व पर शारदा सिन्हा के गीत के बिना छठ भी अधूरा सा लगता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऐसी बेजोड़ लाइनें लिखता कौन है? हर छठ व्रती इन लाइनों से खुद को कैसे जोड़ लेता है? यही खासियत शारदा सिन्हा के गीतों की उन्हें खास बनाती है. ऐसे में छठ में एक बार फिर शारदा सिन्हा की मधुर आवाज एक नए गाने में सुनाई दी. तब और खनकदार हो जाती है जब उसके गीतकार हृदय नारायण झा अपने लिखे गीतों
लोक आस्था का पर्व और लोकगीत : लोक आस्था के महापर्व छठ में कई विधि-विधान होते हैं. इन विधि-विधान को करते समय छठ के गीत गाए जाते हैं. जिसमें छठी मैया के महिमा के बखान होते हैं. हर बार छठ के समय कई गायक छठ के गीत लेकर आते हैं लेकिन घर में जो छठ के गीत बजते हैं तो उसमें शारदा सिन्हा के छठ गीत का ही बोलबाला होता है. वजह यह है कि यह आसानी से सभी को छठ से जोड़ देता है. शारदा सिन्हा जी के पुराने लोकगीतों के अलावा छठ के नए गीत गाए हैं, उसे लिखा है हृदय नारायण झा ने जो कि मधुबनी के रहने वाले हैं. शारदा सिन्हा के कई भोजपुरी छठ गीतों को इन्होंने ही लिखा है.
हृदय नारायण झा ने लिखा है शारदा सिन्हा का लेटेस्ट छठ गीत : हृदय नारायण झा ने बताया कि मिथिला साहित्य पर वह काम करते थे और धीरे-धीरे वह लोक साहित्य पर काम करने लगे. इसी दौरान उन्हें भोजपुरी के समृद्ध लोक साहित्य से परिचय हुआ जिसने उन्हें काफी आकर्षित किया. भोजपुरी के लोक साहित्य में स्त्रियों को काफी मान सम्मान दिया गया है. यहां साहित्य में स्त्रियों के बौद्धिक विकास का उत्कर्ष देखने को मिला. भोजपुरी साहित्य में काम करते हुए उन्होंने कुछ भोजपुरी की रचनाओं की और उन्होंने एक भोजपुरी में छठ गीत भी लिखा. इससे पहले वह मैथिली में कई छठ गीत को शारदा सिन्हा के लिए लिख चुके थे.
20 वर्ष पहले पहली बार लिखा भोजपुरी में छठ गीत : हृदय नारायण झा बताते हैं कि शारदा सिन्हा ने एक बार उनसे कहा कि आप संस्कृति के हितैषी हैं, लोक साहित्य पर काम करते हैं तो भोजपुरी में कुछ लिखने का कोशिश कीजिए. इसके बाद उन्होंने भोजपुरी में छठ गीत लिखा. लगभग 20 वर्ष पहले उन्होंने गीत को लिखा और एक विद्वान साहित्यकार को दिखाया कि मैं भोजपुरी साहित्य में अतिक्रमण कर रहा हूं और एक गीत का रचना किया हूं जरा इसे देखिए. यह छठ गीत था और जब यह छठ गीत शारदा सिन्हा के पास गया तो उन्हें बहुत पसंद आया. गीत में संतान प्राप्ति की कामना करते हुए छठ व्रति की छठी मैया से गुहार थी और गीत के बोल थे 'महिमा बा राउर अपार छठी मैया', यह गीत लोगों को काफी पसंद आया.
मैथिली में भी लिखा है छठ गीत : हृदय नारायण शाह बताते हैं कि जब उन्होंने इस गीत को लिखा उस समय मैथिली में भी छठ गीत लिखा था 'सकल जग तारिणी हे छठी मैया'. उन्होंने कहा कि चाहे मैथिली में वह छठ गीत लिखे या हिंदी में छठ गीत लिखे भाव वही रहता है और पूरे बिहार के छठ व्रतियों के लिए वह लागू होता है. उन्होंने कहा कि कई लोगों ने कहा हिंदी में छठ गीत लिखिए लेकिन शुरू में वह कोशिश किया लेकिन हिंदी में एक भी छठ गीत नहीं लिखा. उन्होंने कहा कि हिंदी में छठ गीत में वह भाव भी नहीं आ पाएगा क्योंकि छठ लोक संस्कृति का पर्व है और लोक भाषाओं में ही इसके गीत अच्छे लगेंगे. हिंदी काफी बाद की भाषा है, संस्कृत का अपभ्रंश है और इससे पहले मैथिली और भोजपुरी जैसी लोक भाषण प्रचलित हो चुकी थी.